-->

Breaking News

सचिन की आत्मकथा 'Playing It My Way' का हुआ विमोचन

नई दिल्ली: क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे' का मुंबई में आज विमोचन किया गया। लॉन्चिंग से पहले सचिन ने अपनी यह आत्मकथा अपनी मां को समर्पित किया। सचिन ने अपने गुरु रामाकांत आचरेकर को भी एक कॉपी दी।

सचिन तेंदुलकर ने अपनी बहुचर्चित आत्मकथा ‘ प्लेइंग इट माय वे’ की पहली प्रति आज अपनी मां रजनी को भेंट की। सचिन ने अपने फेसबुक और ट्विटर पेज पर लिखा, अपनी किताब की पहली प्रति अपनी मां को दी। उनके चेहरे पर गर्व के भाव देखना अनमोल पल था। तेंदुलकर ने अपनी मां के साथ तस्वीर भी डाली है जो किताब हाथ में लेकर मुस्कुरा रही हैं। तेंदुलकर ने रिकार्ड 200 टेस्ट खेलने के बाद पिछले साल नवंबर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

सचिन तेंदुलकर ने अपनी किताब के जरिये भारत के तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने लिखा, वेस्टइंडीज में खेले गए वर्ल्ड कप 2007 से कुछ महीने पहले ग्रेग चैपल ने राहुल द्रविड़ को हटाकर टीम इंडिया की कप्तानी मुझे (सचिन तेंदुलकर) संभालने का सुझाव दिया था ताकि हम दोनों (ग्रेग चैपल और सचिन तेंदुलकर) मिलकर वर्षों तक भारतीय क्रिकेट पर राज कर सकें।

इस स्टार बल्लेबाज ने अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माइ वे’ में लिखा 2005 से 2007 के बीच राष्ट्रीय टीम के कोच रहे चैपल की कड़ी आलोचना करते हुए उन्हें रिंगमास्टर करार दिया जो खिलाड़ियों पर अपने विचार थोपता था और कभी इसकी परवाह नहीं करता था कि इससे खिलाड़ी सहज महसूस कर रहे हैं या नहीं।

सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माइ वे’ में ऑस्ट्रेलियाई कोच को लेकर हुए खुलासे का पूरी तरह से समर्थन करते हुए हरभजन सिंह ने कहा, चैपल ने भारतीय क्रिकेट को इस हद तक तक बर्बाद कर दिया था कि इसे वापस पटरी पर आने में कम से कम तीन साल लग गए। हरभजन ने चैपल की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, वह इसलिए गुस्से में था क्योंकि जब वह (चैपल) सौरव के खिलाफ था तो मैंने उनका (सौरव) साथ दिया था। सौरव ने 2001 से 2005 तक भारतीय टीम को तैयार किया था जबकि चैपल ने उसे पूरी तरह बर्बाद कर दिया था।  हरभजन ने कहा, वह खिलाड़ियों का उपयोग एक दूसरे के खिलाफ करता था। वह बीसीसीआई के तत्कालीन अधिकारियों का उपयोग अपनी जरूरतों के हिसाब से करता था। उसने ऐसा माहौल तैयार कर दिया था जिसे कोई याद नहीं करना चाहता। वह अपने साथ नकारात्मकता लेकर आया था।

जहीर खान ने कहा, भारतीय टीम का कोच बनाए जाने के बाद एक बार ग्रेग चैपल मेरे पास आए और बोले जहीर, मैं जब तक कोच रहूंगा तुम इंडिया के लिए नहीं खेले सकोगे। कोच के ऐसी बात बोलने पर जब जहीर से उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मुझे इतना बड़ा झटका लगा कि कुछ देर तक मैं प्रतिक्रिया ही नहीं दे पाया। मैं पूरी तरह से हैरान था। जैस कि मैं क्या करूं। क्या मैं विद्रोह करूं। क्या मैं कप्तान से पूछूं कि क्या हुआ। वह मुझे इस बारे में क्यों बोल रहा है। जहीर ने कहा कि चैपल का दो साल का कार्यकाल (2005-2007) भारतीय क्रिकेट का सबसे बुरा दौर था।

No comments

सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com