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सपाक्स समाज ने स्व. सुनील दांगी की आत्महत्या प्रकरण में पुलिस पर लगाया भेदभाव का आरोप । Sapaks



भोपाल : सामान्य पिछड़ा अल्पसंख्यक कल्याण समाज संस्था (सपाक्स समाज) के द्वारा स्वर्गीय सुनील दांगी ( सिरोंज) आत्महत्या प्रकरण पर तुलसी नगर स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें सपाक्स संस्था के पदाधिकारियों के साथ मृतक सुनील दांगी  के बड़े भाई महेश दांगी उपस्थित रहे।

सपाक्स समाज संस्था का कहना है कि जिन लोगों का उल्लेख मृतक सुनील दांगी ने अपने सुसाइड नोट में किया है उन पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई।  जांच को लेकर पुलिस का रवैया बहुत ही ढीला दिखाई दे रहा है जिन लोगों की वजह से सुनील दांगी को इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा, उन पर FIR तो बहुत दूर की बात है पुलिस द्वारा उनसे अभी तक पूछताछ भी नहीं की गई पुलिस ने सुनील दांगी की हैंडराइटिंग मैच कराने का बहाना 2 महीने से बनाया हुआ है।

मृतक के भाई महेश दांगी ने बताया चूंकि मृतक सुनील विद्युत विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर थे और उन्होंने अपने ही विभाग के 2 कर्मचारी डीपी अहिरवार एवं राघवेंद्र अहिरवार का नाम सुसाइड नोट में उल्लेखित किया है इसलिए हमने ऊर्जा विभाग के एमडी विशेष गढ़पाले जी से भी मुलाकात की परंतु हम उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हैं।

सपाक्स समाज के सचिव भानु तोमर ने विशेष गढ़पाले पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि सुसाइड नोट में जिन व्यक्तियों का नाम है उनके वर्ग विशेष  के होने की वजह से उन पर विभागीय कार्यवाही नहीं की जा रही है।

साथ ही कहा कि  एक व्यक्ति बुन्देल अहरिवार जिनका नाम भी मृतक ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है जो घटना के  वक्त सिरोंज थाने में  ओर वर्तमान में बैरसिया थाने में पदस्त है को तत्काल निलंबित किया जाए क्योंकि पुलिस विभाग में होने की वजह से वो जाँच को प्रभावित कर सकता हैं।

भानु तोमर ने कहा कि विदिशा पुलिस एक सप्ताह के अंदर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करती है तो सपाक्स समाज विदिशा में धरना प्रदर्शन करेगा साथ ही मिडिया से अनुरोध किया कि जिस तरह आप दलित वर्ग की घटना को प्राथमिकता देते हुए प्रसारित करते है उसी प्रकार आपका दायित्व है कि आप सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंखयक वर्ग के लोगों को भी अपना समझते हुए अपने संस्थान द्वारा उनकी आवाज को भी बुलंद करे।

सपाक्स समाज की मांग हैं कि सुनील दांगी के परिवार को 1 करोड़ की राशि दी जाए साथ ही आरोपियों पर FIR दर्ज कर जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाये और विभागीय तौर पर अपने ही अधीनस्थ कर्मचारी को प्रताड़ित करने के लिए निलंबित कर उन पर विभागीय जाँच की जाए।

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