ईयू, दूतावासों ने फांसी देने के मुद्दे पर श्रीलंका सरकार को पत्र लिखा
कोलंबो : यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिनिधियों और दूसरे देशों के दूतावासों ने अपराधों में वृद्धि के बाद फांसी की सजा बहाल करने के श्रीलंका सरकार के रूख पर उससे स्पष्टीकरण मांगा है।
ईयू के प्रतिनिधियों और ब्रिटेन , फ्रांस , जर्मनी , इटली , नीदरलैंड , रोमानिया , कनाडा और नॉर्वे के दूतावासों ने आज एक संयुक्त बयान में कहा कि उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना को मुद्दे को लेकर एक पत्र लिखा है।
श्रीलंका में बढ़ते अपराधों को देखते हुए लोग फांसी की सजा बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
सरकार ने जवाब में कहा कि वह उन कैदियों को फांसी देगी जिन्होंने फांसी पर लगी रोक का फायदा उठाते हुए कथित रूप से जेल से मादक पदार्थ का कारोबार चला रखा है। श्रीलंका ने आखिरी बार किसी कैदी को 1976 में फांसी दी थी और तब से इस सजा पर रोक लगी हुई है।
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