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रविवार को भी धरने पर बैठे रहे ग्रामीण डाकसेवक, चीफ पीएमजी को सौंपा ज्ञापन

एमपी ऑनलाइन न्यूज़ रिपोर्टर राज पंत
गुना। अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे ग्रामीण डाकसेवक रविवार को भी मुख्य डाकघर के सामने धरने पर बैठे रहे। इस मौके पर गुना डाक संभाग के दौरे पर आए मुख्य पोस्टर मास्टर जनरल आलोक शर्मा को ग्रामीण डाक सेवकों ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। प्रधानमंत्री के नाम चीफ पीएमजी को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीण डाकसेवकों ने 8 घंटे कार्य के साथ विभागीय दर्जा देने की मांग की। साथ ही ग्रामीण डाक सेवक कमेटी की सिफारिसों को तत्काल लागू करने, नईदिल्ली एवं मद्रास हाईकोर्ट के निर्णयानुसार पेंशन देने, जीडीएस का टारगेट के नाम पर उत्पीडऩ रोकने की मांग की। 

प्रधानमंत्री के नाम पीजीएम को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीण डाककर्मियों ने कहा कि डाक विभाग के करीबन 2.6 लाख ग्रामीण डाक सेवकों 160 वर्षों से शोषण होते आया है। ग्रामीण डाकसेवक देश की 1.32 लाख शाखा डाकघरों में अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दे रहे हैं। देश की 80 प्रतिशत आबादी को संपूर्ण सेवा दे रहे हैं।  लेकिन पिछले 160 वर्षों से कम वेतन पर काम करते हुए ग्रामीण डाकसेवक निरलझा झेल रहे हैं। किसी ने भी उनके ऊपर आज तक ध्यान नहीं दिया है। 

पूर्व में भारत सरकार ने एक सदस्यीय कमेटी कमलेश चंद्रा, सेवा निवृत्त पोस्टल बोर्ड सदस्य की अध्यक्षता में जी.डी.एस. के वेतनमान एवं सेवा शर्तों के अध्ययन के लिए सन 2015 में गठन किया था। इस समिति ने इन सिफारिशों को डाक विभाग को नवंबर 2016 में सौंपा था। डाक विभाग ने 24 अप्रैल 17 को हड़ताल के समय में जीडीएस की सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू करवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन उसके बाद भी सिफारिशों को लागू नहीं किया गया। 

इस मौके पर संभागीय सचिव राम सिंह धाकड़, संभागीय अध्यक्ष रघुवीर सिंह रघुवंशी, कोषाध्यक्ष महेन्द्र सिंह रघुवंशी, कार्यकारी अध्यक्ष गजराज सिंह राजपूत, अशोक शर्मा, राजेन्द्र कुशवाह, वीरेन्द्र धाकड़, बारेलाल अहिरवार, भानू रघुवंशी, सुंदरलाल लोधा, सिराज खान, गफ्फूर खान, नीलम ओझा, सुभाष व्यास, सुखलाल धाकड़, बद्रीप्रसाद ओझा, दौलत सिंह, आशा श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। 

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