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रेत खनन एवं विपणन नीति हेतु सुझाव आमंत्रित


एमपी ऑनलाइन न्यूज़ रिपोर्टर राज पंत
गुना। प्रदेश की नवीन रेत खनन एवं विपणन नीति के संबंध में ठेकेदारों एवं आम नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। खनिज अधिकारी गुना ने बताया कि खनिज विभाग द्वारा प्रदेश की नवीन रेत खनन एवं विपणन नीति तैयार करने हेतु अन्य राज्यों की खनन नीति के परीक्षणोपरांत प्रदेश में 21 जुलाई 2017 को राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित की गई थी। 

इस कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि, पर्यावरणविद, तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हुए थे। कार्यशाला उपरांत विभाग द्वारा रेत खनन एवं विपणन नीति का प्रारूप तैयार कर इस पर प्रदेश के सभी आयुक्त, आई.जी., कलेक्टर, एस.पी. तथा जन सामान्य से सुझाव आमंत्रित किये गये थे। इन सुझावों के परीक्षण उपरांत तेलंगाना राज्य, छत्तीसगढ़ राज्य एवं प्रदेश में वर्तमान में प्रचलित रेत खनन नीति को समाहित करते हुये विभाग द्वारा नवीन रेत खनन एवं विपणन नीति तैयार की गई है, जिसे विभागीय वेबसाईट एवं म.प्र. शासन की वेबसाईट पर प्रदर्शित किया गया है।

इस नीति में मुख्य तथ्य यह प्रस्तावित किया गया है कि खदानों का चिन्हांकन खसरा के आधार पर न करके रेत के भौगोलिक विस्तार के आधार किया जाए, जिसकी खनन योजना आवश्यक पर्यावरण अनुमति कलेक्टर द्वारा ली जायेगी। रेत हार्वेधस्टग एवं विक्रय का कार्य अलग-अलग एजेंसी के माध्यम से कराया जायेगा। रेत का विक्रय डिपो पर संग्रहित कर वहां से किया जायेगा। खदानों का संचालन पंचायतों एवं स्थानीय निकाय के नियंत्रण के अधीन होगा। डिपो पर रेत का विक्रय ऑनलाइन रेत बुकिंग पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा। डिपो पर रेत की दर का निर्धारण पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर जिला स्तर पर गठित एक समिति के द्वारा किया जायेगा। रेत का परिवहन पंजीकृत वाहनों से किया जायेगा। .

खदानों के संचालन से प्राप्त रायल्टी की राशि में से 50 प्रतिशत राशि संबंधित ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय, 30 प्रतिशत राशि जिला कलेक्टर तथा 20 प्रतिशत राशि राज्य शासन/निगम को प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है। नागरिकों को रेत परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये सेण्ड ट्रांसपोर्ट टेक्सी की व्यवस्था किये जाने का प्रावधान भी किया गया है। गुना जिले के सभी ठेकेदारों एवं आम नागरिकों से अपील की है कि वे 5 सितंबर 2017 तक ई-खनिज पोर्टल पर जाकर अपना अभिमत देवें।

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