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रीवा का पहला फ्लाईओवर निकला फिस्सडी, दिखने लगी छड़ें


रीवा। करोड़ों की लागत से सिरमौर चौराहे में बनाया गया जिले का पहला फ्लाईओवर लोकार्पण के 17 महीनों में ही टूटने लगा है। फ्लाईओवर के बीचों-बीच गहरे गड्ढे हो गए हैं साथ ही कई जगहों पर दरारें पड़ गर्इं। स्थिति यह है कि आने-जाने वाले दुपहिया और छोटे चार पहिया वाहन किसी दिन बड़े हादसे का शिकार हो सकते हैं। फ्लाई ओवर सड़क में बन रहे गड्ढों ने निर्माण की गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दी है। फ्लाई ओवर में गड्ढे होने की सूचना के बाद निर्माण एजेंसी ने लीपापोती का कार्य शुरू कर दिया है और फ्लाई ओवर निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को दबाने इन गड्ढों को भरने की कोशिश की जा रही है।

22 करोड़ की लागत से निर्मित सिरमौर चौराहा फ्लाई ओवर का लोकार्पण 13 अप्रैल 2016 को तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री सरताज सिंह एवं स्थानीय मंत्री राजेन्द्र शुक्ल द्वारा किया गया था।  इस अवसर पर सरकार के दोनों मंत्रियों ने इस फ्लाई ओवर को रीवावासियों के लिए एक बड़ी सौगात बताई थी लेकिन निर्माण एजेंसी की लापरवाही व गुणवत्ता हीन निर्माण बड़ा संकट दिखता नजर आ रहा है। फ्लाई ओव्हर में कई जगह गड्ढे हो गए। दरारें पड़ गर्इं जिसके चलते भविष्य में कोई भी बड़ी अनहोनी हो सकती है।

जबकि जिम्मेदार अधिकारी द्वारा अभी भी फ्लाई ओवर निर्माण को गुणवत्तापूर्वक कार्य किये जाने का दावा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कहीं-कहीं कुछ गड्ढे हैं जिन्हें ठेकेदार द्वारा मरम्मत कराया जाएगा। जगह-जगह टूटे फ्लाईओवर और गड्ढों को दुरुस्त करने का काम सोमवार को चल रहा था। यह बताने के लिए पर्याप्त है निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य करने के दौरान नोडल अधिकारी रहे पीडब्ल्यूडी के लोगों ने गुणवत्ता के मामले में अनदेखी की। फलस्वरूप यह स्थिति बन पड़ी है।

तीन साल की है गारंटी
लोक निर्माण विभाग के सेतु डिवीजन के सूत्रों की मानें तो फ्लाईओवर को दुरुस्त करने का काम पांच साल तक निर्माण एजेंसी द्वारा किया जाएगा। बताया जाता है कि फ्लाईओवर की दरारों, गड्ढों, टूटे हिस्सों की मरम्मत की सम्पूर्ण जवाबदारी निर्माण एजेंसी बीकेएमपीएल कंपनी की है।

वाहन चलेंगे तो दरारें आएंगी और टूट-फूट भी होगी
इस मामले में लोक निर्माण विभाग सेतु डिवीजन के कार्यपालन यंत्री पीएस परिहार का नजरिया अनोखा है। बकौल श्री परिहार फ्लाईओवर से वाहन निकलेंगे तो उसमें दरारें भी आएंगी और टूट-फूट जैसी छोटी-मोटी स्थिति बनेगी। लेकिन इसे निर्माण कम्पनी दुरुस्त करेगी। उन्होंने निर्माण में घटिया मटेरियल उपयोग और भ्रष्टाचार होने की बात को सिरे से नकार दिया है। श्री परिहार ने कहा कि इसका निर्माण विभाग की देखरेख में हुआ है। अभी तक कहीं कोई अनियमितता सामने नहीं आई है।

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