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प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम ब्यावरा में कलेक्टर ने लगाई चौपाल


जानी योजनाओं की हकीकत और ग्रामवासियों से की गांव के विकास बात 
ग्रामवासियों से सीधे संवाद का सशक्त माध्यम है चौपाल - कलेक्टर

आदित्य सराठे
रायसेन : गांव के समग्र विकास के लिए सरकार के साथ-साथ ग्रामवासियों को भी आगे आना होगा। बिना ग्रामवासियों के सहयोग के सरकारी योजनाओं के उद्देश्य को प्राप्त करना कठिन है। यह बात कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे ने रायसेन तहसील के प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम ब्यावरा में आयोजित चौपाल में कही। उन्होंने कहा कि चौपाल ग्रामवासियों से बातचीत करने का सबसे अच्छा और सशक्त माध्यम है।

कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने चौपाल में गांव में संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली और ग्रामवासियों से उनकी वास्तविकता जानी। कई ग्रामवासियों ने अनेक विभागों के फील्ड में पदस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों के गांव में भ्रमण पर नहीं आने की शिकायत की तो वहीं स्कूलों में कुछ शिक्षकों के समय पर नहीं आने की बात भी अधिकारियों के सामने खुलकर कही। कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने भी ग्रामवासियों की शिकायत पर संबंधित अधिकारियों को सख्त लहजे में निर्देश दिए कि वे मैदानी अमले का गांव में भ्रमण सुनिश्चित करें।     

उन्होंने ग्रामवासियों के स्वास्थ्य, बच्चों के स्कूल जाने, शिक्षकों के नियमित स्कूल आने, स्कूल एवं आंगनबाड़ी खुलने, मध्यान्ह भोजन वितरित होने से संबंधित कई जानकारियां ग्रामवासियों से ली। ग्रामवासियों तथा छात्र-छात्राओं ने बताया कि माध्यमिक शाला में एक शिक्षक है तथा 60 बच्चे अध्ययनरत है। इसी तरह प्राथमिक शाला में चार शिक्षक है और 109 बच्चे अध्ययनरत हैं। कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने माध्यमिक शाला में शिक्षकों की व्यवस्था के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी तथा डीपीसी को दिए। चौपाल में ग्रामवासियों ने भी खुलकर अपनी बात कही और सुझाव भी दिए।

कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने ग्रामवासियों से कहा कि व्यवस्था या शासकीय सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ग्रामवासियों को जागरूक होना पड़ेगा। उन्हें अपने गांव में चल रही विभिन्न सरकारी योजनाओं के साथ-साथ स्कूल, आंगनबाड़ी और मध्यान्ह भोजन की भी निगरानी करनी होगी। उन्होंने कहा कि गांव के दो व्यक्ति प्रतिदिन मध्यान्ह भोजन चख कर उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्रामवासी अपने गांव के विकास, स्वच्छता, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए समय दें तो गांव की दिशा बदल सकती है। सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है लेकिन गांव की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान आपस में मिल बैठकर गांव में ही किया जा सकता है। जिन गांव में समूह की भागीदारी होगी वहां तेजी से विकास भी होगा। कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बी-1 खसरा, स्वाईल हेल्थ कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की ग्रामवासियों से जानकारी भी ली।

चौपाल में जानकारी दी गई कि गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 5 हितग्राहियों को आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनका निर्माण कार्य एक माह में पूर्ण हो जाएगा। मुख्यमंत्री आवास मिशन के तहत 13 आवास स्वीकृत किए गए जिनमें सात हितग्राहियों को राशि वितरित की जा चुकी है। इसी प्रकार भावांतर योजना के अंतर्गत 36 किसानों ने पंजीयन कराया है। चौपाल में जनपद सीईओ श्री शोभित त्रिपाठी, सरंपच श्री प्रकाश राजोरिया सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।  

सफाई के लिए बनेगी समिति
चौपाल में कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने ग्रामवासियों से कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए गांव को स्वच्छ और साफ-सुथरा रखना जरूरी है। गंदगी से कई बीमारियां होती हैं जो आर्थिक और शारीरिक रूप से कमजोर कर देती हैं। उन्होंने सभी से अपने घरों में शौचालय बनाने की बात कही। 

अनेक ग्रामवासियों द्वारा गांव में गंदगी होने की शिकायत पर कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने कहा कि सरकारी तौर पर एक या दो बार सफाई करवाई जा सकती है, लेकिन रोज संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने गांव को स्वच्छ रखने के लिए कुछ ग्रामवासी मिलकर स्वच्छता एवं निगरानी समिति बना लें और वे पूरे गांव की सफाई सुनिश्चित करें। उन्होंने सरपंच से भी कहा कि वे कुछ कर लगाकर प्राप्त होने वाली राशि गांव के विकास के लिए खर्च करें। उन्होंने गांव में संचालित नलजल योजना के सुचारू संचालन के लिए शुल्क लगाकर लोगों से राशि एकत्रित करने की बात कही।
    
कम पानी की फसल लगाने की सलाह
चौपाल में कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने ग्रामवासियों को पानी की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए कम पानी की फसल लगाने की सलाह दी। उन्होंने किसानों से कहा कि खेती में बदलाव के साथ-साथ मौसम के कारण खेती में हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने के लिए कहा। उन्होंने उद्यानिकी, पशुपालन के साथ ही कृषि आधारित छोटे-छोटे व्यवसाय अपनाने के लिए भी कहा। 


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