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दुर्गा मन्दिर परिषर में सी.एम.आर.कम्पनी कि लापरवाही से टकराने से बाल बाल बचा ट्रेक


दुर्गा मन्दिर परिषर में सी.एम.आर.कम्पनी कि लापरवाही से टकराने से बाल बाल बचा ट्रेक

अनुपपुर / राजेंद्रग्राम  / 



जोहिला नदी के पास दुर्गामंदिर परिषर में ट्रेक टकराने से बाल-बाल बचा,उसका कारण नल-जल प्रदाय योजना के तहत मनमानी तरीके से सड़क और सड़कों के किनारे खुदाई कर पाइप लाइन डाला जाना है, जिससे हल्की बारिश में ही सड़कों के ऊपर और सड़क के किनारे बनी सोल्डर सड़को पर भारी मात्रा में कीचड़ का जमाव होना है,इस जमे हुए कीचड़ कि वजह से सड़क पर चल रहे भारी एवं दुपहिया वाहन अनियंत्रित हो रहे हैं,हल्की बारिश में जब ये हाल है तब भारी बारिश के महीनों में क्या स्थिति होगी सहज ही इसका अंदाजा लगाया जा सकता है,यदि समय रहते ध्यान नही दिया गया तो किसी बड़ी दुर्घटना होने से इनकार भी नही किया जा सकता है।

क्या है नल जल प्रदाय कि योजना

सी.एम.आर.कम्पनी जो पहले गोंडवाना मेसर्स प्राइवेट कंपनी के नाम से जानी जाती रही है,वर्तमान में यह कम्पनी सी.एम.आर.में मर्ज हो चुकी है, इस कम्पनी को नल जल प्रदाय योजना के तहत 52 ग्रामो में पाइप लाइन के माध्यम से शुद्ध पेय जल कि व्यवस्था करनी है,लगभग 60 करोड़ लागत कि यह योजना मध्यप्रदेश सरकार कि महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है,साँथ ही अपनी तरह कि यह पहली योजना भी है,इस योजना का उद्देश्य दूरस्थ में निवासरत ग्रामीणों के घरों में शुद्ध पेय जल कि व्यवस्था कराना है,यह योजना एक प्रकार से पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में बनाई जा रही है,जिसके तहत पुष्पराजगढ़ के राजेंद्रगराम के पास जोहिला नदी में दो डेम का निर्माणा करना है,एक डेम कि ऊंचाई 5 मीटर तथा दूसरे डेम की ऊंचाई 6.5 मीटर है,इन निर्मित डेमो में पानी को रोक कर फिल्टर प्लांट के माध्यम से फिल्टर किया जाएगा, शुद्घ किए गए पानी को पाइप लाइन के माध्यम से गांवों में बनाई जा रही पानी टँकीयों तक पहुंचा कर घर-घर शुद्ध पेजल मुहैया कराया जाएगा,जिसका 10 वर्षों तक मेंटेनेंस उक्त कम्पनी के द्वारा ही किया जाना है,इस पूरी योजना का निर्माण वा संचालन का काम मध्यप्रदेश जल निगम के आधीन है।

क्यों हो रही है लोगों को परेसानी

सी.एम.आर.के प्रोजेक्ट हैड ऐ.के.जैन.अपने मनमानी तौर तरीकों के लिए जाने जाते हैं, 52 गांव के ग्रामीणों में नल जल प्रदाय को लेकर जितनी उत्सुकता थी,उससे कंही ज्यादा अब ग्रामीणों को बड़ी मुश्किल से बनी पंचायतों कि PCC रोड के टूटने का दुःख हो रहा है,सी.एम.आर.कम्पनी पाइप लाइन बिछाने के नाम पर बेतरतीब तरीके से जगह जगह खुदाई कर रही है,इन खोदी गई वा टूटी हुई सड़कों को देखना ग्रामीणों को अब खल रहा है,साँथ ही बारिश आने वाली है,ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को अब ये भी चिन्ता सताने लगी है कि कैसे वो बारिश में अपना निस्तार सुचारू रूप से जारी रख पाएँगे.......? आवागमन कैसे कर पाएंगे..... ? बिना सड़क रोजमर्रा कि जरूरतें कैसे पूरी होंगी......?

नियम कानूनों को दरकिनार कर किया जा रहा है काम

गोंडवाना प्राइवेटव लिमिटेड के नाम से 52 गांव में नल-जल प्रदाय कि योजना का कार्य नियम-कानून को ताक में रख कर किया जा रहा है,एम.पी.आर.डी.सी.,पी.एम.जी.एस.वाई.सहित पंचायतों में बनी पी.सी.सी.रोड का बिना अनुमति खुदाई कर पाइप लाइन बिछाना है, ग्रामीण आदिवाशियों को प्रलोभन दे कर पानी टँकी का निर्माण करना,बिना अनुमति डायनोटर का स्तेमाल कर बारूदी विस्फोट करना,जल संसाधन के पास जे.सी.बी. के बकिड में खड़े हो कर 11 के.बी. कि चालू लाइन को बिना विद्युत विभाग कि अनुमति के मात्र गलेब्स के सहारे छूना, इस तरह जान जोखिम में डालना सेफ्टी डिपार्टमेंट की नाकामी को दर्शाता है,अपनी मन-मानी रवैया से ऐ.के.जैन सभी प्रकार के कामो में अनुमति लेना उचित नही समझते,इनके अधिनस्त कर्मचारी भी इनके मनमानी रवैया से परेशान हैं,कर्मचारियों से यदि बात कि जाए तो उनका कहना होता है हम कुछ नही जानते सारे निर्णय ऐ.के.जैन साहब लेते हैं।

