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'मन की बात' में PM मोदी ने कहा......

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (रविवार) दूसरी बार रेडियो के माध्यम से देशवासियों से अपनी 'मन की बात' की। प्रधानमंत्री की 'मन की बात' का प्रसारण आकाशवाणी और अन्य रेडियों चैनल से आज 11 बजे किया गया। इससे पहले उन्होंने 3 अक्टूबर को रेडियो के जरिए अपनी ‘मन की बात’ का पहला संबोधन किया था।

विदेशों में जमा कालेधन को देश में वापस लाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि देश से बाहर गए गरीबों के पैसे की पाई-पाई वापस लाई जाएगी, यह उनकी प्रतिबद्धता है और वह इस दिशा में सही रास्ते पर बढ़ रहे हैं। आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जहां तक कालेधन का सवाल है, मेरे देशवाशियों को इस ‘प्रधान सेवक’ पर भरोसा है। भारत के गरीब का पैसा जो बाहर गया है, वह पाई-पाई वापस आएगा, यह मेरी प्रतिबद्धता है। इसके रास्ते क्या होंगे, तरीके क्या होंगे। इस पर मतभिन्नता हो सकती है। लोकतंत्र में ऐसा होता है। उन्होंने कहा, और मैं सच में मन से करना चाहता हूं। यह मेरे मन की बात है। मेरी जितनी समझ है, मैं इस बारे में सही रास्ते पर हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि देश वासियों को मेरे शब्दों पर भरोसा है, मेरे इरादों पर भरोसा है। लेकिन एक बार मैं फिर अपनी तरफ से दोहराना चाहता हूं। यह मेरे लिए आर्टिकल ऑफ फेथ है। मोदी ने कहा, कालाधन कितना है, इसके बारे में न मुझे मालूम है, न सरकार को मालूम है, किसी को पता नहीं है। पिछली सरकार को भी इसकी जानकारी नहीं थी। मैं आंकड़ों में नहीं उलझना चाहता कि यह एक रूपया है, लाख है, करोड़ है या अरब रुपए है। बस कालाधन वापस आना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा, मेरे प्रयासों में कोई कमी नहीं होगी, कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। आपके लिए जो भी, जब भी करना पड़े जरूर करूंगा। गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने उसे विदेशों में कालाधन जमा करने वाले भारतीयों की एक सूची सौंपी है। मोदी सरकार का पहला फैसला कालाधन की जांच के लिए विशेष जाचं दल (एसआईटी) के गठन का था।

सरकार की सोच में बदलाव लाने को बहुत जरूरी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह शासन की चीजों को छिपाने या पर्दा डालने की बजाए ऐसे विषयों को हाथ लगा रहे हैं जिनसे सरकार सबसे पहले कटघरे में आती है। मोदी ने कहा, मैं ऐसे विषयों को हाथ लगा रहा हूं जिसके संबंध में सरकार सबसे पहले कटघरे में आती है। हम कब तक चीजों को छिपाते रहेंगे। कब तक हम पर्दे के पीछे सब बातों को टालते रहेंगे। कभी न कभी तो अच्छे इरादे के लिए संकट मोल लेना ही पड़ेगा। मैं भी ये हिम्मत कर रहा हूं और करता रहूंगा। उन्होंने कहा, कभी कभी मुझे लगता है कि देश बहुत आगे है, सरकार बहुत पीछे है। और जब मैं अनुभव से कहता हूं कि शायद सरकारों को भी अपनी सोच बदलना जरूरी है। और मैं इसलिए कह रहा हूं कि मैं देख रहा हूं कि यह युवा भारत खास करके कुछ न कुछ करने के लिए कमिटेड है, लालायित है, अवसर खोज रहा है और अपने तरीके से कर भी रहा है।

