पठानकोट हमला रक्षा मंत्री पर्रिकर ने माना, कुछ कमियां रह गईं
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को कहा कि छह आतंकियों को मौत के घाट उतरने के साथ पठानकोट में एनकाउंटर खत्म हो गया है, लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर कॉम्बिंग ऑपरेशन यानी तलाशी अभियान बुधवार तक जारी रहने के आसार हैं. एयरफोर्स बेस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पर्रिकर ने हमले के पीछे पाकिस्तानी हाथ होने के भी संकेत दिए हैं.
आतंकी हमले के तीसरे दिन पर्रिकर मीडिया के सामने आए तो सवालों की बौछार जैसे उनका इंतजार कर रही थी. अपने जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि एनआईए जांच में हमले के पीछे की साजिश के सबूत मिलेंगे. उन्होंने कहा कि आतंकियों के वॉइस सैंपल और कॉल डिटेल से पाकिस्तान के खिलाफ ठोस सूबत बनेंगे.
इंटेलीजेंस इनपुट के बावजूद पठानकोट ऑपरेशन के 85 घंटों से अधिक तक चलने और अभी जारी रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एयर बेस में तीन हजार परिवार रहते हैं, यह काफी बड़ा है जिसकी लंबाई लगभग 24.7 किलोमीटर है. इसके अलावा आतंकियों के पास भारी मात्रा में विस्फोटक होने की आशंका है. इन्हीं सब कारणों से ऑपरेशन में ज्यादा समय लगा.
'सुरक्षा में चूक से नहीं किया इनकार'
अपनी सादगी और साफ जवाबों के लिए मशहूर रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने का शक है, लेकिन NIA इस मामले की जांच कर रहा है और जांच पूरी होने के बाद सब साफ हो जाएगा. पर्रिकर ने तलाशी अभियान के बारे में ज्यादा जानकारी देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि अभी ऑपरेशन चल रह है इसलिए हमले से संबंधित सभी जानकारियां नहीं दी जा सकती.
रक्षा मंत्री ने इसके साथ ही पठानकोट हमले में सुरक्षा व्यवस्था पर हुई चूक से भी इनकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था में थोड़ी चूक हुई है. पर्रिकर ने कहा, 'इटेलिजेंस इनपुट से लेकर ऑपरेशन में गैप्स देखे गए हैं. यह जांच में साफ होगा कि चूक कहां रह गई, लेकिन सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया गया.'
बरामद की गईं 40-50 किलो गोलियां
पर्रिकर ने कहा कि सुरक्षाबलों और आतंकियों में एनकाउंटर सिर्फ 36 से 38 घंटे चला है, बाकी वक्त सेना ने तलाशी अभियान चलाया है. उन्होंने जानकारी दी कि सेना ने एयरबेस से 40-50 किलो गोलियां, एके-47 और कुछ मोर्टार बरामद किए है. पर्रिकर ने कहा कि एयरबेस की सभी बिल्डिंग्स सुरक्षित हैं, बस एक थोड़ी क्षतिग्रस्त हुई है. रक्षा मंत्री ने सेना, NSG और एयरफोर्स के साझा अभियान की भी जमकर सराहना की.
आतंकियों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट
रक्षा मंत्री ने बताया कि आतंकियों की लाश काफी जल चुकी है. ऐसे में उनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा. रक्षामंत्री के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आर्मी चीफ दलबीर सिंह और वायुसेना चीफ अरूप राहा भी मौजूद थे. आतंकियों ने शनिवार तड़के 3:30 बजे पठानकोट में वायुसेना के एयरबेस पर हमला किया था. इस ओर जवाबी कार्रवाई में 7 जांबाज जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 20 अन्य घायल हैं. पर्रिकर ने कहा कि वह खुद शहीद जवानों के परिवार से मुलाकात करेंगे.
वायुसेना के साजो-सामान को नुकसान नहीं
मनोहर पर्रिकर ने कहा कि आतंकी जिस भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक लेकर आए थे, उससे स्पष्ट है कि उनका मुख्य लक्ष्य वायुसेना के साजो-सामान को नष्ट करना था. लेकिन वो ऐसा करने में नाकाम साबित हुए. रक्षामंत्री ने कहा कि उनकी मुख्य चिंता इस बात को लेकर है कि आखिर आतंकी एयरबेस में इतनी अंदर तक कैसे पहुंच गए. उन्होंने कहा, 'इस बारे में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.'
क्या कहा शहीदों के बारे में
रक्षा मंत्री ने बताया कि एक कमांडो को छोड़कर किसी अन्य जवान की मौत डायरेक्ट ऑपरेशन में नहीं हुई है. जगदीश चंद्र बदकिस्मती से हमले का शिकार हुए. ऑपरेशन में मौत का शिकार हुए सभी जवानों को शहीद मानेंगे. एयरबेस में नुकसान नहीं हुआ. पर्रिकर ने कहा, 'मैंने खुद पिछले डेढ़ घंटे में उस जगह का दौरा किया, जहां हमला हुआ. मैं आर्म्ड फोर्सेस, गरुड़ कमांडो और एनएसजी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने सफल ऑपरेशन किया.'
