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एसटीएसी एक्ट के विरोध में मऊगंज से भाजपा के इस पूर्व विधायक ने छोड़ी पार्टी



रीवा : मध्यप्रदेश में एट्रोसिटी एक्ट का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया गया है। विंध्यक्षेत्र में जहां सवर्ण समाज ने गुरुवार को भारत बंद का समर्थन कर शासन-प्रशासन की नींद -हरामकर दी है। वहीं मऊगंज के पूर्व विधायक व भाजपा के दिग्गज नेता लक्ष्मण तिवारी ने पार्टी की गलत नीतियों से खिन्न होकर इस्तीफा दे दिया है। एमपी नगर स्थित कॉफी हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर औपचारिक घोषणा की।

लक्ष्मण तिवारी के सहयोगियों की मानें तो प्रदेशभर में भाजपा अपने नीतियों से हटकर कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार चरम पर है। अफसर शाही हावी हो गई। कार्यकर्ता क्या नेता तक की कोई सुनने वाला नहीं है। एससी-एसटी एक्ट का जबरदस्त विरोध इसका उदाहरण है। इसलिए तिवारी भाजपा से इस्तीफा दे रहे है। दिग्गज नेता लक्ष्मण तिवारी ने पहले भी सवर्ण समाज पार्टी बना कर आरक्षण का पुरजोर विरोध किया था परन्तु उस समय जनमानस का समर्थन न मिलने के कारण उन्होंने बीजेपी ज्वाइन  कर ली थी।

ये है मामला
बता दें कि, एससी-एसटी एक्ट के विरोध में बढ़ते जनसमर्थन को देखते हुए प्रदेशभर में राजनेता पसोपेश में दिखाई दे रहे हैं। साथ ही नेताओं को लोगों के गुस्से का भी शिकार होना पड़ रहा है, लेकिन विरोध-प्रदर्शन के बीच रीवा के राजनेता लक्ष्मण तिवारी का खुलकर इस एक्ट के विरोध में सामने आए हैं। पूर्व विधायक व भाजपा नेता लक्ष्मण तिवारी ने एससी एसटी एक्ट के विरोध में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

जिला बनाने की उठाई थी सशक्त मांग
पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने अपने कार्यकाल में मऊगंज को जिला बनाने की उठ रही मांग को बल देते हुए सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ी। सरकार ने आश्वासन भी दिया था। प्रक्रिया भी शुरू हुई थी लेकिन घोषणा नहीं होने के चलते मांग अधूरी रह गई। इस बीच अपर कलेक्टर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना कर संकेत भी दिया गया था कि यह क्षेत्र सरकार के लिए महत्वपूर्ण है। कहा है कि प्रदेश में अब कोई भी जिला बनने की वरीयता रखता है तो वह मऊगंज है। यदि दूसरा कोई जिला घोषित हुआ तो मऊगंज की जनता के साथ बड़ा आंदोलन करेंगे।

सरकार की बात नहीं पहुंचा पा रहे भाजपा नेता
सरकार की उपलब्धियों को लेकर आम जनता तक भाजपा के नेता और कार्यकर्ता मऊगंज में नहीं पहुंचा पा रहे हैं। दूसरे कई ऐसे नेता हैं जो आपसी गुटबाजी के चलते जनता से संवाद स्थापित नहीं कर पा रहे हैं। यह बात पार्टी की बैठकों में कई बार उठाई गई। सांसद जनार्दन मिश्रा ने भी मोर्चा संभाला था और गांवों में संपर्क के लिए निकले थे। इसके बावजूद कार्यकर्ता अब तक निराश है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि वह भाजपा की सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं है।

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