प्रधानमंत्री ने उनके द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान और खादी खरीदने की अपील पर जनता की सकरात्मक प्रतिक्रिया पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि पिछली बार ‘मन की बात’ में उन्होंने लोगों से खादी का कम से कम एक वस्त्र खरीदने का आग्रह किया था। उन्हें यह जानकारी मिली है कि एक सप्ताह में ही खादी के वस्त्रों की ब्रिकी में पिछले वर्ष की तुलना में 125 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इससे लगता है कि हम जो सोचते हैं, देश की जनता उससे कहीं आगे है।

स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, कोई कल्पना कर सकता है कि सफाई ऐसे जन आंदोलन का रूप ले लेगी। अपेक्षाएं बहुत हैं और होनी भी चाहिए। एक अच्छा परिणाम मुझे नजर आ रहा है। साथ ही उन्होंने कहा, सफाई अब दो हिस्सों में देखी जा रही है। जो एक पुरानी गंदगी है, जो गंदगी के ढेर हैं, सरकारी तंत्र शासन में बैठे हुए लोग उसके लिए उपाय करेंगे। बहुत बड़ी चुनौती है लेकिन, आप जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते। मोदी ने आगाह करते हुए कहा कि सभी सरकारों, सभी नगर निगमों को इस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए कदम उठाने ही पड़ेंगे क्योंकि जनता का दबाव बढ़ने वाला है। और मीडिया भी इसमें बहुत अच्छी भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने कहा, लेकिन जो दूसरा पहलू है, वह बहुत उमंग वाला है, आनंद वाला है और मन को संतोष देने वाला है। क्योंकि सामान्य लोगों को लगने लगा है कि चलो पहले की बात छोड़ो, अब गंदगी नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के अपने अगले प्रसारण का विषय पहले से ही आज घोषित करते हुए कहा कि वह उसमें नशाखोरी, ड्रग्स और ड्रग माफिया और उसके कारण भारत के युवा धन पर मंडरा रहे संकट के बारे में चर्चा करेंगे। उन्होंने इस बारे में आम जानता से अनुभव और सुझाव भेजने को कहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जन अभियानों के जरिये सरकार में बदलाव कैसे शुरू होते हैं, उसके उदाहरण स्वच्छ भारत अभियान, विशेष रूप से सक्षम बच्चे (स्पेशली एबल्ड चाइल्ड) और खादी खरीदने के प्रोत्साहन कार्यक्रमों में जनता और अधिकारियों की बढ़ती दिलचस्पी से देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से सक्षम बच्चों के बारे में उनके कहने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अफसरों को लगने लगा है कि उन्हें भी कुछ करना चाहिए। यह इस बात का उदाहरण है कि सरकार में बदलाव कैसे शुरू होते हैं।

मोदी ने कहा कि मंत्रालय ने तय किया है कि जो स्पेशली एबल्ड चाइल्ड है, अगर वो तकनीकी शिक्षा पाना चाहता है, तो उसको और ऐसे एक हजार अच्छे विशेष रूप से सक्षम बच्चों को चुनकर उन्हें स्पेशल स्कालरशिप देनी चाहिए और इसकी योजना बनाई गई है। उन्होंने इस योजना के लिए विभाग के सभी अधिकारियों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने एक और महत्वपूर्ण कार्य यह किया है कि जितने भी केंद्रीय विद्यालय और केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं, वहां पर विशेष रूप से सक्षम बच्चों के लिए अलग आधारभूत संरचना के विकास के लिए एक लाख रुपए विशेष तौर पर दिया जायेगा जिससे कि वे ऐसे बच्चों के लिए अलग प्रकार के टायलेट बना सकें और ट्राइसाइकल से आने जाने की व्यवस्था और सुविधा उपलब्ध करा सकें। दीपावली के अवसर पर सियाचिन में तैनात सैनिकों के बीच जाने को याद करते हुए मोदी ने कहा कि ये सैनिक कितनी कठिनाइयों में जीवन गुजारते हैं, यह उन्हें वहां जाने पर अनुभव हुआ।

