-->

Breaking News

रत्नेश ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर सतना को विश्व में दिलाई एक नई पहचान

सतना। मोटर सायकिलिंग में अद्भुत करतब दिखा कर तीन विश्व रिकार्ड अपने नाम कर चुके सतना के रत्नेश पाण्डेय ने एक और कीर्तिमान रचकर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का गौरव बढ़ाया है। रत्नेश ने समुद्र तल से 8 हजार 8 सौ 48 मीटर की उंचाई पर स्थित विश्व के सबसे उंची एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ कर तिरंगे को लहराकर राष्ट्र गान जन गण मन का गायन किया। रत्नेश की इस कामयाबी ने उन्हें मध्यप्रदेश का पहला पर्वतारोही बना दिया है। उनकी इस कामयाबी से सतना जिलेवासियों को ही नही बल्कि प्रदेशवासियों को भी गर्व है।

बर्फीली हवाएं भी नहीं रोक पाई

एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने के लिए रत्नेश ने अपने अंतिम चरण के पर्वतारोहण की शुरूआत रात 8 बजे की और 21 मई की सुबह 6 बज कर 35 मिनट पर वे लक्ष्य तक पहुंच गए। शिखर पर उस वक्त पारा माइनस 40 डिग्री सेल्सियस था। बर्फीली हवाएं 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही थी। बावजूद इसके रत्नेश ने हार नहीं मानी और उंचाई पर पहुंचकर कामयाबी हासिल कर ली। रत्नेश के अलावा 16 पर्वतारोही और थे। जिसमें से एक भारतीय और था। जिनमें से सिर्फ 10 पर्वतारोही ही कामयाब हुए।

दोबारा प्रयाय में हुए कामयाब

दरअसल रत्नेश पाण्डेय भारत, ऑस्ट्रलिया, डेनमार्क, फ्रांस, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका और नेपाल के संयुक्त तत्वावधान में गठित व एशियन ट्रेकिंग कंपनी नेपाल की संरक्षण में नेपाल के माउंट एवरेस्ट में ट्रकिंग करने के इरादे से काठमांडू पहुंचे थे। पिछले साल नेपाल में भूकंप आने की वजह से रत्नेश का एवरेस्ट चढ़ने का सपना पूरा नहीं हुआ था। तूफान में फंसने की वजह से उसका अपने दल से संपर्क टूट गया। यहां घर-परिवार वाले भी चिंतित थे। मां का तो रो-रोकर बुरा हाल रहा। दो दिन बाद नेपाल सेना का हेलीकॉप्टर रत्नेश को सुरक्षित बेस कैंप ले आया था। बावजूद इसके रत्नेश ने अपना हौसला नहीं खोया, और दोबारा प्रयास के बाद अखिरकार उन्होने फतह हासिल ही कर ली।

प्रदेश का नाम रोशन करने का था जुनून

रत्नेश के सिर पर आपने जिला सतना और मध्यप्रदेश का नाम रोशन करने का जुनून सवार था। रत्नेश अपने परिवार वालों से हमेशा कहता था कि मध्यप्रदेश से अब तक कोई भी शख्स एवरेस्ट की चोटी तक नहीं पहुंचा है। यह कीर्तिमान उसे बनाना है। रत्नेश के पिता जयचंद पाण्डेय ने बताया कि हम तो हमेशा उसके इस जिद से डरे सहमे रहते थे। लेकिन रत्नेश कहना था कि वह सतना और अपने प्रदेश का नाम रोशन करना चाहता है।

तीन अवार्ड हासिल कर चुके रत्नेश

रत्नेश का शौक सिर्फ ट्रैकिंग करना ही नही है। उनकी झोली में बाइक राइडिंग के विश्व स्तरीय खिताब भी है। रत्नेश ने 32.3 किलोमीटर दोनों हाथ छोड़कर मोटर चलाई। दूसरी बार उन्होंने बाइक के जरिए बगैर रूके 175 सर्किल बनाएं। तीसरा कमाल उन्होंने पीछे की ओर मुंह करके 14 किलोमीटर मोटर साइकिल चलाई है। तीन करतब दिखाकर उन्होने तीन अवार्ड अपने नाम पहले ही कर लिया है।

कर्ज लेकर हासिल की फतह

अपना जुनून पूरा करने के लिए रत्नेश को एवरेस्ट के शिखर पर तिरंगा लहराने के लिए 25 लाख रुपये का खर्च आया है। इसके लिए उन्होंने अपने दोस्तों से 12 लाख रूपये कर्ज ले लिया था। रत्नेश ने बताया कि सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रभारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और आईएएस अफसर इकबाल सिंह वैश्य ने भी उनकी बड़ी मदद की।

1 comment

BSF Notification 2016 said...

Great Information in the post

सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com