प्रोजेक्ट पूरा करने का मुख्यमंत्री का है दबाव बोल कर गुजरात कि सुनाते हैं गाथा


सी.एम.आर. कम्पनी के पुष्पराजगढ़ में चल रहे 52 गांवो में नल-जल प्रदाय योजना के प्रोजेक्ट हैड ऐ.के.जैन से जब बिना परमीशन कार्य करने के विषय मे जानकारी लेने कि कोशिस कि जाति है, तब प्रोजेक्ट हैड का एक ही जवाब होता है,चुनाव से पहले हर हालत में प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री वा भोपाल से दाबाव बनाया जाता है,ऐसी स्थिति में सभी प्रकार के नियमों का पालन कर पाना सम्भव नही है,नियम इतने जटिल हैं कि उनके पालन कि तरफ यदि ध्यान दिया जाए तो काम एक वर्ष क्या पांच वर्ष में भी पूरा कर पाना सम्भव नही है,इस स्थिति में भोपाल से जो प्रेसर है उसे कैसे मेंटेन कर रहा हूँ मै ही जानता हूँ,साँथ ही प्रोजेक्ट हैड द्वारा अपने गुजरात अनुभव और नोकरी के दौरान ली गई आकस्मिक रिटायरमेन्ट कि बात बता कर लोगों के दिलो दिमाग मे अपने हर उन कार्यों का जो नियम कायदे से ना होकर मनमानी तरीके से किए जाते हैं,उनमें पर्दा डालने कि हर सम्भव कोशिस की जाती है।
यँहा एक प्रशन महत्वपूर्ण है,क्या माननीय मुख्यमंत्री जी प्रोजेक्ट पूरा करवाने कि इतनी जल्द बाजी में हैं कि नियमों की होली खेलने की पूरी छूट दे रखी है....?
या प्रोजेक्ट हैड का महज जुमला मात्र है....?

दिनदहाड़े डायनोटर से जोहिला में करते हैं ब्लास्टिंग

नल-जल प्रदाय योजना के तहत जोहिला नदी में दो बांधो का निर्माण होना सुनिश्चित किया गया है,जिसका काम सी.एम.आर कम्पनी को करना है, इन बांधों के निर्माण में खुले आम ब्लास्टिंग की जा रही है,जिससे जलीय जीव-जंतुओं कि आकास्मिक मौत होना आम बात है। जलसंसाधन विभाग के बगल में निर्माणाधीन बाँध के सुरुआति दौर में, लगभग 10 बजे दिन में जोर दार ब्लास्टिंग कि गई थी,जिससे हनुमान मंदिर समेत जल संसाधन विभाग की कई इमारतों को नुकसान हुआ था,बड़े-बड़े पत्थर हवा में उड़ रहे थे,उस वक्त जल संसाधन विभाग के एस.डी.ओ.एस.एल.प्रजापति ने हमारे सम्वाददाता को ब्लास्टिंग औऱ उससे हुए नुकसान के बारे में विस्तार से बताया,हमारे द्वारा जब एस.डी.ओ.से इस ब्लास्टिंग कि शिकायत को लेकर जानकारी माँगी गई तब एस.एल.प्रजापति ने अपने जल संसाधन के उच्च अधिकारियों को अवगत कराने कि बात कही गई,ठीक इसी तर्ज पर बीते दिनों फिर से बारूदी धमाका कर दूसरे बाँध का काम शुरू करने कि कोशिस कि गई है,जिसमे फिर से नियम कायदे की धज्जियां उड़ाई गईं हैं,एक बार फिर जलीय जीवों को अकारण काल के गाल में प्रोजेक्ट हैड ऐ.के.जैन के द्वारा भेजा गया है,यँहा सवाल यह उठता है आखिर डायनोटर आता कँहा से है,जो इतनी आसानी से उपलब्ध हो जाता है,इस बार तो बकायदा टेक्टर चलित ड्रिल मशीन से ड्रिल करवाकर धमाका किया गया है।

जनपद कि सामान्य सभा मे उठा था मुद्दा

बीते समय जनपद में सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमे सी.एम.आर. कम्पनी द्वारा मनमानी तरीके से किए जा रहे कार्यों को लेकर चर्चा कि गई,उस वक्त प्रोटोकॉल के तहत क्षेत्रीय विधायक फून्देलाल सिंह भी सामान्य सभा कि बैठक में अचानक उपस्थित हुए,जनपद सदस्यों द्वारा मनमानी तरीकों से पी.सी.सी. सड़कों को खोदने को लेकर शिक़ायत व्यक्त किया गया, उस पर संज्ञान लेते हुए सभी ने एक मत से सी.एम.आर. कम्पनी पर एफ.आई.आर.दर्ज कराने वा बिना परमीशन कैसे कार्य किया जा रहा है..? कि बात कही,पर मैनेजमेन्ट के माहिर प्रोजेक्ट हैड ने ऐसा क्या जादू किया कि आज दिनांक तक एफ.आई.आर दर्ज होना तो दूर कि बात है दिनदहाड़े ब्लास्टिंग करवा ली गई और कोई कार्यवाही नही कराई जा सकी है।

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