 उन्होंने कहा, मैं देश की रक्षा करने वाले जवानों को सलाम करता हूं। हाल में आयोजित एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि वहां से पदक जीत कर आए खिलाड़ियों से मिलकर उन्हें नयी उर्जा मिली है। उन्होंने कहा, उनका (पदक विजेताओं) उत्साह, उमंग मैं देख रहा था कि और देशों की तुलना में हमारी व्यवस्थाएं, सुविधाएं बहुत कम होती हैं लेकिन शिकायत की बजाए वे उमंग और उत्साह से और अधिक कुछ करने की बात कर रहे थे।

- अच्छे इरादे के लिए संकट तो झेलना ही पड़ेगा
-  नशे की आदत से युवाओं को भारी नुकसान हुआ है
- ब्रिटेन ने जवानों को गोल्ड मेडल दिया
- देश की सुरक्षा और आपदाओं में जवान काम करते हैं
- देश दिवाली मना रहा था तो में सियाचिन में था, उन्हीं की बदौलत हम दिवाली मना पाते हैं
- गंदगी से बीमारी गरीबों के घर में आती है
- स्वच्छता अभियान से गरीबों ज्यादा मदद मिलेगी
- सफाई अभियान का असर छोटे-छोटे बच्चों पर भी पड़ा
- मेरे अपील से खादी की बिक्री 125% बढ़ी है
- स्वच्छता अभियान में मीडिया का अहम रोल है
- लोगों की सोच बदलना बहुत जरूरी है
- सफाई जन आंदोलन बनेगा किसी ने सोचा नहीं था
- देश बहुत आगे है, सरकारें पीछे हैं
 -पीएम मोदी का ऑल इंडिया रेडियो से मन की बात

तीन अक्टूबर को उन्होंने कहा था कि बातचीत का यह सिलसिला वह आगे भी जारी रखेंगे और हर महीने दो या कम से कम एक बार इसके लिए समय निकालने की कोशिश करेंगे। मोदी ने आज के अपने कार्यक्रम के प्रसारण से पूर्व लोगों से बेहतर प्रशासनिक पहल के संबंध में उनके ऐसे विचार, टिप्पणियां और उदाहरण आमंत्रित किए हैं जिन्होंने उन लोगों के मन पर अपना प्रभाव छोड़ा हो। पहली बार मोदी ने अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए तीन अक्टूबर को रेडियो के माध्यम का इस्तेमाल किया था। उस समय उन्होंने देश की बेहतरी और समृद्धि के लिए निराशा को त्यागने और कौशल के इस्तेमाल पर अपनी बात रखी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रसारित होने वाले अपने रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ से पूर्व जनता की ओर से मिली शानदार प्रतिक्रिया की सराहना की। उन्होंने कहा है कि वह रेडियो के जरिए समय-समय पर जनता के सामने अपनी ‘मन की बात’ रखेंगे। मोदी ने ट्विट किया, दो नवंबर के ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के लिए मिली शानदार टिप्पणियों, विचारों और बेहतर प्रशासन के उदाहरणों को पढ़ रहा हूं। व्यापक विषयों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर आप सभी द्वारा साझा किए गए विचारों, गहन समीक्षा तथा रोचक घटनाओं के संबंध में पढ़ना बहुत आन्नदित करने वाला है। उन्होंने लिखा, ‘माईगवर्नमेंट ओपन फोरम’ पर अपने विचारों को साझा करते रहें। रेडियो कार्यक्रम के दौरान मैं उन्हें पढूंगा और उनमें से कुछ को साझा करूंगा। उन्होंने साथ ही स्वच्छ भारत मिशन, कृषि, सिंचाई मुद्दों, महिलाओं के सशक्तिकरण तथा कुशल भारत संबंधी विषयों पर मिले कुछ विचारों का भी जिक्र किया।

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