उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना कैसे होगी, यह हमारी जिम्मेदारी नहीं: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली: उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर साफ किया कि मंदिर में पूजा अर्चना कैसे होगी. ये तय करना हमारा काम नहीं है. कोर्ट ने कहा कि हम केवल शिवलिंग को सुरक्षित रखने को लेकर चिंतित है.
कोर्ट ने कहा कि मंदिर में भस्म आरती कैसे होगी ये हम तय नहीं करेंगे. मंदिर के पूजा पद्धति में हम दखल नही देंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रखा है. सुप्रीम कोर्ट शिवलिंग को सुरक्षित और संरक्षित रखने को लेकर दिशा निर्देश दे सकता है.
आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन समिति को तुरंत वो नोटिस बोर्ड हटाने को कहा था, जिसमें लिखा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पूजा के नियम बनाए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि ये आदेश कभी नहीं दिया कि धार्मिक अनुष्ठान कैसे किए जाएं और ना ही ये कहा कि भस्म आरती कैसे हो. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि कोर्ट को मंदिर और पूजा के रीति रिवाजों से कोई लेना देना नहीं है.
कोर्ट ने ये मामला सिर्फ शिवलिंग की सुरक्षा के लिए सुना और एक्सपर्ट कमेटी बनाई. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मंदिर प्रबंधन समिति ने ये प्रस्ताव पेश किए थे. सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर इस मामले में मीडिया गलत रिपोर्टिंग करता है या पक्षकार मीडिया में गलत बयानी करता है तो उसके खिलाफ कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई की जाएगी.
कोर्ट ने कहा कि मंदिर में भस्म आरती कैसे होगी ये हम तय नहीं करेंगे. मंदिर के पूजा पद्धति में हम दखल नही देंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रखा है. सुप्रीम कोर्ट शिवलिंग को सुरक्षित और संरक्षित रखने को लेकर दिशा निर्देश दे सकता है.
आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन समिति को तुरंत वो नोटिस बोर्ड हटाने को कहा था, जिसमें लिखा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पूजा के नियम बनाए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि ये आदेश कभी नहीं दिया कि धार्मिक अनुष्ठान कैसे किए जाएं और ना ही ये कहा कि भस्म आरती कैसे हो. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि कोर्ट को मंदिर और पूजा के रीति रिवाजों से कोई लेना देना नहीं है.
कोर्ट ने ये मामला सिर्फ शिवलिंग की सुरक्षा के लिए सुना और एक्सपर्ट कमेटी बनाई. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मंदिर प्रबंधन समिति ने ये प्रस्ताव पेश किए थे. सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर इस मामले में मीडिया गलत रिपोर्टिंग करता है या पक्षकार मीडिया में गलत बयानी करता है तो उसके खिलाफ कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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