मध्यप्रदेश में भारी बारिश से कई जगह बिगड़े हालात, अगले 24 घंटे इन जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट | MP NEWS
भोपाल। मध्यप्रदेश में भारी बारिश के चलते हालत बेकाबू हो चले है।कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए है, आसपास का संपर्क भी टूट गया है। लगातार हो रही बारिश ने प्रदेशवासियों का जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग की माने तो अगले चौबीस घंटे में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ( IMD ) ने मध्यप्रदेश के 39 जिलों में अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी जारी किया है। इस चेतावनी के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी आपदा प्रबंधन समेत लोगों को भी बाढ़ में सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, बीते दो तीनों से मानसून ने फिर रफ्तार पकड़ ली है, जिसके चलते प्रदेशभर मे बारिश हो रही है। गुरुवार को भी भोपाल समेत अधिकतर जिलों में झमाझम बारिश हुई। नाले उफान पर आ गए और नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी। बारिश के चलते गांवों का भी संपर्क टूट गया है। शुक्रवार सुबह से बारिश और तेज हवाओं का दौरा जारी है। सुबह से ही प्रदेश के कई जिलों मे बारिश हो रही है।गुरुवार को हुई तेज बारिश के बाद शुक्रवार अल सुबह 4 बजे यशवंत सागर का जल स्तर बढ़ने से उसके तीन गेट खोल दिए गए। 19 फीट का लेवल बनाए रखने के लिए ये गेट खुले रहेंगे।वहीं दूसरी तरफ लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। इसके अलावा बारिश के कारण तवा डैम का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसे देखते हुए आगामी दिनों में प्रशासन द्वारा तवा डैम से पानी छोड़े जाने को लेकर तवा बांध और तवा नदी के पानी से प्रभावित होने वाले निवासियों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई है।
इंदौर में अलर्ट
वैज्ञानिकों के मुताबिक अभी जबलपुर और उमरिया के बीच एक अवदाब का क्षेत्र है। इसके अलावा मानसून टर्फ राजगढ़, जबलपुर, उमरिया होते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर जा रहा है। एक अन्य टर्फ दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से मप्र व छत्तीसगढ़ के ऊपर 3.1 व से 7.1 किलोमीटर पर बना हुआ है। इसके अलावा दक्षिण महाराष्ट्र में केरल की ओर समुद्र किनारे से लगी द्रोणिका है। इसके कारण अरब सागर से नमी मिल रही है। शुक्रवार को द्रोणिका पश्चिम मप्र की ओर बढ़ेगी, लेकिन बीच में कमजोर होगी।हालांकि इंदौर की ओर आने पर इसे दोनों ओर से नमी मिलेगी। इसके कारण शुक्रवार इंदौर में अति वर्षा हो सकती है।
पंचमढ़ी में बाढ़ के हालात
हिल स्टेशन पचमढ़ी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जटाशंकर महादेव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। वहीं बी फॉल झरना भी बाढ़ से घिर गया है। कई लोग रास्ते में ही फंस गए हैं।इस कारण पर्यटकों को वहां जाने से रोक दिया गया है। प्रशासन ने सभी ऐसे पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर दिए हैं, जहां लगातार बारिश का पानी भर जाता है।
रायसेन से संपर्क टूटा, घरों में घुसा पानी
लगातार हो रही बारिश के चलते रायसेन में भी हालात खराब हो गए हैं। यहां कई इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। यहां रीछन नदी के उफान पर आ जाने से दरगाह रपटा चढ़ गया है। वहीं भोपाल-रायसेन बायपास की एक पुलिया धसक जाने की वजह से पूरी तरह रायसेन का भोपाल से सड़क संपर्क टूटा हुआ है। इसके अलावा पगनेश्वर गांव में बेतवा नदी के उफान आ जाने की वजह से रायसेन का विदिशा से भी सड़क संपर्क टूट गया है।
खुले बरगी बांध के गेट
मंडला, डिंडौरी में हुई जोरदार बारिश के कारण बरगी बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गुरुवार की शाम तक जलस्तर 420.15 मीटर तक पहुंच गया था। बांध का अधिकतम जलस्तर 422 मीटर है। इसी तरह अन्य जलाशयों में भी जलस्तर बढ़ गया है। परियट और खंदारी जलाशय भी अधिकतम जलस्तर की तरफ पहुंच चुके हैं।इसी के चलते गेट खोल दिए गए है।
