चित्रकूट के जिस घर में शिवराज ने किया रात्रि विश्राम उस घर में नहीं था शौचालय, तत्काल बनाना पड़ा लकड़ी का शौचालय
सतना : देश के प्रधानमंत्री की महात्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान भाजपा शासित राज्यों में कितना प्रभावी है, इसकी हकीकत एक बार फिर सामने आई है। प्रदेश भर में शौचालय बनवाने का दावा करने वाली शिवराज सरकार की एक बार फिर पोल खुल गई है। चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के प्रचार के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गाँव-गाँव दौरा कर रहे हैं। बीती रात आदिवासी महिला सरपंच के घर खाना खाने व रात्रि विश्राम के निर्धारित कार्यक्रम को अचानक बदलना पड़ा, क्यूंकि जिस घर शिवराज रात में रुकने वाले थे वहां शौचालय ही नहीं था। जिसके चलते एक बार फिर मुख्यमंत्री के सामने अधिकारियों के आंकड़ों की पोल खुल गई। इससे पहले भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भोपाल में जिस आदिवासी के घर भोजन किया था, वहाँ भी शौचालय नहीं था| मामला सुर्ख़ियों में आने के बाद सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी।
दरअसल, चित्रकूट विधानसभा उप चुनाव पर प्रचार करने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तीन दिवसीय दौरे पर चित्रकूट पहुँचे है। जहाँ सभा के साथ रोड शो CM ने किया और ग्रामीणो से भाजपा को बोट देने कीअपील की। तय कार्यक्रम के अनुसार बीती रात्रि तुर्रा ग्राम पंचायत के गौहानी ग्राम में आदिवासी सरपंच उषा सिंह गौंड के घर रुककर भोज व रात्रि विश्राम करने का कार्यक्रम था। लेकिन सरपंच उषा चौधरी के घर कार्यक्रम स्थल पर शौचालय निर्माण नही था जिस वजह से एन मौके पर सीएम के भोज व रात्रि विश्राम का ठिकाना बदल दिया गया। रिटायर्ड पोस्टमास्टर बीबी सिंह के घर रात रुकने का कार्यक्रम तय किया गया। पर वहाँ भी शौचलय नही था। समय के आभाव और प्रदेश सरकार की स्वच्छता मिशन की पोल खुलने के डर से बीबी सिंह के घर सीएम के लिए नया शौचालय बनाया गया है। अस्थाई तौर पर बैठाई गई शीट के साथ ही यहां प्लाई बोर्ड की दीवारें तैयार करवाई । साथ ही अस्थाई गड्ढा भी बनाया गया है। इसके अलावा नए मग, साबुन, डेटॉल आदि प्रसाधनों की व्यवस्था की गई । तब जाकर मुख्यमंत्री उस घर पर रात्रि विश्राम के लिए रुके।
विकास वादा हर बार, लेकिन अब तक ने देखा किसी ने कैसा है विकास
जिस घर मुख्यमंत्री रुके वहाँ तमाम सुविधाओं और व्यवस्थाओं के बीच इस घर के बाहर और आंगन को मजदूरों से साफ.सुथरा करवाया गया। सीएम के लिए नया शौचालय भी बनाया, बिस्तर भी लगवाए गए। यह व्यवस्था तो नेताओं के रात्रि विश्राम के लिए थी। लेकिन गाँव के लोग आज भी विकास को तरसते हैं। जिनसे हर चुनाव में विकास का बड़ा वादा किया जाता है। लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण अंचलों में विकास का नामों निशान नहीं है। जब मीडिया ने उक्त ग्राम की जमीनी हकीकत देखी तो कई घर ऐसे मिले जहाँ शौचालय निर्माण नही है। गाँव में बिजली नही है, सड़क भी नहीं है । कई लोग आज भी लोटा लेकर खुले मे शौच को खेत जाते है। ग्रामीणों ने खुलकर मीडिया के सामने आकर स्वच्छता मिशन की वह सच्चाई बताई जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अभियान और शिवराज सरकार के दावों की पोल खोल रही है। प्रदेश में 14 साल एक ही सरकार होने के बाद भी इन ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है।
दरअसल, चित्रकूट विधानसभा उप चुनाव पर प्रचार करने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तीन दिवसीय दौरे पर चित्रकूट पहुँचे है। जहाँ सभा के साथ रोड शो CM ने किया और ग्रामीणो से भाजपा को बोट देने कीअपील की। तय कार्यक्रम के अनुसार बीती रात्रि तुर्रा ग्राम पंचायत के गौहानी ग्राम में आदिवासी सरपंच उषा सिंह गौंड के घर रुककर भोज व रात्रि विश्राम करने का कार्यक्रम था। लेकिन सरपंच उषा चौधरी के घर कार्यक्रम स्थल पर शौचालय निर्माण नही था जिस वजह से एन मौके पर सीएम के भोज व रात्रि विश्राम का ठिकाना बदल दिया गया। रिटायर्ड पोस्टमास्टर बीबी सिंह के घर रात रुकने का कार्यक्रम तय किया गया। पर वहाँ भी शौचलय नही था। समय के आभाव और प्रदेश सरकार की स्वच्छता मिशन की पोल खुलने के डर से बीबी सिंह के घर सीएम के लिए नया शौचालय बनाया गया है। अस्थाई तौर पर बैठाई गई शीट के साथ ही यहां प्लाई बोर्ड की दीवारें तैयार करवाई । साथ ही अस्थाई गड्ढा भी बनाया गया है। इसके अलावा नए मग, साबुन, डेटॉल आदि प्रसाधनों की व्यवस्था की गई । तब जाकर मुख्यमंत्री उस घर पर रात्रि विश्राम के लिए रुके।
विकास वादा हर बार, लेकिन अब तक ने देखा किसी ने कैसा है विकास
जिस घर मुख्यमंत्री रुके वहाँ तमाम सुविधाओं और व्यवस्थाओं के बीच इस घर के बाहर और आंगन को मजदूरों से साफ.सुथरा करवाया गया। सीएम के लिए नया शौचालय भी बनाया, बिस्तर भी लगवाए गए। यह व्यवस्था तो नेताओं के रात्रि विश्राम के लिए थी। लेकिन गाँव के लोग आज भी विकास को तरसते हैं। जिनसे हर चुनाव में विकास का बड़ा वादा किया जाता है। लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण अंचलों में विकास का नामों निशान नहीं है। जब मीडिया ने उक्त ग्राम की जमीनी हकीकत देखी तो कई घर ऐसे मिले जहाँ शौचालय निर्माण नही है। गाँव में बिजली नही है, सड़क भी नहीं है । कई लोग आज भी लोटा लेकर खुले मे शौच को खेत जाते है। ग्रामीणों ने खुलकर मीडिया के सामने आकर स्वच्छता मिशन की वह सच्चाई बताई जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अभियान और शिवराज सरकार के दावों की पोल खोल रही है। प्रदेश में 14 साल एक ही सरकार होने के बाद भी इन ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है।
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