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संसद में कालेधन पर चर्चा को राजी सरकार, वोटिंग की मांग स्पीकर ने ठुकराई

नई दिल्ली: संसद में कालेधन पर चर्चा कराने के लिए मोदी सरकार राजी हो गई है। लेकिन वोटिंग कराए जाने की मांग को लोकसभा स्पीकर ने ठुकरा दिया है। कालेधन के मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस को नामंजूर किया।

विदेशों में जमा काले धन के मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने के कांग्रेस के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज नियमों के विरूद्ध बताते हुए खारिज कर दिया। सुबह बैठक शुरू होने पर सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार ने चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भी कई मौकों पर काले धन को विदेशी बैंकों से वापस लाने और जनता के बीच उस धन को बांटने का वादा किया था।

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को सूचित किया कि उन्हें काले धन पर चर्चा के संबंध में खड़गे, वीरप्पा मोइली, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ, के सी वेणुगोपाल और एन के प्रेमचंद्रन के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं लेकिन लोकसभा की कार्यवाही के संचालन संबंधी नियम 56 के तहत यह विषय कार्य स्थगित कर चर्चा कराने के मापदंडों के तहत नहीं आता। महाजन ने कहा कि वह कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार नहीं कर सकती हैं।

इससे पूर्व खड़गे ने सरकार से इस वादे के संबंध में जानना चाहा कि अभी तक ऐसा कितना काला धन विदेशों से लाया गया है और किस किस का है यह सब देश की जनता जानना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जानकारी नहीं देना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए वादे का उल्लंघन है। आज की कार्यसूची में काले धन के मुद्दे पर नियम 193 के तहत चर्चा कराए जाने की व्यवस्था का जिक्र करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने भी कहा कि सरकार ‘काली रात में काले धन पर चर्चा कराना चाहती है। जरूर इसमें दाल में कुछ काला है। ’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा करायी जाए।

गौर हो कि विपक्ष ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आरोप लगाया था है कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान लोगों से वादा किया था कि सरकार बनने के 100 दिन के अंदर विदेशी बैंकों में पड़े काले धन को वापस लाया जाएगा, लेकिन अब तक पैसा वापस नहीं आया। इसके लिए तृणमूल सांसदों और विपक्ष ने संसद के मुख्य द्वार और लोकसभा के गर्भगृह में काले छाते लेकर प्रदर्शन कियी था।

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