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कावेरी के पानी पर जल उठे कर्नाटक-तमिलनाडु, पुलिस फायरिंग में 1 मरा

बेंगलुरु: कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच तनातनी हिंसा का रूप लेती जा रही है. बेंगलुरु के पास करीब 20 बसों को आग के हवाले कर दिया गया. मैसूर और बेंगलुरु में तमिलनाडु की गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी किए जाने के बाद शहर में बड़े समूहों के जमावड़े पर रोक लगा दी गई है. तमिलनाडु तक जाने वाली बस सेवाएं भी फिलहाल रोक दी गई हैं. सीमा पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है ताकि राज्य में कोई वाहन प्रवेश न कर सके. स्कूल और कॉलेज भी शहर में बंद हैं.

कर्नाटक में जगह-जगह लोग सड़कों पर निकल रहे हैं और विरोध कर रहे हैं. कई जगहों पर तोड़फोड़ की गई है. सड़कों पर रैपिड ऐक्शन फोर्स के जवानों को तैनात करना पड़ा है. RAF, CRPF की कई कंपनियां तैनात की गई हैं। 200 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को दिए ज्यादा दिन तक कम पानी छोड़ने का आदेश

सोमवार की सुबह चेन्नई के न्यू वुडलैंड्स होटल पर कथित तौर पर एक तमिल संगठन द्वारा हमला किया गया. हमलावरों ने होटल की खिड़कियों के शीशे तोड़े और कुछ पर्चे भी छोड़े जिसमें लिखा गया था कि अगर कर्नाटक में तमिल लोगों पर हमला किया गया तो इसका बदला लिया जाएगा.

इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक इस हमले में 10 लोग शामिल हैं. कर्नाटक से आने वाले पर्यटकों के पांच वाहन जिसमें दो बसें शामिल हैं पर तमिलनाडु में हमला किया गया.

उधर रविवार को बेंगलुरू में एक 22 साल के एक तमिल छात्र को पीटा गया और उसका वीडियो बनाया गया क्योंकि उसने कन्नड़ अभिनेताओं पर कथित तौर पर अभद्र टिप्पणियां कसी थीं, साथ ही कावेरी विवाद पर भी सोशल मीडिया पर लिखा था. पुलिस का कहना है कि उन्हें हमले की जानकारी तभी हुई जब इससे संबंधित एक वीडियो वायरल हुआ. बताया जा रहा है कि उस लड़के के माफी मांगे जाने के बाद इस गुट ने उसे छोड़ दिया.कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या ने भी अपील की है कि सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले अभियान नहीं चलाए जाएं.

बता दें कि दोनों राज्यों के बीच तब तनाव बढ़ गया जब पिछले हफ्ते कर्नाटक को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह कावेरी नदी से तमिलनाडु के लिए अगले दस दिन तक रोज़ाना 15 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़े. कावेरी दोनों ही राज्यों से होकर गुज़रती है. वहीं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें राज्य ने कहा था कि वह 15 हज़ार क्यूसेक पानी नहीं छोड़ पाएगा. इस पर कोर्ट ने अपने आदेश में बदलाव करते हुए कर्नाटक से 20 सितंबर तक हर दिन 12 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए कहा है. आदेश में किए गए इस बदलाव से कर्नाटक को तो कोई राहत नहीं मिली, इसके उलट तमिलनाडु को अब और अधिक पानी मिलेगा.

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