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चौबीस घंटे में एक बार मरीजों को देखते हैं वरिष्ठ चिकित्सक

रीवा : आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय में मरीजों को देखने के लिए मात्र सुबह की ओपीडी में चिकित्सक आते थे और उसी समय अस्पताल में भर्ती मरीजों को देख कर चले जाते थे जिस कारण भोपाल के अधिकारियों ने सख्त निर्देश दिये हैं कि वरिष्ठ चिकित्सकों की डियूटी रात में लगाई जाए। जानकारों का कहना है कि आयुर्वेद चिकित्सालय में मात्र सुबह ओपीडी रहती है जिसमें सभी चिकित्सक मौजूद रहते हैं।
      
आयुर्वेद अस्पताल में करीब 35 चिकित्सक के बीच में मात्र 120 से लेकर 150 मरीज दिखाने प्रति दिन आते हैं और उसी समय वरिष्ठ चिकित्सक मरीजों को देखते हैं उसके बाद मरीज को मात्र एक मेडिकल आफीसर चिकित्सक के हवाले छोड़ दिया जाता है। जिस कारण अब अस्पताल प्रबंधन रात में भी वरिष्ठ चिकित्सकों की ड्यूटी लगाने की योजना बनाई है।
    
आयुर्वेद अस्पताल में इस समय करीब 70 मरीज मौजूद हैं जिसमें से कुछ मरीज ऐसे हैं जिन्हें चिकित्सकों की देख रेख में रखना चाहिए लेकिन अस्पताल में मात्र पढ़ने वाले चिकित्सकों के भरोसे रात में मरीजों को रखा जाता है। जिस कारण मरीज काफी परेशान होते हैं। आमतौर पर पढ़ने वाले छात्रों को जो समझ में आता है वो उतनी ही दवा देते हैं। अगर मरीज को रात में वरिष्ठ चिकित्सकों की  जरूरत पड़ती है तो उसे सुबह तक इंतजार करना पड़ता है।
*चिकित्सक पूरे, सुविधा के लिए भटकते मरीज*
आयुर्वेद अस्पताल में जितने चिकित्सकों की जरूरत है वह सब हैं लेकिन मरीजों को सुविधा के नाम पर सिफर है। अस्पताल में भर्ती मरीजों को देखने के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों को चौबीस घंटे बाद समय आता है। जिस कारण भर्ती मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर मरीज किसी काम से बेड से चला गया तो फिर अगले दिन उसे चिकित्सक देखते हैं। इन्हीं सब समस्या को देखते हुए आयुर्वेद चिकित्सालय में रात को वरिष्ठ चिकित्सकों की भी ड्यूटी लगाने की योजना बनाई है।
रात में लगाई जाएगी वरिष्ठ चिकित्सकों की ड्यूटी*
यह बात सही है कि रात में वरिष्ठ चिकित्सक नहीं रहते हैं। लेकिन अब एक वरिष्ठ चिकित्सक की ड्यूटी रात में भी जल्द लगाई जाएगी। ताकि मरीजों को चौबीस घंटे वरिष्ठ चिकित्सक की निगरानी में रखा जाए।
डॉ. दीपक कुलश्रेष्ठ, डीन आयुर्वेद कॉलेज 

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