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प्रतिक्रिया : मध्यप्रदेश बजट पर जानिए किसने क्या कहा....

एमपी के बजट में स्वच्छ भारत मिशन और गांवों की तरक्की को ध्यान में रखा गया है। बजट में दीनदयाल उपाध्याय की अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की अवधारणा को ध्यान में रखा गया है। अच्छे बजट के लिए राज्य सरकार बधाई की पात्र है।
नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री


ऐतिहासिक बजट है, पांच रुपए में भोजन की थाली, विधवा को पेंशन है।  चिकित्सा की बेहतर सुविधाएं है। इसके अलावा कई नई योजनाएं बजट में हैं। वित्तमंत्री को शानदार बजट के लिए बधाई देता हूं।
नरोत्तम मिश्रा, जलसंसाधन मंत्री


बजट अच्छा और विकास प्रेरक है। इसमें गृह विभाग के लिए 5 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। जिसमें आंतरिक सुरक्षा और पुलिस के आधुनिकीकरण के काम किए जा सकेंगे।
भूपेन्द्र सिंह, गृहमंत्री


बजट हर वर्ग के लिए कल्याणकारी है। इसमें सभी वर्गो का ख्याल रखा गया है। कई अधूरी परियोजनाओं को भी पूरा करने का संकल्प बजट में दिखता है। विकास की दर लगातार बढ़ना प्रदेश सरकार की सफलता है।
राजेन्द्र शुक्ल, उद्योग मंत्री


सरकार ने राजस्व विभाग के लिए अच्छा प्रावधान किया है। अब नियम बनाया है कि रजिस्ट्री के पहले सारे अधिकारी राजस्व अभिलेखों को देखेंगे जिससे रजिस्ट्री होते ही नामांतरण हो जाएगा।
उमाशंकर गुप्ता, राजस्व मंत्री

 प्रदेशवासियों की मूलभूत आवश्यकताओं की ओर पर्याप्त ध्यान दिया गया है। नर्मदा-संरक्षण, खेती-किसानी, महिलाओं और बच्चों के कल्याण तथा अधोसरंचना विकास के लिए पर्याप्त राशि रखी गई है। बिजली सुविधाओं के विस्तार को भी प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि बजट में सभी वर्ग के कल्याण को ध्यान में रखा गया है।
पारस जैन, ऊर्जा मंत्री

बजट लोक कल्याणकारी और जनहितैषी है। कुसुम महदेले ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट में गरीब, कमजोर और सर्वहारा वर्ग के हित में अनेक कदम उठाए हैं, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इन वर्गों के प्रति सोच और चिंतन को दिखाता है। राज्य सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखकर सिंचाई सुविधाओं के विस्तार को उच्च प्राथमिकता दी है। बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हैंडपम्पों के लिए 900 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। महदेले ने कहा कि बजट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप शौचालयों के निर्माण और स्वच्छता कार्यक्रम को प्राथमिकता देकर पर्याप्त राशि रखी गई है। राज्य सरकार ने बजट में सड़क निर्माण, उद्योग, बिजली, पानी, शिक्षा में गुणवत्ता सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, महिला सशक्तीकरण और और नगरीय अधोसंरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। शासकीय कर्मियों के लिए सातवां वेतनमान की घोषणा स्वागत योग्य है। उन्होंने बजट को संतुलित और बेहतर परिणाम लाने वाला बताया है।
सुश्री कुसुम महदेले, पीएचई एंव जेल मंत्री

मध्यप्रदेश सरकार का बजट खेती के साथ-साथ विकास को गति देने वाला बजट है। बजट में कृषि क्षेत्र में अलग-अलग योजनाओं में पर्याप्त प्रावधान होने से किसानों को खेती करना आसान होगा।
गौरीशंकर बिसेन, किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री

बजट को सबको सुख देने और सबके दु:ख हर लेने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि बजट में सबके साथ सबका विकास का संकल्प है। मध्यप्रदेश की विकास दर राष्ट्रीय औसत से अधिक होना एक बड़ी उपलब्धि है। श्रीमती सिंह ने सेवारत विधवाओं को छोड़ कर सभी विधवाओं को पेंशन देने के निर्णय और दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीब को 5 रूपये में भोजन उपलब्ध कराने के प्रावधान को ऐतिहासिक बताया है। प्रदेश के टैलेन्ट को उभारने के लिए और उसे राष्ट्रीय क्षितिज पर रेखांकित करने के लिये मुख्यमंत्री मेधावी छात्र सहायता योजना निश्चित ही प्रदेश की तस्वीर और तकदीर को बदलेगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने की घोषणा से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश को पर्यटन क्षेत्र में देश में अग्रणी बनाने के जो प्रयास किये गये हैं, उनके लिये बजट में पर्याप्त प्रावधान होने से निश्चित ही प्रदेश पर्यटकों की प्रथम पसंद बनेगा।
माया सिंह, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री

बजट में जहां पिछले दस वर्ष की सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं का परिणाम दिखलाई देता है वहीं भविष्य के मध्यप्रदेश को देश में अग्रणी बनाने की दृढ़इच्छा दिखती है। सारंग ने कहा कि दीनदयाल रसोई योजना से अब प्रदेश में कोई भी गरीब भूखा नहीं सोएगा।
विश्वास सारंग, सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

सरकार का यह बजट बहुत बढ़िया है। सरकार ने सभी विधवाओं के लिए पेंशन का प्रावधान किया है जो काबिलेतारीफ है। सिंचाई योजनाओं के लिए राशि देने से सिंचाई योजनाओं का उन्नयन होगा।
बाबूलाल गौर, पूर्व मुख्यमंत्री

निराशाजनक बजट रहा। किसी को कहीं से कोई राहत नहीं दी। यह सरकार जनता के हित में सोचती ही नहीं है। इसलिए बजट में गरीब, आदिवासियों की चिंता भी नहीं झलकी।
बाला बच्चन, उपनेता प्रतिपक्ष


प्रदेश सरकार ने जो बजट पेश किया है वह प्रतिगामी है।  चिकित्सा के क्षेत्र में निराशा है और खिलाड़ियों के लिए तो कुछ भी नहीं है।
मुकेश नायक, विधायक


बजट दुर्भाग्यशाली है। किसी को कुछ नहीं मिला है। सिर्फ दर्द ही दर्द है। ये सभी कर्ज की उड़ान पर चलने वाले लोग हैं।
जीतू पटवारी, विधायक

मप्र कांग्रेस अध्यक्ष श्री अरुण यादव की मप्र के बजट पर पहली प्रतिक्रिया

बजट के माध्यम से सरकार के आंकड़ों का फर्ज़ीवाड़ा उजागर हो गया है। इस सरकार ने पिछले बजट के बाद तीन supplementary budget लाकर पूरे बजट के प्रावधान बदल दिए थे। कई विभागों में घोषित बजट को काट दिया था। ये जनता के साथ छलावा है। सरकार पर क़र्ज़ 1 लाख 40 हज़ार करोड़ से ज्यादा पहुँच गया है। मुख्यमंत्री की कार्यक्रमों के नाम पर फिजूलखर्ची ज़ारी है। स्वास्थ और शिक्षा पूरी तरह neglected । बस बढ़ रहा है तो सरकार के विज्ञापन का बजट।

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