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बुनियादी सुविधाओं की कमी को तरसता बिजुरी का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आम आवाम के राक्षार्थे चिकित्सालय का उन्नयन जरुरी 17 को बिजुरी बंद ,करीबन दो लाख की आबादी पर एक सामुदायीक स्वास्थ्य केंद्र की मांग

बुनियादी सुविधाओं की कमी को तरसता बिजुरी का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र

आम आवाम के राक्षार्थे  चिकित्सालय का उन्नयन जरुरी

17 को बिजुरी बंद ,करीबन दो लाख की आबादी पर एक सामुदायीक स्वास्थ्य केंद्र की मांग

अनूपपुर / प्रदीप मिश्रा - 8770089979

जिले के अंतिम छोर पर बसे बिजुरी क्षेत्र का आम आवाम सरकार के तमाम विकास परक दाॅवों के बीच गोता लगा रहा है उसे समझने में मुष्किल हो रहा कि वह जो देख रहा वह सही है या सत्तासीन सरकार का दावा।लाखों की आबादी लिये कोयलांचल नगरी जिस पर आदिवासी बाहुल्य अंचल का तमगा लगा है सरकार के विकास पर के दाॅवों में अपने को टटोलने में लगा है। उसके पास भोपाल से लेकर दिल्ली तक ऊॅची पकड बताने वाले जनप्रतिनिधियों से लेकर तमाम राजनीतिक लोग हैं जो हर जगह पान ठेला चैराहों पर भाॅजतें नजर आते हैं कि वों जो चाहे करा सकतें हैं फिर प्रष्न यह है कि गत 15 वर्षों के सत्ता में रहते ओहदेवान नगर के प्रमुख बुनियादी समस्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्न्यन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में करा पाने में अपने को असहज कहाॅ पा रहे हैं। आसपास के लाखों की आबादी को जीवन देने का एक मात्र चिकित्सालय जॅहा पर सरकारी योजनाएॅ हैं पर योजनाओं को मूर्त रुप देने वाले चिकित्सक, कार्यालयीन कर्मचारी, संसाधन का पता नही।

एक चिकित्सक के भरोसे क्षेत्र की जिम्मेदारी

नगर का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द में सरकार की संपूर्ण योजनाएॅ लागू है जसका लाभ क्षेत्र के जागरुक आवाम को मिल रहा है।नगर में स्थित चिकित्सालय आसपास के सुदूर ग्रामीण अंचल क्षेत्र कोठी से लेकर बेलगाॅव व संपूर्ण कोयलांचल में निवासरत लोगों के प्राथमिक उपचार का केन्द्र है। इस केन्द्र में लाखों की आबादी का जिम्मा है जिसे पूरा करने का काम चिकित्सक का है। नगर प्राथमिक केन्द्र में वर्तमान में केवल एक चिकित्सक मनोज सिंह हैं। प्रषासनिक फेरबदल के कारण पदस्थ चिकित्सक ़ित्रपाठी का मलगा का प्रभार दिया गया है। लाखों की आबादी वाले एक मात्र केन्द्र एक चिकित्सक के भरोसे जिसके जिम्मे प्रषासनिक कार्यो के अलावा मरीजों का उपचार भी षामिल है। चिकित्सक की कमी से क्षेत्र कराह रहा है अतिरिक्त चिकित्सकों की पदास्थापना की माॅग बलवती नजर आ रही है जिसे जहन में लाने का काम अब तक नही किया जा सका है।

नर्स वार्डब्वाॅय की कमी तो ड्रेसर नही है

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आभावों के बीच खडा है उसके पास केवल 2 नर्स हैं व वार्डब्वाॅय की कमी पहले से ही है ड्रेसर का पद पदस्थ ड्रेसर रामचरित श्रीवाास्तव के सेवनिवृत्ति बाद अब तक नही भरा जा सका है। मसलन चिकिसालय का लाभ जख्मी सख्स, व मरीज को नही मिल पा रहा है। तमाम सरकारी योजनाओं के बावजूद कर्मचारियों की कमी का दंष क्षेत्र का आम आवाम प्रषासनिक उदासीनता के कारण भोगने को विवष है।

महिला चिकित्सक न होना सरकारी योजना पर पलीता

महिला प्रसव को सरकारी अस्पताल में कराये जाने को लेकर सरकार विज्ञापनों पर करोडों खर्च करती चली आ रही है। सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने संबधी विज्ञापन को लेकर जागरुक महिला जब सरकारी अस्पताल की चैखट पर पाॅव रखती हैं तो उन्हे महिला चिकित्सक की कमी खलती है। जिसका लाभ निजी चिकित्सालय ले रहा है तथा सरकारी योजनाओं को करारा तमाचा लग रहा है। नगर में स्थित यह चिकित्सालय वर्षों से सरकार व उनके नुमाइंदों भाॅजी नेताओं की ओर टकटकी लगाए थक गया किन्तु उसे आज तक महिला हित में महिला चिकित्सक न मिल सका। सरकार के महिला हितों के दावों की पोल नगर में खुलती नजर आर ही है।

न बिस्तर है न जाॅच उपकरण

नगर के दानदाताओं के भरोसे दो चार विस्तर के भरोसे मरीजों को भर्ती कर इलाज करने का काम किया जाता है। मरीज बढे तो जमीन पर लिटा कर इलाज किया जाता है जिस से मानवता तारतार होती है। क्या मरीज क्या चिकित्सक सभी यही कोसते हैं कि बीमार ब्यक्ति जाने कैसे जमीन में पडकर लाभ ले सकेगा। बरसात का मौसम अस्पताल की ब्यवस्था पर आसू बहाने जैसा ही होता है। जाॅच उपकरण का न होना दुर्घटनाग्रस्त मरीज, महिलाओ के लिए एक बडा दंष दे जाताहै।ं

आम आवाम के राक्षार्थ जरुरी है उन्नयन

जिले के अंतिम छोर में बसा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजुरी एक बडी आबादी लिये हुए है दषकों पहले कम आबादी पर नगर के समाजसेवी खेडिया परिवार ने इस चिकित्सालय की नींव रखी थी तब से लेकर आजतक यह प्राथमिक नींव में ही जमा रह गया। आज नगर सहित समूचे क्षेत्र की आबादी बढी है तब भी विस्तार की कमी बनी हुई है। क्षेत्र का जनमानस तत्कालिक घटना दुर्घटना पर प्राथमिक इलाज की ओर भागता जिसे संसाधनों की कमी का हवाला दिया जाकर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है जॅहा पर जाकर इलाज कराना किसी बडे कृपा से कम नही होती है। नगर में चिकित्सालय है आबादी है सरकार इस दौर में जॅहा न्यूइॅडिया की बात की जा रही है वहीं इस चिकित्सालय में मरीज को छूकर देखकर उसका इलाज किया जा रहा है। ऐसे में आम आवाम के राक्षार्थ चिकित्सालय का उन्नयन जरुरी हो गया है। 

शुरू हुआ जन आन्दोलन 17 को बन्द

बिजुरी सहित राजनगर,ग्रामीण क्षेत्र के किसान ब्यापरी स्वतःआन्दोलनरत है अब क्षेत्र राजनीतिक दलगत भावना का त्याग कर आन्दोलन को गति देने मे जुट गयी ।सत्ता विपक्ष के साथ नगर के युवा से मिनकर अपनी मांग से अवगत करा चुके है।साथ ही साथ सब से सहयोग भी मांग रहे है।

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