SC में शिया वक्फ बोर्ड का हलफनामा, अयोध्या की विवादित भूमि पर बने राम मंदिर
नई दिल्ली : यूपी के शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने श्रीराम जन्मभूमि विवाद को नई दिशा दे दी है। शिया वक्फ बोर्ड ने कहा है कि ढहाई गई बाबरी मस्जिद उसकी प्रॉपर्टी थी और अब वो मस्जिद को विवादित स्थल से दूर कहीं मुस्लिम बहुल इलाके में बनाना चाहता है। इस ममाले में 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने चल रहा है, और शिया वक्फ बोर्ड ने खुद ये बात सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामे में कही है। इस मामले में बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड ने भगवान की मर्जी से हस्तक्षेप किया है।
शिया वक्फ बोर्ड ने कहा कि बाबरी मस्जिद शिया प्रॉपर्टी थी। हम इस विवाद का हल शांतिपूर्ण तरीके से चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट में दिए एफिडेविट में शिया वक्फ बोर्ड ने कहा है कि मस्जिद को कहीं मुस्लिम बहुल इलाके में बनाना चाहिए, जो अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि की जगह से उचित दूरी पर हो। शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से थोड़ा समय भी मांगा है, जिसमें वो श्रीराम जन्मभूमि के मामले को निपटाने के लिए एक कमेटी का गठन कर सके।
इस मामले में बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड ने भगवान की मर्जी से हस्तक्षेप किया है।
वहीं, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक सफरयाब जिलानी ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड का हलफनामा सिर्फ अपील है। इस अपील की कानूनी तौर पर कोई वैल्यू नहीं है।According to me this intervention by the Shia Waqf board is god sent: Subramanian Swamy #Ayodhya pic.twitter.com/Wcc17DBkud— ANI (@ANI) August 8, 2017
बता दें कि अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर 11 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस मामले से जुड़े पक्षकारों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। सात वर्ष बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के एडिशनल रजिस्ट्रार द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, 11 अगस्त को दोपहर बाद तीन सदस्यीय विशेष पीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई होगी। इस मामले में पिछले दिनों भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी। जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा था कि वह जल्द ही इस निर्णय लेंगे। और अब 11 अगस्त को इस मामले की सुनवाई होगी।This is just an appeal, this affidavit has no value in law :Zafaryab Jilani,Babri Masjid Action Committee on Shia Waqf Board pic.twitter.com/Ws1JT1SBia— ANI (@ANI) August 8, 2017
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने वर्ष 2010 में विवादित स्थल के 2.77 एकड़ क्षेत्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर-बराबर हिस्से में विभाजित करने का आदेश दिया था। कुछ महीने पर पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का अदालत से बाहर समाधान निकालने की संभावना तलाशने के लिए कहा था। इसे लेकर पक्षकारों की ओर से प्रयास किए गए लेकिन समाधान नहीं निकल सका। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट को मेरिट के आधार पर इस विवाद का निपटारा करना है।
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