पाकिस्तान से रिश्ते बेहतर करने के लिए फूंक फूंक कर कदम रखा लेकिन...
नई दिल्ली : पठानकोट हमला केवल हमारे देश की आन बान और शान पर हमला नहीं है बल्कि यह प्रधानमंत्री मोदी के 56 इंच के सीने और उनके जेम्स बांड अजीत डोभाल के आत्मविश्वास पर हमला है। दोनों ने पाकिस्तान से रिश्ते बेहतर करने के लिए बहुत फूंक फूंक कर कदम रखा लेकिन बिस्फोट हो ही गया और 56 इंच का सीना छलनी होने से अजीत डोभाल भी नहीं रोक पाए। आज पूरे भारत में फिर से एंटी पाकिस्तान माहौल बन चुका है। भारत के लोगों में मोदी के लिए इतना गुस्सा है कि उनके 56 इंच के सीने पर जमकर ताना मारा जा रहा है।
मोदी और उनके जेम्स बांड ने इस बार पाकिस्तान से चुप चाप बातचीत करने की योजना बनायी, उन्होंने मीडिया और विपक्ष को बिना बताये बैंकाक में भारत और पाकिस्तान के बीच एनएसए लेवल पर बातचीत की। उन्हें पता था कि इससे पहले जब भी उन्होंने मीडिया और विपक्ष को बताकर पाकिस्तान से बातचीत करनी चाही, आतंकवादी घुसपैठ भी बढ़ गयी और बॉर्डर पर गोलाबारी भी होने लगी थी। इसलिए इस बार चुपचाप तरीके से सीक्रेट डिप्लोमेसी का फार्मूला अपनाकर पाकिस्तान से बातचीत का तरीका निकाला गया। मोदी और अजीत डोभाल का यह प्लान कामयाब रहा और पाकिस्तान ने भी दोनों का भरपूर साथ दिया।
इसके बाद भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ‘हार्ट ऑफ़ एशिया’ सम्मलेन के बहाने पाकिस्तान में जाकर ना सिर्फ विदेश मंत्री सरताज अजीज बल्कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मुलाकात करके आतंकवादियों से लोहा ले लिया। जैसे ही सुषमा स्वराज पाकिस्तान से वापस आयीं, पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद गुस्से से आग बबूला हो गया और सुषमा स्वराज के लिए आपत्तिजनक टिप्पड़ी की। उसने सुषमा स्वराज को वीडियो के माध्यम से कहा ‘ओ सुन, भारत सरकार इतने वर्षों बाद भी मुंबई हमलों का सबूत नहीं पेश कर पाई और आगे भी तुम लोग कुछ नहीं कर पाओगे’।
इसके बाद तो प्रधानमंत्री मोदी ने बारूद पर कदम रखते हुए एकाएक पाकिस्तान जाने की योजना बनायी। उन्होंने काबुल एयरपोर्ट से सीधे पाकिस्तान के लाहौर के लिए उड़ान भरी और नवाज शरीफ के घर पर जाकर उनकी नातिन की शादी में शिरकत की। मोदी ने नवाज शरीफ की माँ के पैर भी छुए। मतलब साफ़ था कि मोदी पाकिस्तान से भावनात्मक रिश्ते बनाकर दोनों देशों में दोस्ती कराना चाहते थे। मोदी के इस कदम से पूरी दुनिया में उनकी तारीफ हुई, सभी से इसे मोदी का मास्टरस्ट्रोक बताया। भारत में भी पाकिस्तान के प्रति दोस्ती का माहौल बनना शुरू हो गया और कुछ समय पहले जो लोग एंटी पाकिस्तानी थे उनका भी पाकिस्तान के प्रति नजरिया बदल गया।
मोदी अपनी जगह पर सही थे लेकिन उन्हें शायद पता नहीं था कि उन्होंने पाकिस्तान की धरती पर नहीं बल्कि आतंक के बारूद पर कदम रखा था। ये तो गनीमत थी कि उनके पाकिस्तान में कदम रखते वक्त यह बारूद नहीं फटा। बारूद एक हफ्ते बाद भारत के पठानकोट में फटा और हमारे सात जवान शहीद हो गए। पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद ने मोदी के पाकिस्तान में हुए स्वागत पर बोला था ‘मोदी एक कातिल है और हम एक कातिल का ऐसा स्वागत होने नहीं देख सकते, उसने नवाज शरीफ को अंजाम भुगतने की धमकी भी दी थी’। उसके अपनी धमकी को सच साबित करते हुए भारत पर हमला करवा दिया।
