ममता के भतीजे को नाराज कार्यकर्ता ने जनसभा में मारा थप्पड
कोलकाता।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे व युवा तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष तथा
सांसद अभिषेक बनर्जी को उस वक्त एक युवक ने जोरदार तमाचा जड़ दिया जब वह मंच
पर सभा को संबोधित कर रहे थे। रविवार को पूर्व मेदिनीपुर के चंडीपुर में
आयोजित सभा में अचानक मंच पर उठ कर अभिषेक को थप्पड़ मारने से अफरा-तफरी मच
गई। सभा में उपस्थित तृणमूल समर्थकों ने थप्पड़ मारनेवाले युवक को धर दबोचा
और उसकी पिटाई शुरू कर दी। युवक को पीटते हुए उसे मंच से नीचे उतारा गया।
सूत्रों के मुताबिक अभिषेक जब भाषण दे रहे थे तो उक्त युवक मोबाइल फोन से फोटो खींचने के बहाने मंच पर गया और अचानक उसने जोरदार तमाचा जड़ दिया। सभा स्थल पर उपस्थित पुलिस कर्मियों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के साथ पुलिस की धक्का-मुक्की शुरू हो गई। काफी मशक्कत करने के बाद पुलिस युवक को उद्धार कर घायल अवस्था में उसे चंडीपुर ब्लाक अस्पताल ले गई।
युवक ने मंच पर उठ कर अभिषेक को क्यों थप्पड़ जड़ा इसकी पड़ताल पुलिस कर रही है। हालांकि उक्त युवक की स्थिति गंभीर बनी हुई है। मालूम हो कि कुछ माह पहले ममता के निर्देश पर पूर्व मेदिनीपुर के तमलुक के सांसद शुभेंदू अधिकारी को प्रदेश युवा तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा कर उस पद का विलय अभिषेक के नेतृत्ववाले युवा तृणमुल कांग्रेस में कर दिया गया था। उसके बाद से पूर्व मेदिनीपुर में तृणमूल काग्रेस की गुटबाजी तेज हो गई थी। सांसद पिता पुत्र शिशिर अधिकारी और शुभेंदू अधिकारी तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। राजनीतिक हलकों में अभिषेक को थप्पड़ मारने की घटना इसी गुटबाजी का हिस्सा माना जा रहा है। ममता के खुद पार्टी की बागडोर संभालने की घोषणा करने के एक दिन बाद ही इस तरह की घटना से तृणमूल कांग्रेस में बगावत की आशंका बढ़ गई है।
विपक्षी दलों ने इस घटना को तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटबाजी का नतीजा बताया और इसकी जांच की मांग की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि मंच पर उठ कर किसी नेता को थप्पड़ मारने का वह समर्थन नहीं कर सकते लेकिन इसकी जांच होनी चाहिए। जहां तक उन्हें जानकारी मिली है कि अभिषेक बनर्जी ने जब मंच पर सारधा कांड का उल्लेख किया तो उक्त युवक ने उन्हें थप्पड़ मारा। अब देखना होगा कि वह युवक सारधा कांड का पीड़ित है या इसके पीछे पार्टी की आपसी गुटबाजी है। इसकी जांच होनी चाहिए। इस घटना से यह भी पता चलता है कि राज्य में शासन व्यवस्था की स्थिति किस हद तक गिर गया है।
माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने युवा ब्रिगेड तैयार करने और उन्हें नौकरी देने की घोषणा की थी। नौकरी नहीं मिलने से बेरोजगार युवक हताश हैं। अभिषेक बनर्जी को थप्पड़ मारने की घटना से युवाओं का रोष उजागर हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस में गुटबाजी इस स्तर तक चला गया है कि अब उसके नेताओं को मार खाना पड़ रहा है। लेकिन इसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। तृणमूल समर्थकों ने घटनास्थल पर उपस्थित पत्रकारों को भी नहीं बक्शा। घटना का कवर करने गए पत्रकारों को भी चोटें आई है। यह निंदनीय है।
सूत्रों के मुताबिक अभिषेक जब भाषण दे रहे थे तो उक्त युवक मोबाइल फोन से फोटो खींचने के बहाने मंच पर गया और अचानक उसने जोरदार तमाचा जड़ दिया। सभा स्थल पर उपस्थित पुलिस कर्मियों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के साथ पुलिस की धक्का-मुक्की शुरू हो गई। काफी मशक्कत करने के बाद पुलिस युवक को उद्धार कर घायल अवस्था में उसे चंडीपुर ब्लाक अस्पताल ले गई।
युवक ने मंच पर उठ कर अभिषेक को क्यों थप्पड़ जड़ा इसकी पड़ताल पुलिस कर रही है। हालांकि उक्त युवक की स्थिति गंभीर बनी हुई है। मालूम हो कि कुछ माह पहले ममता के निर्देश पर पूर्व मेदिनीपुर के तमलुक के सांसद शुभेंदू अधिकारी को प्रदेश युवा तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा कर उस पद का विलय अभिषेक के नेतृत्ववाले युवा तृणमुल कांग्रेस में कर दिया गया था। उसके बाद से पूर्व मेदिनीपुर में तृणमूल काग्रेस की गुटबाजी तेज हो गई थी। सांसद पिता पुत्र शिशिर अधिकारी और शुभेंदू अधिकारी तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। राजनीतिक हलकों में अभिषेक को थप्पड़ मारने की घटना इसी गुटबाजी का हिस्सा माना जा रहा है। ममता के खुद पार्टी की बागडोर संभालने की घोषणा करने के एक दिन बाद ही इस तरह की घटना से तृणमूल कांग्रेस में बगावत की आशंका बढ़ गई है।
विपक्षी दलों ने इस घटना को तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटबाजी का नतीजा बताया और इसकी जांच की मांग की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि मंच पर उठ कर किसी नेता को थप्पड़ मारने का वह समर्थन नहीं कर सकते लेकिन इसकी जांच होनी चाहिए। जहां तक उन्हें जानकारी मिली है कि अभिषेक बनर्जी ने जब मंच पर सारधा कांड का उल्लेख किया तो उक्त युवक ने उन्हें थप्पड़ मारा। अब देखना होगा कि वह युवक सारधा कांड का पीड़ित है या इसके पीछे पार्टी की आपसी गुटबाजी है। इसकी जांच होनी चाहिए। इस घटना से यह भी पता चलता है कि राज्य में शासन व्यवस्था की स्थिति किस हद तक गिर गया है।
माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने युवा ब्रिगेड तैयार करने और उन्हें नौकरी देने की घोषणा की थी। नौकरी नहीं मिलने से बेरोजगार युवक हताश हैं। अभिषेक बनर्जी को थप्पड़ मारने की घटना से युवाओं का रोष उजागर हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस में गुटबाजी इस स्तर तक चला गया है कि अब उसके नेताओं को मार खाना पड़ रहा है। लेकिन इसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। तृणमूल समर्थकों ने घटनास्थल पर उपस्थित पत्रकारों को भी नहीं बक्शा। घटना का कवर करने गए पत्रकारों को भी चोटें आई है। यह निंदनीय है।
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