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सवालों के घेरे में व्यापारी से 60 हजार की आन लाईन ठगी. अब होगी जांच -- पुलिस द्वारा ...पुलिस की ...पुलिस के लिये .

सवालों के घेरे में व्यापारी से 60 हजार की आन लाईन ठगी.

अब होगी जांच -- पुलिस द्वारा ...पुलिस की ...पुलिस के लिये .

अनूपपुर /प्रदीप मिश्रा - 8770089979

 क्या प्रदेश मे अपराधियों के हॊसले इतने बुलंद हो गये हैं कि पुलिस के आला अधिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखते हुए उनके नाम पर ठगी को अंजाम दें ? या पुलिस विभाग की बाड ही खेती चरने का काम करते हुए साख पर बट्टा लगाने का कार्य कर रही है ? अनूपपुर जिला अन्तर्गत घटित ठगी की हालिया घटना गंभीर सवालों के घेरे में है। विभाग के आला अधिकारी हतप्रभ हैं तथा प्रकरण दर्ज कर सूक्ष्म जांच की तैयारी की जा रही है। बी पी सी एल पेट्रोल पंप राजेन्द्रग्राम के केयरटेकर केदार प्रसाद गुप्ता ने 16 जुलाई को पुलिस अधीक्षक अनूपपुर को शिकायती पत्र में कहा है कि राजेन्द्रग्राम थाने के प्रधान आरक्षक भगवान दास पाटले ने 17 जून को मुझसे आकर कहा कि एडिशनल एसपी से बात कर लो। प्रधान आरक्षक के कहने पर मैने एडिशनल एसपी से बात की। तब उन्होने मुझसे मेरा नम्बर मांगा तथा कहा कि मैं छुट्टी पर हूं।  आपके पे्ट्रोल पंप से थाने की गाड़ियों के लिये डीजल - पेट्रोल जाता है। मुझे कुछ पैसों की जरुरत है, मैं अभी फोन करके बतलाता हूं। कुछ समय बाद मोबाइल नम्बर 9772552491 से एडिशनल एसपी के नाम पर फोन आया तथा कहा गया कि मुझे कुछ पैसों की जरुरत है ,बच्चों की फीस जमा करना है। मै अभी आफिस से आपके खाते मे पैसे डलवा रहा हूँ ,पैसे देखने के बाद अलग अलग खातों मे तीस - तीस हजार रुपये डाल देना। कुछ समय बाद मेरे व्हाट्स एप मे 60000 रु मेरे खाते मे आने की सूचना एसबीआई की एस एम एस  आफिसियल साईट से मिली। मैने भरोसा करते हुए भेजे गये एस बी आई करॊली के दो एकाउंट नम्बर 33639614933 तथा 51060225695  हैं। एक दिन बाद फिर उसी नम्बर से फोन आया कि सर्वर प्रॉब्लम के कारण पैसा वापस हो गया है। किसी आरक्षक को भेज कर मै चेक भेजता हूं। लेकिन आज दिनांक तक किसी माध्यम से जब पैसा नहीं आया तो मैने प्रधान आरक्षक पाटले से बात की तो उन्होने कहा कि 26 जून तक साहब छुट्टी से वापस आ जाएगें तो मैं बात करता हूं। 26 जून के बाद मैने जब फिर से बात की तो उन्होंने कहा कि शायद किसी ने मेरे साथ चालबाजी की है।