आतंकवादियों ने अपने आकाओं से बातचीत में कहा कि ‘अब मोदी कभी भी पाकिस्तान में नवाज शरीफ की माँ के पैर छूने नहीं जाएंगे’। इस वक्त भारत में जो हालात हैं उसके बाद मोदी सच में कभी भी पाकिस्तान में चाय पर चर्चा करने नहीं जाएगे और नवाज शरीफ मी माँ के पैर नहीं छुएंगे क्यूँकि नवाज शरीफ की माँ के पैर छूने के बदले हमारे सात सैनिक शहीद होंगे जो हमारे देश के लिए बहुत मंहगा सौदा है।
कुल मिलकर कहा जाए तो मोदी और जेम्स बांड का पाकिस्तान प्लान फेल हो चुका है। भारत में फिर से एंटी पाकिस्तान माहौल बन चुका हैं। हालाँकि लोग यह भी चर्चा कर रहे हैं कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बस में कुछ भी नहीं है वे केवल पाकिस्तानी आर्मी के हाथों की कठपुतली हैं। असल में पाकिस्तान आर्मी ही पाकिस्तान का बॉस है जो भारत के साथ बातचीत नहीं करना चाहती।
अगर पाकिस्तानी आर्मी चाहे तो पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी ठिकानों को एक दिन में तबाह कर दे। पाकिस्तान में एक नहीं दर्जनों आतंकी ठिकाने पल रहे हैं और इन्हें समय समय पर भारत पर कश्मीर पर हमला करने के लिए भेजा जाता है ताकि कश्मीर को लेकर भारत पर दबाव बनाया जा सके। आतंकियों को पाकिस्तानी आर्मी ही भारत में प्रवेश कराती है और उन्हें कहते हैं कि ‘इसके आगे मरने जीने के तुम ही जिम्मेदार होगे’। अगर पाकिस्तानी आर्मी चाह ले तो वह खुद ही आतंकियों को बॉर्डर पर देखते ही गोली मार दे लेकिन वह ऐसा कतई नहीं करेगी। उसका कारण यह है कि आतंकवादी हमले से भारत कमजोर होगा, भारत का आर्थिक विकास प्रभावित होगा तो भारत पाकिस्तान से ताकतवर नहीं बन पाएगा।
पठानकोट हमले में मोदी घायल हो चुके हैं। भारत में उनकी आलोचना हो रही है। उनकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कहा है कि मोदी की चाय ने हमारे सात सैनिकों को मौत की नींद सुना दिया। अब मोदी को कुछ बड़ा करना पड़ेगा तभी उनकी छवि सुधर सकती है। भारत को आतंकवाद पर कठोर पालिसी बनानी पड़ेगी। हमारे सैनिकों को शहीद होने से बचाना पड़ेगा। हमें बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी पड़ेगी। हमें खुफिया एजेंसियों को मजबूत और आधुनिक बनाना पड़ेगा ताकि आतंकवादियों के प्रवेश से पहले ही उन्हें ठोंका जा सके।
मोदी और उनके जेम्स बांड ने इस बार पाकिस्तान से चुप चाप बातचीत करने की योजना बनायी, उन्होंने मीडिया और विपक्ष को बिना बताये बैंकाक में भारत और पाकिस्तान के बीच एनएसए लेवल पर बातचीत की। उन्हें पता था कि इससे पहले जब भी उन्होंने मीडिया और विपक्ष को बताकर पाकिस्तान से बातचीत करनी चाही, आतंकवादी घुसपैठ भी बढ़ गयी और बॉर्डर पर गोलाबारी भी होने लगी थी। इसलिए इस बार चुपचाप तरीके से सीक्रेट डिप्लोमेसी का फार्मूला अपनाकर पाकिस्तान से बातचीत का तरीका निकाला गया। मोदी और अजीत डोभाल का यह प्लान कामयाब रहा और पाकिस्तान ने भी दोनों का भरपूर साथ दिया।
इसके बाद भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ‘हार्ट ऑफ़ एशिया’ सम्मलेन के बहाने पाकिस्तान में जाकर ना सिर्फ विदेश मंत्री सरताज अजीज बल्कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मुलाकात करके आतंकवादियों से लोहा ले लिया। जैसे ही सुषमा स्वराज पाकिस्तान से वापस आयीं, पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद गुस्से से आग बबूला हो गया और सुषमा स्वराज के लिए आपत्तिजनक टिप्पड़ी की। उसने सुषमा स्वराज को वीडियो के माध्यम से कहा ‘ओ सुन, भारत सरकार इतने वर्षों बाद भी मुंबई हमलों का सबूत नहीं पेश कर पाई और आगे भी तुम लोग कुछ नहीं कर पाओगे’।
