ब्लॉग लिखने के लिए क्या फांसी दे दी जानी चाहिए: आशुतोष
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री संदीप कुमार के बचाव में विवादास्पद ब्लॉग लिखने के कारण राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से तलब किये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी(आप) के नेता आशुतोष ने सवाल किया कि क्या भारत एक फासीवादी देश में बदल गया है और एक ब्लॉग लिखने के लिए क्या उन्हें फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।
आशुतोष ने महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम की ओर से उन्हें सात सितंबर को तलब किए जाने पर अपने टविट की श्रृंखला में इस सम्मन की मंशा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि कुमरमंगलम अभी भी भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय सदस्य हैं। पत्रकार से राजनीतिज्ञ बने आशुतोष ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख सहमति से सेक्स के बारे में लिखने वाले हर लेखक को तलब कर रही हैं।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, क्या किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है? क्या भारत एक फासीवादी देश में तब्दील हो रही है? राष्ट्रीय महिला आयोग से सूचना मिली। क्या एक कॉलम लिखने के लिए मुझे फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए? गौरतलब है कि महिला आयोग ने आशुतोष को दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री संदीप कुमार का एक सेक्स सीडी कांड में बचाव के प्रयास में विवादास्पद ब्लॉग लिखने के लिये आठ सितम्बर को तलब किया है।
आशुतोष ने महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम की ओर से उन्हें सात सितंबर को तलब किए जाने पर अपने टविट की श्रृंखला में इस सम्मन की मंशा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि कुमरमंगलम अभी भी भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय सदस्य हैं। पत्रकार से राजनीतिज्ञ बने आशुतोष ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख सहमति से सेक्स के बारे में लिखने वाले हर लेखक को तलब कर रही हैं।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, क्या किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है? क्या भारत एक फासीवादी देश में तब्दील हो रही है? राष्ट्रीय महिला आयोग से सूचना मिली। क्या एक कॉलम लिखने के लिए मुझे फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए? गौरतलब है कि महिला आयोग ने आशुतोष को दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री संदीप कुमार का एक सेक्स सीडी कांड में बचाव के प्रयास में विवादास्पद ब्लॉग लिखने के लिये आठ सितम्बर को तलब किया है।

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