रूस पर लगाए प्रतिबंधों के भारत पर असर को लेकर अमेरिका चिंतित
वाशिंगटन :
अमेरिका का रक्षा मंत्रालय रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का आंच भारत अमेरिका
रक्षा संबंधों पर पड़ने को लेकर बहुत चिंतित है। अमेरिका ने अपने विरोधी
देशों से निपटने के लिए प्रतिबंध के कानून सीएएटीएस के तहतरूस पर
प्रतिबंध लगाए हैं। इस कानून की धारा 231 के तहत रूसीरक्षा एवं आसूचना
क्षेत्रों के साथ बड़े लेनदेन करने वालीदूसरी इकाइयों व देशों पर भी
प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। इससे भारत को रूस से अधिक मूल्य वाले सैन्य
रक्षा उत्पादों विशेष रूप से एस 400 मिसाइल रक्षा प्रणालीकी खरीद करने पर
अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिका के उप सह रक्षा मंत्री जोए फेल्टर ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘ हम इस बारे में भारत को चिंताओं को समझते हैं और हम भी इसको लेकर चिंतित हैं। इन प्रतिबंधों का निशाना रूस है न कि भारत। उल्लेखनीय है कि भारत4.5 अरब डालर मूल्य की पांच एस400 प्रणाली के लिए रूस से बातचीत कर रहा है। इस वायु रक्षा प्रणाली में राडार, मिसाइल लांचर व कमांड सेंटर प्रौद्योगिकी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि रूस से एस 400 रक्षा मिसाइल खरीदने को प्रतिबंध योग्य कार्रवाई माना जा सकता है।
विदेश सचिव विजय गोखले तथा रक्षा सचिव जी मोहन कुमार ने पिछले महीने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान इस बारे में अपनी चिंताओं को जाहिर किया था।फेल्टर ने कहा, ‘ हम भारत की चिंताओं से पूरी तरह सहमत है। पिछले महीने उच्च स्तरीय बैठक में यह मुद्दा उठा था। हम भारत के साथ अपने संबंधों में गति व जोश बनाए रखना चाहते हैं इसलिए हम भी चिंतित हैं। हम हमारे सहयोग को और मजबूत बनाना चाहते हैं न कि कमजोर।’
अमेरिका के उप सह रक्षा मंत्री जोए फेल्टर ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘ हम इस बारे में भारत को चिंताओं को समझते हैं और हम भी इसको लेकर चिंतित हैं। इन प्रतिबंधों का निशाना रूस है न कि भारत। उल्लेखनीय है कि भारत4.5 अरब डालर मूल्य की पांच एस400 प्रणाली के लिए रूस से बातचीत कर रहा है। इस वायु रक्षा प्रणाली में राडार, मिसाइल लांचर व कमांड सेंटर प्रौद्योगिकी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि रूस से एस 400 रक्षा मिसाइल खरीदने को प्रतिबंध योग्य कार्रवाई माना जा सकता है।
विदेश सचिव विजय गोखले तथा रक्षा सचिव जी मोहन कुमार ने पिछले महीने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान इस बारे में अपनी चिंताओं को जाहिर किया था।फेल्टर ने कहा, ‘ हम भारत की चिंताओं से पूरी तरह सहमत है। पिछले महीने उच्च स्तरीय बैठक में यह मुद्दा उठा था। हम भारत के साथ अपने संबंधों में गति व जोश बनाए रखना चाहते हैं इसलिए हम भी चिंतित हैं। हम हमारे सहयोग को और मजबूत बनाना चाहते हैं न कि कमजोर।’
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