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बरगवां शौंचालय का सच आया सामने बने शौंचालय को नही बना बताया जांच में लीपा-पोती कर फंसे जांच अधिकारी, मामला शांत करने बंटे नोट

बरगवां शौंचालय का सच आया सामने बने शौंचालय को नही बना बताया

जांच में लीपा-पोती कर फंसे जांच अधिकारी, मामला शांत करने बंटे नोट

अनूपपुर/प्रदीप मिश्रा/ 8770089979

देश  के प्रधानमंत्री जहां एक ओर स्वच्छता का अलख जगा रहे है वहीं अधिकारी पंचायत के कर्ता धर्ता योजनओं  को पलीता लगा रहे है इसका जीता जागता उदाहरण बरगवां शौंचालय घोटाला है जो कि एक महा घोटाले के रूप  में सामने आ चुका है जिसमें पंचायत से लेकर जिला के अधिकारी इस घोटाले संलिप्त है वहीं शौंचालय जांच के अधिकारी शौंचालय की जांच कर अब पूरी तरह फंसते नजर आ रहे है जिसमें ब्लाक क्वाडीनेटर पंचायत इंस्पेक्टर व इंजीनियर शामिल है जिन्होने शौंचालय घोटाले की जांच करते हुऐ 1200 शौंचालय का मुआयना न करते हुऐ नाम मात्र की कार्यवाही कर रिकवरी निकाली जिसमें 33 शौंचालय को नही बना बताया गया व 149 शौंचालय को अधूरा बताया गया जांच में सबसे बडा सच यह सामने निकल कर आया की जांच अधिकारी पूरी तरह से सरपंच व सचिव को बचाने में लगे थे इसी कारण बने हुऐ लगभग 25 शौंचालय की फिर पुताई लिपाई कर चमका कर नही बना बताकर सचिव के बहाली का रास्ता आसान कर दिया लेकिन जांच अधिकारियों को यह बहाली का रास्ता उनके फंसने का रास्ता बना दिया है और अब इस जांच में अधिकारी पूरी तरह फंस चुके है और संभवतः इन पर कार्यवाही की बात उठ रही है 33 शौंचालय में कुछ नाम सामने आये है जो पहले से बने है जिसमें टिंगाली, कमलेष महरा, कोदू महरा, बोधे, चैती बैगा, राम सहाय, भैयालाल, रामपलट/कुनवा, सरजू/मंगल,/जेठुआ/सत्तू/मुन्नी सैकू है  जिनके यहां पहले से शौंचालय बना है और इसे नही बना बताकर फिर से पुताई कर सचिव व सरपंच के बचने का राह आसान बनाया गया है वहीं अभी तक जिन शौंचालय का पैसा आहरित किया गया है उनका अभी तक शौंचालय नही बनाया गया है जिसकी षिकायत फिर से की गई है वार्ड क्रमांक 03 में उमेष मिश्रा पिता अवधेष, प्रवीण मिश्रा पिता उमेष, रमेष मिश्रा पिता वंषगोपाल राममणि त्रिपाठी पिता हरिहर त्रिपाठी, सुरेष टावरी, श्यामलाल धोबी, चिरौंजी लाल गुप्ता, विद्या प्रसाद द्विवेदी, ने जिला पंचायत सीईओ से शौंचालय निर्माण की मांग की है जहां भ्रष्टाचारियों ने पैसा आहरित किया व शौंचालय नही बनाया ऐसे कई मामले सामने आये है जिसकी षिकायत कमिष्नर से भी की गई है शौंचालय का पैसा खाकर डकार मारने की कोषिष भी भ्रष्टाचारी नही कर रहे है व रोज बचने के नये तरकीब ढूंढ रहे है वहीें लोगों ने बताया की इन दिनों सेठ कंपनी का दल व कहार बंधू विधायक के पास रोजाना पहुंच रहे है व बताया जा रहा है कि अभी तक दोषियों पर कार्यवाही न होने की वजह विधायक है जो लगातार भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का काम कर रहे है।

 
मामले को कोर्ट में पहुंचाने कवायत शुरू
बरगवां शौंचालय घोटाले में डुबकी लगाने वाले की अब खैर नही है क्योंकि दोषियों को सजा दिलाने के लिए एक दल अब न्यायालय की शरण लेने को तैयार है जहां सरंपच सचिव व जांच अधिकारियों सहित जिले के अधिकारियों को भी इसमें दोषि बनाया जा रहा है क्यांेकि अभी तक अमलाई के धन्ना सेठ के कहने पर विधायक के ईशारों पर पूरी सरकारी अमला निष्क्रिय रूप से काम की है व दोषियों पर लगतार कृपा हो रही है इसी कारण अब जनता की आवाज अब न्यायालय में गंुजेगी व अब न्यायालय से ही सारी उम्मीदें लोगों ने जोड ली है ।
 
हजार दो हजार दे कर रहे शांत 
 शौंचालय घोटाले से पर्दा उठने के बाद अब जनता अपना हक मांग रही है जहां शौंचालय नही बनाये गये व उनके नाम का पैसा आहरित हो गया लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए कहार बंधू व सेठ इन दिनों नोट बांट रहे है क्योंकि बताया जा रहा है कि अगर नोंट नही बंटा तो सचिव बहाल नही हों पायेगा सरपंच दोष मुक्त नही हो पायेगी जैसे चुनाव में नोट बांटने के किस्से चर्चित है आज ऐसा ही शौंचालय घोटाले में नोट बटने का मामला भी सामने आ रहा है कई जगह जहां 12000 निकाले वहां 2000 हजार व कई जगह 1000 रूपये साथ ही गुंडा गर्दी व दादा गिरी के दम पर मामले को जैसे तैसे ठंडा करने में लगे है।


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