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हत्यारोपी सदन में बैठे है तो फिर कैसे सुधरेगी कानून व्यवस्था : कांग्रेस विधायक



भोपाल। राजधानी में हुए गैंगरेप की घटना को लेकर सदन की कार्यवाही दूसरे दिन भी बाधित हुई। महिलाओं पर बढ़ते अपराध को लेकर लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए विपक्ष दूसरे दिन भी अड़ा रहा। विपक्ष की नारेबाजी की वजह से प्रश्नकाल भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। प्रश्नकाल के दौरान अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने सदन की कार्यवाह को तीन बार स्थगित किया। हंगामे के बीच प्रश्नकाल में मात्र दो प्रश्नों के जवाब ही आ सके।  कांग्रेस विधायक डॉ गोविंद सिंह ने स्थगन प्रस्ताव पर मांग करते हुए यह आरोप लगाया कि सदन में हत्यारोपी मंत्री बैठे हुए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति कैसी होगी। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी तंज कसते हुए कहा कि हत्यारोपी मंत्री सदन में हैं, तो फिर बाहर लोग सुरक्षित कैसे होंगे। प्रदेश में काूनन व्यवस्था चरमरा गई है।


विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं कराए जाने को लेकर विपक्ष ने सदन के बाहर एवं भीतर सरकार की घेराबंदी की। सदन की कार्रवाई शुरू होती ही विपक्ष के मुख्य सचेतक रामनिवास रावत ने स्थगत पर चर्चा की मांग शुरू कर दी। स्पीकर ने प्रश्नकाल के बाद सुनने की बात कही। स्थगन पर चर्चा नहीं कराने को लेकर विपक्ष के सदस्य आशंदी के पास गर्भगृह में पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस बीच स्पीकर ने 11 बजकर 7 मिनट पर सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। जब सदन की कार्रवाई फिर शुरू हुईतो विपक्ष ने फिर से हंगामा शुरू किया। दोनों पक्षों की ओर से आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। कांग्रेस विधायक शकुुंतला खटीक ने गर्भगृह में जाकर सत्तापक्ष को चूड़ियों दिखार्इं। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि बच्चियों की सुरक्षा का सवाल है। इसलिए स्थगन पर चर्चा कराई जाए। मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रश्नकाल में ही गृह विभाग के6 सवाल हैं। तब नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यदि महिलाओं की इतनी ही चिंता है तो फिर चर्चा से क्यों भाग रहे हो। सदन के बाहर कहते हो कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन यहां तो तैयार नहीं होते हैं। इसके बाद कांग्रेसी फिर से आशंकी के पास पहुंचे। हंगामे के बीच स्पीकर ने फिर से सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी। जब फिर से सदन शुरू हुआ तो विपक्ष हंगामा करता रहा। हंगामे के बीच बाबूलाल गौर और विधायक अरुण भीमावत ने ने प्रश्नकाल में सवाल पूछे। इसके बाद फिर से सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई। प्रश्नकाल के बाद जैसे ही उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह ने सदन की कार्रवाई शुरू की , विपक्ष नारेबाजी कर स्थगत पर चर्चा की मांग कर रहा था। उपाध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई 30 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। जब फिर से सदन शुरू हुआ तो हंगामे के बीच मंत्रियों ने विधेयक पेश किए। साथ ही ध्यानाकर्षण की सूचनाएं पढ़ी गर्इं। इसके बाद सदन की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

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