इसके बाद तो प्रधानमंत्री मोदी ने बारूद पर कदम रखते हुए एकाएक पाकिस्तान जाने की योजना बनायी। उन्होंने काबुल एयरपोर्ट से सीधे पाकिस्तान के लाहौर के लिए उड़ान भरी और नवाज शरीफ के घर पर जाकर उनकी नातिन की शादी में शिरकत की। मोदी ने नवाज शरीफ की माँ के पैर भी छुए। मतलब साफ़ था कि मोदी पाकिस्तान से भावनात्मक रिश्ते बनाकर दोनों देशों में दोस्ती कराना चाहते थे। मोदी के इस कदम से पूरी दुनिया में उनकी तारीफ हुई, सभी से इसे मोदी का मास्टरस्ट्रोक बताया। भारत में भी पाकिस्तान के प्रति दोस्ती का माहौल बनना शुरू हो गया और कुछ समय पहले जो लोग एंटी पाकिस्तानी थे उनका भी पाकिस्तान के प्रति नजरिया बदल गया।
मोदी अपनी जगह पर सही थे लेकिन उन्हें शायद पता नहीं था कि उन्होंने पाकिस्तान की धरती पर नहीं बल्कि आतंक के बारूद पर कदम रखा था। ये तो गनीमत थी कि उनके पाकिस्तान में कदम रखते वक्त यह बारूद नहीं फटा। बारूद एक हफ्ते बाद भारत के पठानकोट में फटा और हमारे सात जवान शहीद हो गए। पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद ने मोदी के पाकिस्तान में हुए स्वागत पर बोला था ‘मोदी एक कातिल है और हम एक कातिल का ऐसा स्वागत होने नहीं देख सकते, उसने नवाज शरीफ को अंजाम भुगतने की धमकी भी दी थी’। उसके अपनी धमकी को सच साबित करते हुए भारत पर हमला करवा दिया।
आतंकवादियों ने अपने आकाओं से बातचीत में कहा कि ‘अब मोदी कभी भी पाकिस्तान में नवाज शरीफ की माँ के पैर छूने नहीं जाएंगे’। इस वक्त भारत में जो हालात हैं उसके बाद मोदी सच में कभी भी पाकिस्तान में चाय पर चर्चा करने नहीं जाएगे और नवाज शरीफ मी माँ के पैर नहीं छुएंगे क्यूँकि नवाज शरीफ की माँ के पैर छूने के बदले हमारे सात सैनिक शहीद होंगे जो हमारे देश के लिए बहुत मंहगा सौदा है।
कुल मिलकर कहा जाए तो मोदी और जेम्स बांड का पाकिस्तान प्लान फेल हो चुका है। भारत में फिर से एंटी पाकिस्तान माहौल बन चुका हैं। हालाँकि लोग यह भी चर्चा कर रहे हैं कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बस में कुछ भी नहीं है वे केवल पाकिस्तानी आर्मी के हाथों की कठपुतली हैं। असल में पाकिस्तान आर्मी ही पाकिस्तान का बॉस है जो भारत के साथ बातचीत नहीं करना चाहती।
अगर पाकिस्तानी आर्मी चाहे तो पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी ठिकानों को एक दिन में तबाह कर दे। पाकिस्तान में एक नहीं दर्जनों आतंकी ठिकाने पल रहे हैं और इन्हें समय समय पर भारत पर कश्मीर पर हमला करने के लिए भेजा जाता है ताकि कश्मीर को लेकर भारत पर दबाव बनाया जा सके। आतंकियों को पाकिस्तानी आर्मी ही भारत में प्रवेश कराती है और उन्हें कहते हैं कि ‘इसके आगे मरने जीने के तुम ही जिम्मेदार होगे’। अगर पाकिस्तानी आर्मी चाह ले तो वह खुद ही आतंकियों को बॉर्डर पर देखते ही गोली मार दे लेकिन वह ऐसा कतई नहीं करेगी। उसका कारण यह है कि आतंकवादी हमले से भारत कमजोर होगा, भारत का आर्थिक विकास प्रभावित होगा तो भारत पाकिस्तान से ताकतवर नहीं बन पाएगा।
पठानकोट हमले में मोदी घायल हो चुके हैं। भारत में उनकी आलोचना हो रही है। उनकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कहा है कि मोदी की चाय ने हमारे सात सैनिकों को मौत की नींद सुना दिया। अब मोदी को कुछ बड़ा करना पड़ेगा तभी उनकी छवि सुधर सकती है। भारत को आतंकवाद पर कठोर पालिसी बनानी पड़ेगी। हमारे सैनिकों को शहीद होने से बचाना पड़ेगा। हमें बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी पड़ेगी। हमें खुफिया एजेंसियों को मजबूत और आधुनिक बनाना पड़ेगा ताकि आतंकवादियों के प्रवेश से पहले ही उन्हें ठोंका जा सके।
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