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दिग्विजय ने राज्यसभा में उठाया EVM का मुद्दा, राज्यसभा में हंगामा

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के भिंड जिले में हुए ईवीएम गड़बड़ी मामले की गूंज अब राज्यसभा में भी सुनाई देने लगी है। विपक्ष ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है । विपक्ष ने कहा कि ईवीएम को लेकर लोगों के बीच अविश्वास फैल रहा है, इसलिए बैलट पेपर से वोट कराया जाना चाहिए।

मप्र में हुए ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर राज्यसभा में दिग्विजय सिंह ने कहा कि अटेर विधानसभा उप चुनाव में जिस तरह से ईवीएम में कोई भी बट दबाने पर बीजेपी को वोट जा रहा है, इससे जनता में अविश्वास फैल रहा है। इसलिए लोगों में विश्वास जताने के लिए बैलट पेपर से चुनाव कराया जाना चाहिए।

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश चुनाव में अपनी हार को लेकर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद मायावती ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर सवाल खड़े किए है। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ईवीएम के जरिए धांधली की गई है। मध्य प्रदेश के ईवीएम में गड़बड़ी सामने आई है। निर्दलीय उम्मीदवार को दिया गया वोट बीजेपी को जा रहा है। ईवीएम से चुनाव कराकर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। मायावती ने मांग किया कि चुनाव बैलेट पेपर से होना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि बीजेपी बैलट पेपर से चुनाव कराने में क्यों घबरा रही है। बीजेपी बेईमानी कर रही है।

सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि ईवीएम चिप प्रोग्रामिंग के जरिए की जाती है। चिप से ऐसी प्रोग्रामिंग की जाती है कि वोट बीजेपी को जाता है। चिप का टेंडर किसको जाता है ये नहीं बताया जा रहा है।

सरकार की तरफ से जवाब देते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ईवीएम से पूरे देश में चुनाव हुए हैं। जब विपक्ष जीतता है तो कुछ नहीं कहा जाता है लेकिन जब बीजेपी जीतती है तो लोग सवाल खड़े करते हैं।  विपक्ष को हार स्वीकार करनी चाहिए। विपक्ष को शब्दों की मर्यादा नहीं भूलनी चाहिए।  "22 मार्च को भी सदन में इसी मुद्दे पर 4 घंटे चर्चा हुई थी, लेकिन खोदा पहाड़ निकली चुहिया।"

हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये चुनौती दी थी की उन्हें 72 घंटो के लिए ईवीएम मशीन दे दी जाए और वह बता देगें कि किस तरह से मशीन में छेड़छाड़ की जा सकती है। इसी का जवाब देने के लिए चुनाव आयोग ने कड़ा फैसला किया है।  ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ के लगातार आरोपों के बाद भी चुनाव आयोग यह मानने को राजी नहीं है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ऐसा कुछ हुआ है. इतना ही नहीं, चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की उस चुनौती को भी स्वीकार कर लिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि हमें 72 घंटे के लिए ईवीएम दे दो, बता देंगे ईवीएम कैसे टेंपर्ड की जाती है।                    

गौरतलब है की पांच राज्यों में चुनाव परिणाम आने के बाद से ही और भिंड में ईवीएम की टेस्टिंग के बाद से ही विपक्ष  बीजेपी को घेरे हुए है।विपक्ष लगातार मांग कर रही है आगामी चुनाव बैलेट पेपर से कराएं जाए ना की ईवीएम मशीन से।

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