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प्रदेश में अध्यापकों की नई तबादला नीति तैयार

भोपाल । प्रदेश में अध्यापकों के तबादले की नई नीति बनकर तैयार हो गई। नई नीति को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलते ही लागूू कर दिया जाएगा। इसके बाद प्रदेश में पुरुष और महिला अध्यापकों के तबादले एक साथ किए जाएंगे। हालांकि इस तबादला नीति का फायदा अध्यापकों को नवंबर माह से ही मिल सकेगा। इसकी वजह है नवंबर से शुरु होने वाली ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया ।

विभागीय अधिकारियों की माने तो अगली कैबिनेट बैठक मेंं अध्यापकों के स्थानान्तरण नीति की पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। नई नीति में एनओसी समाप्ति और स्थल चयन ऑप्शन में वृद्धि जैसी नए प्रावधान किए गए हैं। जिसकेे चलते अध्यापकों के तबादले की प्रक्रिया सहज और सरल हो जाएगी। इसी वर्ष जनवरी माह के दौरान लोक शिक्षण संचालनालय ने जो नीति तैयार की थी, उसमें निकायों से एनओसी समाप्त करने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा गया था। अभी तक महिलाओं के होने वाले तबादलों में मौजूदा और नया पदांकन स्थल यानि दोनों जगहों की निकायों से एनओसी लेनी पड़ती थी। जिसे समाप्त करने के प्रावधान किए गए हैं। अब अधिकारियों का कहना है कि अध्यापक को एक जगह की एनओसी लेनी पड़ सकती है। वर्तमान में जहां पदस्थापना है, अध्यापक को वहां की एनओसी लेना पड़ेगी।

प्रदेश में अध्यापकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरु होगी। अफसरोंं का कहना है कि स्थानांतरण प्रक्रिया मार्च तक चलेगी। हां बोर्ड परीक्षाओं की अवधि में स्थानांतरण प्रक्रिया को रोका जा सकता है। उसके बाद फिर तबादलों का दौर शुरु कर दिया जाएगा। एक नई व्यवस्था और की गई है कि अभी तक जिन महिलाओं और विकलांगों के तबादले होते थे, तो उन्हें पसंदीदा स्थान चयन करने के लिए 10 ऑप्शन दिए जाते थे। अब नई स्थानान्तरण नीति में 20 ऑप्शन दिए जाएंगे।

प्रदेश की विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में पदस्थ कोई ढाई लाख पुरुष एवं महिला अध्यापकों के तबादले एक साथ होंगे। अभी तक महिला एवं विकलांग (महिला-पुरुष) अध्यापक स्थानांतरण का लाभ लेते रहे। अब सालों से प्रतीक्षा कर रहे पुरुषों को स्थानांतरण का लाभ मिलेगा। यानि अलग-अलग नौकरी करते पति-पत्नी एक साथ रह सकते हैं। बनाई गई स्थानांतरण नीति का शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने बारीकी से परीक्षण कर लिया है।

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