कलेक्टर—कमिश्नर के काम से नाखुश मुख्य सचिव बोले...
भोपाल। प्रदेश में सालों से लटके राजस्व विभाग के प्रकरणों को तेजी से निपटाने के लिए मुख्य सचिव बसंंत प्रताप सिंह ने मोर्चा संभाल रखा हैं। इन प्रकरणों को निपटाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सख्ती के बाद प्रदेश के कई संभााग आयुक्त और कलेक्टरों की लापरवाही सामने आई है। राजस्व विभाग की संभागीय समीक्षा में इस बात का खुलासा हुआ है। इस में यह सामने आया है कि कई कलेक्टर और संभाग आयुक्त की कोर्ट में अपील संबंधी मामले 5 से लेकर 8 साल तक पेंडिग इसलिए है कि उनके अधीन काम करने वाले एसडीओ राजस्व और तहसीलदार के कोर्ट से रिकार्ड नहीं आ पाए हैं। ऐसे मामले रिकार्ड न मिल पाने की स्थिति में पेंडिंग रखे गए हैं।
मुख्य सचिव ने सागर संभागायुक्त के कोर्ट के 80 ऐसे केस पकड़े थे, जिसमें पांच साल से रिकार्ड न आ पाने से केस पेंडिंग रखे गए थे। सीएस ने कलेक्टरों व कमिश्नरों से कहा था कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों से रिकार्ड नहीं मंगा पा रहे है, जिससे उनकी कार्यशैली पर ही सवाल उठने लगे है। ग्वालियर में कलेक्टर के यहां आठ साल पुराना इसी आधार पर पेंडिंग पाया गया था। भिंड में भी तीस ऐसे ही मामले सामने आ चुके हैं।
कलेक्टर और कमिश्नर की लापरवाही उजागर हुई है कि वे अपने संभाग और जिले के तहसीलदार व राजस्व एसडीओ के कोर्ट के रिकार्ड नहीं मंगा पा रहे। इनकी लापरवाही को चिन्हित कर मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाए जाने की तैयारी है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री की अगली रेवेन्यू समीक्षा में कलेक्टरों व कमिश्नरों को इस मामले में फटकार मिल सकती है। मुख्य सचिव अब अगली बैठक 3 नवम्बर को उज्जैन संभाग में लेंगे। उज्जैन में बैठक स्थल देवास जिला मुख्यालय तय किया गया है।
मुख्य सचिव ने सागर संभागायुक्त के कोर्ट के 80 ऐसे केस पकड़े थे, जिसमें पांच साल से रिकार्ड न आ पाने से केस पेंडिंग रखे गए थे। सीएस ने कलेक्टरों व कमिश्नरों से कहा था कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों से रिकार्ड नहीं मंगा पा रहे है, जिससे उनकी कार्यशैली पर ही सवाल उठने लगे है। ग्वालियर में कलेक्टर के यहां आठ साल पुराना इसी आधार पर पेंडिंग पाया गया था। भिंड में भी तीस ऐसे ही मामले सामने आ चुके हैं।
कलेक्टर और कमिश्नर की लापरवाही उजागर हुई है कि वे अपने संभाग और जिले के तहसीलदार व राजस्व एसडीओ के कोर्ट के रिकार्ड नहीं मंगा पा रहे। इनकी लापरवाही को चिन्हित कर मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाए जाने की तैयारी है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री की अगली रेवेन्यू समीक्षा में कलेक्टरों व कमिश्नरों को इस मामले में फटकार मिल सकती है। मुख्य सचिव अब अगली बैठक 3 नवम्बर को उज्जैन संभाग में लेंगे। उज्जैन में बैठक स्थल देवास जिला मुख्यालय तय किया गया है।
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