रक्षा मंत्री पार्रिकर के बयान पर कांग्रेस का तीखा प्रहार...
नई
दिल्ली: रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा कि देश के खिलाफ बोलने वालों
को सबक सिखाना जरूरी है। पार्रिकर ने इस संबंध में अभिनेता आमिर खान और
जे.एन.यू. छात्रों का अप्रत्यक्ष रूप से उल्लेख किया है। पार्रिकर के इस
बयान से कांग्रेस ने उन पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि रक्षा मंत्री का
काम देश की रक्षा करना है न कि किसी को धमकाना है। कांग्रेस उपाध्यक्ष
राहुल गांधी ने कहा,‘‘ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आर.एस.एस.)और पार्रिकर
जी सबको सबक सिखाना चाहते हैं। एक सबक आपके लिए भी है, कायर लोग ही नफरत
करते हैं और इसकी कभी जीत नहीं होती।’’
कांग्रेस नेता रणदीप सुर्जेवाला ने आमिर खान और जे.एन.यू. के संबंध में दिए गए बयान को लेकर पार्रिकर पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि वह दलितों, अल्पसंख्यकों, लेखकों, अभिनेताओं को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। सुर्जेवाला ने यह सवाल भी उठाया कि क्या पार्रिकर का काम भारत की पाकिस्तान जैसे हमलावरों से रक्षा करना है या अभिनेता आमिर खान जैसे देश के नागरिकों को धमकी देना है।
पार्रिकर ने पुणे में एक समारोह में कहा कि पुणे, दिल्ली या श्रीनगर में बैठकर देश के विरोध में जो लोग बोलते हैं उन्हें किसी न किसी का समर्थन जरूर मिलता होगा। ऐसे लोगों को सबक सिखाना जरूरी है।
पार्रिकर ने आगे कहा कि देश के किसी एक इलाके में सेना को कानून व व्यवस्था के लिए नियुक्त किया गया हो तो अन्य लोगों को वहां दखल देने की जरूरत नहीं। अगर सेना पर कोई हमला कर रहा है तो जवाब लोगों को ही देना होगा। हमारे लिए एक-एक जवाब कीमती है। इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
पार्रिकर ने अपने भाषण में आमिर खान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ माह पहले एक अभिनेता की पत्नी ने देश के खिलाफ बयान दिया था। देश के लोगों ने इसका सही जवाब दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि इस अभिनेता को एक बड़ी ई-कामर्स कम्पनी के विज्ञापन से हटाया गया। पार्रिकर ने जे.एन.यू. में देश विरोधी नारेबाजी की घटना का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि कुछ लोगों को देश के खिलाफ बोलने का साहस हो जाता है। ऐसे लोगों को जनता द्वारा सबक सिखाया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता रणदीप सुर्जेवाला ने आमिर खान और जे.एन.यू. के संबंध में दिए गए बयान को लेकर पार्रिकर पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि वह दलितों, अल्पसंख्यकों, लेखकों, अभिनेताओं को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। सुर्जेवाला ने यह सवाल भी उठाया कि क्या पार्रिकर का काम भारत की पाकिस्तान जैसे हमलावरों से रक्षा करना है या अभिनेता आमिर खान जैसे देश के नागरिकों को धमकी देना है।
पार्रिकर ने पुणे में एक समारोह में कहा कि पुणे, दिल्ली या श्रीनगर में बैठकर देश के विरोध में जो लोग बोलते हैं उन्हें किसी न किसी का समर्थन जरूर मिलता होगा। ऐसे लोगों को सबक सिखाना जरूरी है।
पार्रिकर ने आगे कहा कि देश के किसी एक इलाके में सेना को कानून व व्यवस्था के लिए नियुक्त किया गया हो तो अन्य लोगों को वहां दखल देने की जरूरत नहीं। अगर सेना पर कोई हमला कर रहा है तो जवाब लोगों को ही देना होगा। हमारे लिए एक-एक जवाब कीमती है। इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
पार्रिकर ने अपने भाषण में आमिर खान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ माह पहले एक अभिनेता की पत्नी ने देश के खिलाफ बयान दिया था। देश के लोगों ने इसका सही जवाब दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि इस अभिनेता को एक बड़ी ई-कामर्स कम्पनी के विज्ञापन से हटाया गया। पार्रिकर ने जे.एन.यू. में देश विरोधी नारेबाजी की घटना का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि कुछ लोगों को देश के खिलाफ बोलने का साहस हो जाता है। ऐसे लोगों को जनता द्वारा सबक सिखाया जाना चाहिए।
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