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मोदी का मिशन कश्मीर -- अखण्ड भारत का संकल्प हुआ पूरा. 370 हटाए जाने से मजबूत होगा भारत.- मनोज कुमार द्विवेदी, अनूपपुर , म प्र )

मोदी का मिशन कश्मीर -- अखण्ड भारत का संकल्प हुआ पूरा.

370 हटाए जाने से मजबूत होगा भारत. - मनोज कुमार द्विवेदी, अनूपपुर , म प्र )

अनूपपुर / प्रदीप मिश्रा - 8770089970

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मिशन कश्मीर   " अगस्त --  2019 क्रांति " के नाम से भारतीय इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों मे दर्ज हो चुका है।  5 -- 6 अगस्त को क्रमशः राज्यसभा एवं लोकसभा मे गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 हटाने एवं जम्मू - कश्मीर पुनर्गठन का प्रस्ताव रखा। भारी हंगामे के बावजूद अप्रत्याशित रुप से विपक्ष बंटा दिखा।  दोनों सदनों में शाह  -- प्रस्ताव के पक्ष में एनडीए के साथ अन्य दलों के सांसदों ने भी मतदान कर देशहित को पार्टी से ऊपर रखते हुए 370 का समूल नाश कर दिया।  राज्यसभा मे कांग्रेस के व्हिप उडीसा से सांसद भुवनेश्वर कलिता ने यह कहते हुए पार्टी से स्तीफा दे दिया कि देश बदल गया है ऒर पार्टी का व्हिप जनभावनाओं के विरुद्ध है। कांग्रेस आत्महत्या पर उतारु है ऒर मैं इसमे भागीदार नहीं बन सकता। पार्टी की रणनीति की तब दूसरी बार धज्जियां उड गयीं ,जब लोकसभा मे पार्टी का पक्ष रखते अधीर रंजन चौधरी सेल्फ गोल कर बैठे। उन्होंने सदन मे सरकार से पूछ लिया कि क्या जम्मू - कश्मीर देश का आन्तरिक मामला है ? स्वयं सोनिया गाँधी, राहुल गांधी के साथ तमाम दिग्गज नेताओं ने चुप्पी साधे रखी।   लम्बी बहस के बाद प्रस्ताव पर  राज्यसभा मे पक्ष मे 125 तथा विरोध मे 61 वोट पडे । जबकि लोकसभा मे 370 मतों के विरुद्ध विपक्ष 70 मतों से ढेर हो गया।

 विलय हुआ पूर्ण ---

5 अगस्त को  गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दो संवैधानिक प्रस्ताव प्रस्तुत किये। पहले संकल्प के रुप में  राष्ट्रपति के आदेश द कॉन्स्टीट्यूशन ( एप्लीकेशन टू जम्मू कश्मीर ) आदेश ,2019 को प्रस्तुत किया गया । इसके द्वारा जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रथम खण्ड को छोडकर सभी प्रावधान समाप्त कर दिये। इस आदेश से 35 A स्वत: समाप्त हो गया। दूसरे प्रस्ताव मे अमित शाह ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक - 2019 प्रस्तुत करते हुए जम्मू - कश्मीर से लद्दाख को अलग कर केन्द्र शासित प्रदेश तथा शेष जम्मू - कश्मीर को राज्य के साथ केन्द्र शासित प्रदेश बनाए जाने का प्रस्ताव रखा। राज्यसभा मे बहुमत से प्रस्ताव पास होने के बाद अगले दिन यह लोकसभा मे पास होते ही जम्मू - कशमीर का भारत मे सम्पूर्ण विलय हो गया। भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना,बसपा,लोजपा,आरपीआई,बीजद, अकाली दल,एआईएडीएमके,टीडीपी, आप , अगप, वाईएस आर कांग्रेस ,बी पी एफ,तेरास 370 हटाए जाने के पक्ष में तथा कांग्रेस, तृणमूल, मुस्लिम लीग, द्रमुक, एमडीएमके,राजद, सपा, वामपंथी विरोध मे थे। जबकि जदयू, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी ने मतदान का बहिष्कार किया।

 एक प्रधान -- एक विधान -- एक निशान का सपना पूरा * भारतीय जनता पार्टी तथा उसकी मुख्य वैचारिक मार्गदर्शक संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सत्तर दशक का सपना मोदी सरकार ने एक झटके से पूरी मजबूती से पूरा कर दिया। भाजपा के वैचारिक पितृ पुरुष जनसंघ के संस्थापक डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने धारा 370 हटाने एवं  " एक प्रधान -- एक विधान -- एक निशान " की मांग को लेकर 23 जून 1953 को अपने प्राण आहूत कर दिये थे। यह भाजपा की चार - चार पीढ़ियों का सपना रहा है। यह भाजपा के सभी चुनावी घोषणा पत्रों का हिस्सा रहा है। 2019 आम चुनाव मे भाजपा ने धारा 370 हटाने की घोषणा की थी। प्रचण्ड बहुमत से विजय प्राप्त करने के बाद जम्मू कश्मीर से 370 हटा कर तथा लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाकर उसने अपना प्रमुख वायदा पूरा किया। इससे भाजपा के प्रति करोड़ो राष्ट्र वादी समर्थकों की आस्था मजबूत होगी।

