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राजस्व न्यायालय में उपस्थित नहीं होने पर पटवारी पर लगेगा अर्थदण्ड प्रतिदिन की दर से

राजस्व न्यायालय में उपस्थित नहीं होने पर पटवारी पर लगेगा अर्थदण्ड प्रतिदिन की दर से

अनूपपुर /
pradeep mishra 8770089979
 कलेक्टर अजय शर्मा ने जिले के सभी पटवारियों को निर्देश दिये हैं कि वे तहसीलदार के राजस्व न्यायालय में उपस्थित होकर समय पर पटवारी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कलेक्टर ने कहा है कि निरंतर समीक्षाओं के बावजूद पटवारी रिपोर्ट के अभाव में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में अपेक्षित प्रगति नहीं हुई है। कलेक्टर ने निर्देशित करते हुये कहा है कि जिले के सभी पटवारी माह की निश्चित तारीख को तहसील कार्यालयों में उपस्थित होकर रीडर से पटवारी रिपोर्ट के संबंध में जानकारी लेंगे तथा राजस्व न्यायालय के रीडर द्वारा चाही गई पटवारी रिपोर्ट राजस्व न्यायालय द्वारा चाही गई तिथि को रीडर को मुहैया करायेंगे। कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि नियत तारीख को राजस्व न्यायालय में उपस्थित होकर पटवारी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने वाले पटवारियों पर अर्थदण्ड लगायेगें, यह अर्थदण्ड तहसीलदार पटवारियों से नगद वसूलेगें पटवारियों से नगद नहीं देने की स्थिति में इसकी वसूली पटवारियों के वेतन से करेंगें। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि माह की किन तारीखों को पटवारी राजस्व न्यायालयों में उपस्थित होकर पटवारी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगें इसकी तिथियों का निर्धारण संबंधित तहसीलों के तहसीलदार करेंगें। कलेक्टर ने जिले के सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे पटवारी रिपोर्ट के कारण अगर राजस्व प्रकरणों के निराकरण में किसी प्रकार का गतिरोध उत्पन्न होता है तो इसकी जानकारी कलेक्टर कार्यालय को मुहैया करायें, ऐसे उदासीन पटवारियों के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर ने कहा है कि शहडोल संभाग के प्रवास के दौरान मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिले के शत-प्रतिशत राजस्व प्रकरणों के निराकरणों के लिये दो माह की समयावधि मुहैया कराई गई थी, जिसमें लगभग डेढ़ माह की समयावधि व्यतीत हो चुकी है। कलेक्टर ने कहा कि आगामी 15 दिवसों में अनूपपुर जिले के शत-प्रतिशत राजस्व प्रकरणों का निराकरण करना है इसके लिये राजस्व अधिकारी एवं राजस्व विभाग के मैदानी कर्मचारी युद्ध स्तर पर कार्य करें। कलेक्टर तहसील कार्यालय कोतमा में राजस्व कर्मचारियों को निर्देशित कर रहे थे। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि मुख्य सचिव द्वारा निर्धारित समयावधि समाप्त होने के बाद अगर कोई भी किसान राजस्व प्रकरणों के संबंध में शिकायत करता है, बी-1 व खसरे की मांग करता है तो संबंधित पटवारी की जबाबदेही तय करते हुये उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि पटवारी गांव-गांव में जाकर किसानों से जीवंत सम्पर्क स्थापित करें। किसानों को खसरे और बी-1 की नकल निःशुल्क मुहैया करायें तथा उनके अविवादित नामांतरण, सीमांकन, बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करायें। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि सभी पटवारी बी-1 और खसरे की नकल अपने हाथों से किसानों को सौपेंगे। किसी भी स्थिति में पटवारी अथवा खसरे की नकल दूसरे आदमी से वितरण नहीं करायेगें। कलेक्टर ने सभी पटवारियों को निर्देश दिये है कि वे गांवों में जाकर किसानों से सम्पर्क स्थापित करें, किसानों के घर-घर जाकर जीवंत सम्पर्क स्थापित करें तथा उन्हें बी-1 और खसरे की नकल उपलब्ध करायें। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि बी-1 और खसरे की नकल वितरण करते समय फोटो खीचें तथा उसे व्हाट्सएप में अपलोड करे। बैठक में अविवादित नामांतरण के प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा करते हुये कलेक्टर ने निर्देश दिये कि अविवादित नामांतरण के इस्तिहार की तारीख समाप्त होते ही यदि ग्राम पंचायतें अविवादित नामंातरण नहीं करती हैं तो पटवारी सजरे के मुताबिक अविवादित नामंातण के प्रकरणों का निराकरण करेंगे तथा अविवादित नामांतरण की तस्दीक कर इसकी काॅपी किसान को वितरित करेंगें। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि कोई भी राजस्व अधिकारी अभिलेख के आधार पर बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण नहीं करेगें, कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि जब तक फर्द बंटवारा नहीं प्राप्त होता तब तक के बंटवारे का निराकरण नहीं करेंगें। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि बंटवारे के प्रकरणों के निराकरण के समय मौके पर नक्से और खसरे का मिलाना होना अनिवार्य है, इसे सभी राजस्व अधिकारी ध्यान मेें रखें। बैठक में नक्शा तरमीम के प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा करते हुये कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जिले में लंबित सभी नक्शा तरमीम के प्रकरणों का निराकरण 31 दिसम्बर 2017 तक अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करायें। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिये हैं कि सभी पटवारी सात दिवसों की समय सीमा में फर्द बंटवारा कर तहसीलदार के राजस्व न्यायालयों को उपलब्ध करायेंगें।

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