-->

Breaking News

गोंडवाना के वीरों का इतिहास लिपिबद्ध करने की आवश्यकता आईजीएनटीयू में राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को किया याद

गोंडवाना के वीरों का इतिहास

लिपिबद्ध करने की आवश्यकता

आईजीएनटीयू में राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को किया याद

अमरकटंक / अनूपपुर / प्रदीप मिश्रा - 8770089979

गोंडवाना क्षेत्र के अमर बलिदानी राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर बुधवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर उनके त्याग और शौर्य को रेखांकित किया गया। इस अवसर पर प्रमुख वक्ताओं ने गोंडवाना के अन्य वीरों के इतिहास को लिपिबद्ध कर इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने का आह्वान किया। मुख्य अतिथि लुप्त प्रायः भाषा केंद्र के निदेशक प्रो. दिलीप सिंह ने कहा कि बलिदानी भावना का कोई मोल नहीं होता। यह देशप्रेम के साथ जुड़ी होती है। गोंडवाना का इतिहास इस प्रकार के बलिदानियों से समृद्ध रहा है जिसमें राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह अग्रणी हैं। दोनों वीर अपनी देशप्रेम की भावना की वजह से अभी तक लोकगीत और लोककथाओं के माध्यम से अमर बने हुए हैं।
उन्होंने इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह से संबंधित लोकगीतों और लोककथाओं को लिपिबद्ध कर उनके योगदान को संग्रहीत करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने शोधार्थियों का आह्वान किया कि वे इस प्रकार के अन्य बलिदानियों की भावना का आधार पता करने का कार्य करें। निदेशक (अकादमिक) प्रो. आलोक श्रोत्रिय ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से छात्रों के अंदर वैचारिक बोधशक्ति को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने गोंडवाना के इतिहास को समझने और इसे सभी वर्गों तक पहुंचाने का आह्वान किया। प्रो. श्रोत्रिय ने नीति निर्धारकों से तकनीकी विकास, एकता-अखंडता का भाव और जन समुदाय को साथ लेकर आगे बढ़ने का आह्वान किया। प्रो. किशोर गायकवाड़ ने कहा कि भारत बहु-सांस्कृतिक समाज है जो ब्रिटिश काल के पहले तक सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहा। अंग्रेजों ने अपने साम्राज्य के प्रसार के लिए विभिन्न वर्गों के मध्य वैमनस्य को बढ़ावा दिया। राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने इसी भावना को लेकर एक व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह किया जिसकी वजह से वे इतिहास में सदैव के लिए अमर हो गए। इससे पूर्व डॉ. संतोष सोनकर ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। संचालन डॉ. वीरेंद्र प्रताप ने किया। कार्यक्रम में डॉ. चकाली ब्रह्मेया, डॉ. राजकुमार नागवंशी, डॉ. विनोद सेन, डॉ. जानकी प्रसाद, डॉ. अभिलाषा एलिस तिर्के, डॉ. कृष्णमूर्ति बी.वाई. सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र उपस्थित थे।

No comments

सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com