 अब मैं आपको पैसा कहां से दूं। इसके लगभग 20 दिन बाद केदार गुप्ता ने पुलिस अधीक्षक से 60000 हजार रुपये वापस दिलवा कर दोषी के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।  शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक किरणलता केरकेट्टा ने कहा है कि मामले की जांच करवा कर कार्यवाही की जा रही है। जाहिर है कि चूंकि मामला आन लाईन ठगी का है तो  आरोपी आज या कल पकडे ही जाएंगे तथा पुलिस की सायबर विंग से मामले का खुलाशा भी हो जाएगा । इस सबके बावजूद  व्यापारी से आन लाईन ठगी के मामले मे बहुत से गंभीर सवाल उठ खडे हुए हैं , जैसे ......
1. ठगी की जानकारी हो जाने पर  शिकायत लगभग 20 दिन विलंब से क्यों की गयी ? 
2. ठगी की शिकायत 26 जून के बाद तत्काल राजेन्द्रग्राम थाने मे दर्ज क्यों नहीं करवाई गयी ? या क्या थाने मे शिकायत ली ही नहीं गयी।
3. प्रधान आरक्षक भगवान दास पाटले को कम से कम पन्द्रह वर्ष का कार्य अनुभव अनुमानित है। उसने व्यापारी से किसी अनजान व्यक्ति की बात कैसे करवा दी ? या एडिशनल एसपी से इसकी पुष्टि स्वत: या टी आई / एसडीओपी से क्यों नहीं करवाना उचित नहीं समझा ?
4. जब 26 जून को ही पाटले को ठगी की आशंका हो गयी थी तो उसने इसकी शिकायत स्वत: क्यों नहीं की ? 
5. एडिशनल एस पी अवकाश पर हैं ,इसकी जानकारी पुलिस विभाग को थी। इसके बावजूद प्रधान आरक्षक ने अनजान नम्बर से बिना पुष्टि किये व्यापारी से बात क्यों करवाई ?
5. किस पेट्रोल पंप से पुलिस के वाहनों मे पेट्रोल - डीजल डाला जाता है ,यह विभाग, व्यापारी या इसपर निगरानी करने वाला व्यक्ति ही जान सकता है। जाहिर है कि सूचना लीक की गयी या उसका उपयोग किया गया। 
6. एडिशनल एस पी अवकाश पर थे , इसे अवसर की तरह उपयोग किया गया। संदेह है कि अधिकारी के अवकाश मे होने की जानकारी का उपयोग हुआ या लीक की गयी ।
7. यह जांच का विषय है कि क्या प्रदेश के कुछ अन्य जिलों मे भी एडिशनल एस पी के नाम पर आन लाईन ठगी हुई ? क्या किसी थाने मे शिकायत दर्ज की गयी है।    यदि हुई है तो प्रदेश स्तर पर विशेष जांच दल बना कर जांच होनी चाहिए।
8. 60000 रु की राशि करॊली ,राजस्थान के एस बी आई शाखा मे जिस खाते मे जमा हुई । यह जांच के बाद ही पता चलेगा कि इन खातों से राशि निकली या नहीं । राशि निकली तो किसे दी गयी ।  मोबाइल के डिटेल ऐसे संकेत दे रहे हैं कि इसके पीछे किसी अन्तर्राज्यीय गिरोह का हाथ हो सकता है।
9. स्थानीय सूत्र स्वत: शिकायतकर्ता के संदिग्ध आचरण पर सवाल उठा रहे हैं। घटना प्रकाश मे आने के बाद से सोशल मीडिया मे वह चर्चा का विषय है। उसके अन्य संदिग्ध लेन देन की जांच होनी चाहिए ।
10. प्रमुख सवाल यह है कि क्या अनूपपुर पुलिस अधीक्षक मामले मे एफ आई आर दर्ज करवा कर कार्यवाही को आगे बढाएगीं या महज विभागीय जांच से काम चलेगा। चूंकि एक प्रधान आरक्षक एडिशनल एसपी के नाम पर ठगी का सूत्रधार / मोहरा बनता दिख रहा है ऐसे मे आन लाईन ठगी के इस मामले मे एफ आई आर दर्ज कर विशेष जांच दल से मामले की जांच करवाना उचित होगा। ऐसे मे प्रदेश का यह ऐसा मामला होगा जिसमे जांच पुलिस द्वारा ...पुलिस की ....पुलिस की साख के लिये होगी ,जिस पर सभी की नजर टिकी हुई है।

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