ताप्ती खतरे के निशान से ऊपर बह रही, मोहनी भी उफान पर
24 घंटे में बुरहानपुर जिले में चार इंच से ज्यादा बारिश होने से ताप्ती नदी खतरे के निशान से पांच फीट ऊपर पहुंच गई। इससे जैनाबाद का नया पुल और नेपानगर क्षेत्र में रहमानपुरा डैम के बैक वाटर पर बना नावरा का पुल डूब गया। 80 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया। मंदसौर में गांधी सागर डैम का जल स्तर एक दिन में ही 6 फीट बढ़कर 1276 फीट हो गया। इसके अलावा नीमच में एक इंच, रतलाम में सवा इंच बारिश से ज्यादातर नदी-नाले उफन गए। वही खरगोन जिले की मोहिनी नदी उफान पर है। यहां खरगोन-उमरखली रोड पर ओण्डल नदी में बाढ़ का पानी रपटे के ऊपर से गुजर रहा है, जिस कारण उमरखली सहित भगवानपुरा तहसील के कई गांवों का सम्पर्क टूट गया। वहीं, बिस्टान के पास घट्टी के नाले में बाढ़ से चित्तौड़गढ़ भुसावल राजमार्ग कुछ देर बंद रहा। खरगोन में अब तक सीजन में 15 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
यहां हो सकती है अत्यंत भारी बारिश
मौसम विभाग ने प्रदेश के जिन 39 जिलों में अति भारी के साथ ही अत्यंत भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है, उमें भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, कटनी, होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, इंदौर, धार, खंडवा, खरगौन, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, बुरहानपुर, अनूपपुर, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल, उज्जैन, नीमच, रतलाम, शाजापुर, देवास, मंदसौर, आगर, सागर, दमोह, गुना, अशोकनगर, सिंगरौली जिले प्रमुख हैं।
अन्य राज्यों में भी बिगड़े हालात
इधर केरल और आंध्र प्रदेश भी हालात गंभीर हो चले है। यहां बाढ़ के हालातों ने लोगों को जीना मुहाल कर दिया है। केरल में भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है, कोचीन के एयरपोर्ट बंद कर दिए गए है। राज्य में लगातार बारिश से बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार ने सभी स्कूलों में अवकाश की घोषणा की है वही मौसम विभाग ने अगले दो दिन केरल, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक के अलावा तटवर्ती इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
दरअसल, बीते दो तीनों से मानसून ने फिर रफ्तार पकड़ ली है, जिसके चलते प्रदेशभर मे बारिश हो रही है। गुरुवार को भी भोपाल समेत अधिकतर जिलों में झमाझम बारिश हुई। नाले उफान पर आ गए और नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी। बारिश के चलते गांवों का भी संपर्क टूट गया है। शुक्रवार सुबह से बारिश और तेज हवाओं का दौरा जारी है। सुबह से ही प्रदेश के कई जिलों मे बारिश हो रही है।गुरुवार को हुई तेज बारिश के बाद शुक्रवार अल सुबह 4 बजे यशवंत सागर का जल स्तर बढ़ने से उसके तीन गेट खोल दिए गए। 19 फीट का लेवल बनाए रखने के लिए ये गेट खुले रहेंगे।वहीं दूसरी तरफ लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। इसके अलावा बारिश के कारण तवा डैम का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसे देखते हुए आगामी दिनों में प्रशासन द्वारा तवा डैम से पानी छोड़े जाने को लेकर तवा बांध और तवा नदी के पानी से प्रभावित होने वाले निवासियों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई है।
इंदौर में अलर्ट
वैज्ञानिकों के मुताबिक अभी जबलपुर और उमरिया के बीच एक अवदाब का क्षेत्र है। इसके अलावा मानसून टर्फ राजगढ़, जबलपुर, उमरिया होते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर जा रहा है। एक अन्य टर्फ दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से मप्र व छत्तीसगढ़ के ऊपर 3.1 व से 7.1 किलोमीटर पर बना हुआ है। इसके अलावा दक्षिण महाराष्ट्र में केरल की ओर समुद्र किनारे से लगी द्रोणिका है। इसके कारण अरब सागर से नमी मिल रही है। शुक्रवार को द्रोणिका पश्चिम मप्र की ओर बढ़ेगी, लेकिन बीच में कमजोर होगी।हालांकि इंदौर की ओर आने पर इसे दोनों ओर से नमी मिलेगी। इसके कारण शुक्रवार इंदौर में अति वर्षा हो सकती है।
