नियमों की धज्जियां उडा रहे कंपनी के ठेकेदार प्रबंधन उदासीन
नियमों की धज्जियां उडा रहे कंपनी के ठेकेदार प्रबंधन उदासीन
शहडोल / प्रदीप मिश्रा - 8770089979
पिछले दस-पंद्रह वर्षो से ओरियन्ट पेपर मिल्स के बगड़ीया ठेकेदार (बाबा ब्रिक्स) माध्यम से अड़तालीस(48)मजदूर ईटा व सिविल का काम करते है। जो न सरकार द्वारा लागू मिनिमम वेज282 रूपये व ई.एस.आई. व पी.एफ.नही था। जिसको लेकर मजदूरो ने पंद्रह अक्टूबर 2017 को एक जबरदस्त आंदोलन किया। लगातार 2माह ठंड में रातो दिन खुले आसमान में आन्दोलन किया। जिसमे प्रबंधन ओ.पी.एम. में उदासीनता व अड़ियल रवैया अपनाए रखा, मजबूरन शासन को सामने आकर समझौता करवाना पड़ा। दिनांक 09/12/2017 को समझौता जिसमें मजदूरो को 26 ड्यिुटी, मिनिमम वेज की दर 282 रू प्रतिदिन के दर से मजदूरी का भुगतान, बोनस,छुट्टी, पेमेन्ट की पर्ची, हाजिरी कार्ड आदि की बातों को मान लिया गया। परन्तुु उसके बाद से प्रबंधन ओरियन्ट पेपर मिल व ठेकेदार बगड़िया के द्वारा मजदूरो केा परेषान व मजदूरी न मिलने पाये इसलिये समझौते के बाद से ही महीने में मात्र 15ः20 दिन की ड्यिुटी दिया जा रहा था। पूरा ड्यिुटी, एक साजिस के तहत दिनांक 28/05/2018 से बन्द कर दिया गया है। जिसमें ठेकेदार द्वारा यह कहा जाता है कि सीमेन्ट व चूना नही है इसलिए काम नही है। इसके पूर्व जब 200 से 210 रू तक प्रतिदिन के दर से वेतन का भुगतान करता था तब चूना व सिमेन्ट का स्टाक भरपूर रहता था। व 30(तीसो) दिन मजदूरो को काम देता था। जिससे यह बात स्पष्ट होती है कि मजदूरो को 26 दिन काम देने से न्यूनतम मजदूरी म.प्र. शासन द्वारा निर्धारित, इनकी छुट्टी(अर्जित अवकाष), बोनस व ग्रेजअटी देना पडे़गा। तथा मजदूरो का पेट भरने लगेगा साथ ही म.प्र. शासन के अधिकारीयों द्वारा किये गये फैसलो का भी उपहास उड़ाया जा रहा है। इस तरह से मजदूरो के हितो को ध्यान में रखकर किये गए समझौते का उल्लंघन इस बात को साबित करता है कि महाप्रबंधक (मा.स.) संजय सिंह ओ.पी.एम. व ठेकेदार को शासन प्रषासन का काई डर-भय नही है। इस तरह मजदूरो का शोषण व अत्याचार लगातार असंतोष पैदा करना चला आ रहा है। इस तरह बढ़ता असंतोष कभी भी किसी भी घटना के रूप् में परिवर्तित हो सकता है। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी महाप्रबंधक (मा.सं) संजय सिंह ओ.पी.एम. व ठेकेदार बगडीया तथा शासन
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