आतंकी हमले के तीसरे दिन पर्रिकर मीडिया के सामने आए तो सवालों की बौछार जैसे उनका इंतजार कर रही थी. अपने जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि एनआईए जांच में हमले के पीछे की साजिश के सबूत मिलेंगे. उन्होंने कहा कि आतंकियों के वॉइस सैंपल और कॉल डिटेल से पाकिस्तान के खिलाफ ठोस सूबत बनेंगे.
इंटेलीजेंस इनपुट के बावजूद पठानकोट ऑपरेशन के 85 घंटों से अधिक तक चलने और अभी जारी रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एयर बेस में तीन हजार परिवार रहते हैं, यह काफी बड़ा है जिसकी लंबाई लगभग 24.7 किलोमीटर है. इसके अलावा आतंकियों के पास भारी मात्रा में विस्फोटक होने की आशंका है. इन्हीं सब कारणों से ऑपरेशन में ज्यादा समय लगा.
'सुरक्षा में चूक से नहीं किया इनकार'
अपनी सादगी और साफ जवाबों के लिए मशहूर रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने का शक है, लेकिन NIA इस मामले की जांच कर रहा है और जांच पूरी होने के बाद सब साफ हो जाएगा. पर्रिकर ने तलाशी अभियान के बारे में ज्यादा जानकारी देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि अभी ऑपरेशन चल रह है इसलिए हमले से संबंधित सभी जानकारियां नहीं दी जा सकती.
रक्षा मंत्री ने इसके साथ ही पठानकोट हमले में सुरक्षा व्यवस्था पर हुई चूक से भी इनकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था में थोड़ी चूक हुई है. पर्रिकर ने कहा, 'इटेलिजेंस इनपुट से लेकर ऑपरेशन में गैप्स देखे गए हैं. यह जांच में साफ होगा कि चूक कहां रह गई, लेकिन सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया गया.'
बरामद की गईं 40-50 किलो गोलियां
पर्रिकर ने कहा कि सुरक्षाबलों और आतंकियों में एनकाउंटर सिर्फ 36 से 38 घंटे चला है, बाकी वक्त सेना ने तलाशी अभियान चलाया है. उन्होंने जानकारी दी कि सेना ने एयरबेस से 40-50 किलो गोलियां, एके-47 और कुछ मोर्टार बरामद किए है. पर्रिकर ने कहा कि एयरबेस की सभी बिल्डिंग्स सुरक्षित हैं, बस एक थोड़ी क्षतिग्रस्त हुई है. रक्षा मंत्री ने सेना, NSG और एयरफोर्स के साझा अभियान की भी जमकर सराहना की.
आतंकियों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट
रक्षा मंत्री ने बताया कि आतंकियों की लाश काफी जल चुकी है. ऐसे में उनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा. रक्षामंत्री के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आर्मी चीफ दलबीर सिंह और वायुसेना चीफ अरूप राहा भी मौजूद थे. आतंकियों ने शनिवार तड़के 3:30 बजे पठानकोट में वायुसेना के एयरबेस पर हमला किया था. इस ओर जवाबी कार्रवाई में 7 जांबाज जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 20 अन्य घायल हैं. पर्रिकर ने कहा कि वह खुद शहीद जवानों के परिवार से मुलाकात करेंगे.
वायुसेना के साजो-सामान को नुकसान नहीं
मनोहर पर्रिकर ने कहा कि आतंकी जिस भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक लेकर आए थे, उससे स्पष्ट है कि उनका मुख्य लक्ष्य वायुसेना के साजो-सामान को नष्ट करना था. लेकिन वो ऐसा करने में नाकाम साबित हुए. रक्षामंत्री ने कहा कि उनकी मुख्य चिंता इस बात को लेकर है कि आखिर आतंकी एयरबेस में इतनी अंदर तक कैसे पहुंच गए. उन्होंने कहा, 'इस बारे में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.'
क्या कहा शहीदों के बारे में
रक्षा मंत्री ने बताया कि एक कमांडो को छोड़कर किसी अन्य जवान की मौत डायरेक्ट ऑपरेशन में नहीं हुई है. जगदीश चंद्र बदकिस्मती से हमले का शिकार हुए. ऑपरेशन में मौत का शिकार हुए सभी जवानों को शहीद मानेंगे. एयरबेस में नुकसान नहीं हुआ. पर्रिकर ने कहा, 'मैंने खुद पिछले डेढ़ घंटे में उस जगह का दौरा किया, जहां हमला हुआ. मैं आर्म्ड फोर्सेस, गरुड़ कमांडो और एनएसजी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने सफल ऑपरेशन किया.'
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