पंचमढ़ी में बाढ़ के हालात
हिल स्टेशन पचमढ़ी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जटाशंकर महादेव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। वहीं बी फॉल झरना भी बाढ़ से घिर गया है। कई लोग रास्ते में ही फंस गए हैं।इस कारण पर्यटकों को वहां जाने से रोक दिया गया है। प्रशासन ने सभी ऐसे पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर दिए हैं, जहां लगातार बारिश का पानी भर जाता है।
रायसेन से संपर्क टूटा, घरों में घुसा पानी
लगातार हो रही बारिश के चलते रायसेन में भी हालात खराब हो गए हैं। यहां कई इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। यहां रीछन नदी के उफान पर आ जाने से दरगाह रपटा चढ़ गया है। वहीं भोपाल-रायसेन बायपास की एक पुलिया धसक जाने की वजह से पूरी तरह रायसेन का भोपाल से सड़क संपर्क टूटा हुआ है। इसके अलावा पगनेश्वर गांव में बेतवा नदी के उफान आ जाने की वजह से रायसेन का विदिशा से भी सड़क संपर्क टूट गया है।
खुले बरगी बांध के गेट
मंडला, डिंडौरी में हुई जोरदार बारिश के कारण बरगी बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गुरुवार की शाम तक जलस्तर 420.15 मीटर तक पहुंच गया था। बांध का अधिकतम जलस्तर 422 मीटर है। इसी तरह अन्य जलाशयों में भी जलस्तर बढ़ गया है। परियट और खंदारी जलाशय भी अधिकतम जलस्तर की तरफ पहुंच चुके हैं।इसी के चलते गेट खोल दिए गए है।
ताप्ती खतरे के निशान से ऊपर बह रही, मोहनी भी उफान पर
24 घंटे में बुरहानपुर जिले में चार इंच से ज्यादा बारिश होने से ताप्ती नदी खतरे के निशान से पांच फीट ऊपर पहुंच गई। इससे जैनाबाद का नया पुल और नेपानगर क्षेत्र में रहमानपुरा डैम के बैक वाटर पर बना नावरा का पुल डूब गया। 80 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया। मंदसौर में गांधी सागर डैम का जल स्तर एक दिन में ही 6 फीट बढ़कर 1276 फीट हो गया। इसके अलावा नीमच में एक इंच, रतलाम में सवा इंच बारिश से ज्यादातर नदी-नाले उफन गए। वही खरगोन जिले की मोहिनी नदी उफान पर है। यहां खरगोन-उमरखली रोड पर ओण्डल नदी में बाढ़ का पानी रपटे के ऊपर से गुजर रहा है, जिस कारण उमरखली सहित भगवानपुरा तहसील के कई गांवों का सम्पर्क टूट गया। वहीं, बिस्टान के पास घट्टी के नाले में बाढ़ से चित्तौड़गढ़ भुसावल राजमार्ग कुछ देर बंद रहा। खरगोन में अब तक सीजन में 15 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
यहां हो सकती है अत्यंत भारी बारिश
मौसम विभाग ने प्रदेश के जिन 39 जिलों में अति भारी के साथ ही अत्यंत भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है, उमें भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, कटनी, होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, इंदौर, धार, खंडवा, खरगौन, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, बुरहानपुर, अनूपपुर, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल, उज्जैन, नीमच, रतलाम, शाजापुर, देवास, मंदसौर, आगर, सागर, दमोह, गुना, अशोकनगर, सिंगरौली जिले प्रमुख हैं।
अन्य राज्यों में भी बिगड़े हालात
इधर केरल और आंध्र प्रदेश भी हालात गंभीर हो चले है। यहां बाढ़ के हालातों ने लोगों को जीना मुहाल कर दिया है। केरल में भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है, कोचीन के एयरपोर्ट बंद कर दिए गए है। राज्य में लगातार बारिश से बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार ने सभी स्कूलों में अवकाश की घोषणा की है वही मौसम विभाग ने अगले दो दिन केरल, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक के अलावा तटवर्ती इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
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