 बदल गया गणित,इतिहास,भूगोल,राजनीति ---- वस्तुतः यह मोदी सरकार का ऐसा मास्टर स्ट्रोक है जिसने जम्मू कश्मीर का इतिहास, भूगोल,राजनीति के साथ गणित तक बदल कर रख दिया है। धारा 370 के जरिये विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त होने के बावजूद देश के अन्य राज्यों की तरह यहाँ समग्र विकास की किरणे नहीं पहुंच पा रही थी‌ । यहाँ के कुछ कद्दावर परिवारों तथा अलगाववादियों के कारण एवं  पाकिस्तानपरस्तों की शह के चलते धारा 370 उन्हे ऐसा कवच प्रदान कर रही थी जिससे इस महत्वपूर्ण सीमावर्ती संवेदनशील राज्य का विकास होने की जगह आतंकवादियों का पनाहगाह बन कर रह गया । सुरक्षा बलों पर हमले आम हो चुके हैं। लोगों तक विदेशी हथियार, बारुद,पैसा पहुंचने से लोग गद्दारी की हद तक जाकर देश को नुकसान पहुंचा रहे थे। सरकार के सामने पाकिस्तान - चीन से निपटने, अलगाववादियो-- पाक सरपरस्तों पर लगाम लगाने,आतंकवाद + भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के साथ जम्मू कश्मीर ,लद्दाख को देश की मुख्यधारा मे लाना बडी चुनौती थी।  सरकार ने धारा 370 को इसका मुख्य कारण माना ,जिसके कारण देश के नियम कायदों, संविधान से यह बचा हुआ था। देश की तमाम कल्याणकारी योजनाओं का लाभ यहाँ की आम जनता को नहीं मिल पा रही थी।

अंधेरा छटेगा -- सूर्योदय होगा --- धारा 370 हट जाने से अब आरटीआई, मनरेगा, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के साथ देश के अन्य राज्यों मे लागू केन्द्र की सभी कल्याणकारी योजनाएं जम्मू कश्मीर, लद्दाख मे आएंगी। एक देश -- एक संविधान --  एक निशान की अवधारणा लागू होने से भारत का संविधान यहाँ लागू होगा। तिरंगा यहाँ का राष्ट्रीय ध्वज होगा। विधानसभा का कार्यकाल अब 6 वर्ष की जगह 5 वर्ष होगा। दोहरी नागरिकता नहीं होगी। संपत्ति संबधित सभी नियम आम राज्यों की तरह होंगे,कोई भी भारतीय यहाँ संपत्ति खरीद सकेगा। यहाँ राज्यपाल की जगह उपराज्यपाल होंगे। 10% आरक्षण लागू होगा। सीमावर्ती संवेदनशील राज्य होने के कारण भ्रष्टाचार, आतंकवादी गतिविधियों पर अब ज्यादा कारगर कार्यवाही संभव होगी। यहाँ उद्योग , कारखानों , विकास की संभावनाओं के द्वार खुल जाने से रोजगार के अवसर युवाओं को प्राप्त होंगे। देश के लोगों से मेलजोल सुलभ होने से मन मिलने , एकजुटता बढने से आपसी विश्वास ,संवाद कायम होगा।

आपसी विश्वास कायम करना बडी चुनौती --- धारा 370  को लेकर कुछ लोगों द्वारा जम्मू कश्मीर मे तमाम भ्रांतियां फैला कर रखी गयी थीं। इस राज्य के लोगों मे इसे सुरक्षात्मक आवरण की तरह प्रचारित किया गया। जिसके कारण तमाम संसाधनों का लाभ चन्द प्रभावशाली परिवारों को ही मिला। आम जनता केन्द्र सरकार की योजनाओ का कोई लाभ नही ले सकी। उम्मीद है कि अब अंधेरा छंटेगा & विकास + विश्वास का नया सूरज उगेगा।

पाकिस्तान में हताशा ---     70 साल से अधिक समय से लागू धारा 370 जम्मू कश्मीर तथा देश के बीच ऐसी दीवार बन चुकी थी जो राष्ट्रविरोधी ताकतों के लिये हथियार की तरह काम कर रही थी। इसकी पुष्टि तब ऒर हुई जब 370 हटते ही देश के भीतर कुछ  लोगों ऒर पाकिस्तान मे हताशा फैल गयी। जम्मू कश्मीर मे समस्या के नाम पर इस राज्य , देश के कुछ लोगों तथा पाकिस्तान की दुकानदारी अब तक चलती रही है। मोदी सरकार के मिशन कश्मीर से ना केवल देश की अखण्डता पुनर्स्थापित हुई है बल्कि आतंकवाद+ भ्रष्टाचार+ टुकडे गैंग पर करारा प्रहार किया गया है। 370 की समाप्ति ,विशेष राज्य का दर्जा समाप्त होने के बाद कानून व्यवस्था बिगाडने, आतंकवादी गतिविधियों मे तेजी लाने ,सीमा पर हमलों के कुप्रयास होंगे। इनसे निपटने मे हमारी भारत सरकार सक्षम है। जम्मू - कश्मीर+ लद्दाख के लोगों के घाव पर सहानुभूति, भरोसे , विकास का मरहम लगाने का कठिन अवसर देश के सामने है। समाज के सभी वर्गों ,सभी राजनीतिक - सामाजिक संगठनों को धैर्य ,सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करने,शान्ति बनाए रखने की जरुरत है। देश निर्माण के साथ नये इतिहास लेखन का कार्य हो रहा है। सभी को अपनी अपनी भूमिका निभाने का अवसर है। सतर्क रहें ,संयमित रहें। वन्देमातरम......

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