-->

Breaking News

देश के सबसे स्वच्छ राज्य में सिक्किम नंबर एक पर,MP के 3 जिले,भोपाल बाहर

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्य स्वच्छता की पहली परीक्षा में ही फेल हो गए हैं। ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण के मुताबिक, इन राज्यों में शौचालयों के निर्माण की गति भी धीमी है।

सर्वेक्षण में बाजी मारने वाले पूर्वोत्तर और विशेष श्रेणी वाले राज्यों में सिक्किम पहले स्थान पर है। मैदानी राज्यों में गुजरात का स्थान पहला है, जबकि कुल राज्यों की सूची में उसका स्थान 14वां है।

राज्यों की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश को 22वां स्थान मिला है। यहां 29.5 फीसद ग्रामीण घरों में शौचालय बने हैं। यानी 70 फीसद से अधिक घरों में शौचालय नहीं हैं।

सर्वेक्षण में एक सकारात्मक संकेत जरूर मिला है कि जिन घरों में शौचालय हैं, उनमें 92 फीसद से अधिक लोग उसका उपयोग कर रहे हैं। राज्य को कुल 27.3 अंक मिले हैं।

कुल 26 राज्यों की सूची में बिहार को 21वां स्थान मिला है, जहां 31.6 फीसद ग्रामीण घरों में शौचालय हैं। इन घरों के 94.2 फीसद लोग इनका उपयोग करते हैं। राज्य को कुल 29.8 अंक प्राप्त हुए हैं।

झारखंड को 26वां यानी अंतिम पायदान पर संतोष करना पड़ा है। यहां के 18.8 फीसद घरों में शौचालय हैं और इनका 94.2 फीसद उपयोग किया जाता है। झारखंड को कुल 17.7 अंक प्राप्त हुए हैं।

इसी तरह कुल 75 जिलों के 70 हजार घरों में भी सर्वेक्षण किया गया। मैदानी राज्यों के 53 जिलों में से पहला स्थान महाराष्ट्र के सिंधु दुर्ग को प्राप्त हुआ है।

यहां के 99 फीसद घरों में शौचालय हैं और 96 फीसद लोग इनका उपयोग करते हैं। इसे कुल 96.8 अंक प्राप्त हुए हैं।

जबकि, पहाड़ी राज्यों के 22 जिलों में से हिमाचल प्रदेश के मंडी को पहला तमगा मिला है। यहां के 99 फीसद घरों में शौचालय हैं और शत प्रतिशत लोग इनका उपयोग करते हैं। इसे कुल 98.4 अंक मिले हैं।

सूची में सबसे ज्यादा जिले गुजरात के 13, राजस्थान के आठ, महाराष्ट्र व तमिलनाडु के पांच-पांच, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हरियाणा के तीन-तीन जिले और ओडिसा के दो जिलों को स्थान मिला है।

हरियाणा के यमुनानगर, सिरसा और गुड़गांव को स्थान प्राप्त हुआ है। जिलों की स्वच्छता रैंकिंग का सर्वेक्षण क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) ने किया है। जबकि राज्यों की रैंकिंग 2015 में की गई, जिसे नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) ने किया था।

स्वच्छता व पेयजल मंत्री नरेंद्र तोमर ने बताया कि 18 राज्यों के 237 ब्लॉक ने ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित किया है। सरकार की मंशा सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। इसके अतिरिक्त सफाई के अन्य आयामों पर भी ध्यान दिया जाएगा।

इस तरह दिए गए अंक

बनाए गए शौचालय और उसके इस्तेमाल पर 40 अंक दिए गए। जबकि घरों के आसपास गंदगी और कूड़ा न होने पर 30 अंक। सार्वजनिक स्थलों पर सफाई होने पर 20 अंक का प्रावधान था। घरों के आसपास गंदा पानी न जमा होने पर 10 अंक दिए गए।

सर्वे में शीर्ष दस राज्य

1. सिक्किम

2. केरल

3. मिजोरम

4. हिमाचल प्रदेश

5. नगालैंड

6. हरियाणा

7. पंजाब

8. उत्तराखंड

9. मणिपुर

10. मेघालय

देश के 75 सबसे स्वच्छ जिलों में मध्यप्रदेश के इंदौर, सीहोर और नरसिंहपुर जिले ही जगह बना पाए। तीनों ही स्वच्छता के तय राष्ट्रीय मानक पर पूरी तरह खरे उतरे हैं। मैदानी क्षेत्रों के जिलों को लेकर जारी रैंकिंग में इंदौर जिला 13वें स्थान पर रहा है, जबकि नरसिंहपुर 37वें और सीहोर 38वें स्थान रहा।

केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता और पेयजल मंत्रालय ने गुरुवार को पहली बार चुनिंदा 75 जिलों की स्वच्छता को लेकर बुधवार को रैंकिंग जारी की। इसमें पहाड़ी राज्यों और मैदानी राज्यों के जिलों के लिए अलग-अलग रैंकिंग जारी की गई है। मैदानी राज्यों वाले जिलों की रैंकिंग में कुल 53 जिले स्वच्छता के मापदंड पर खरे उतरे हैं।


मप्र के तीन जिलों ने इसी के तहत जगह बनाई है। केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता और पेयजल मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रैंकिंग जारी करते हुए बताया कि स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार काम हो रहा है। कोशिश है कि वर्ष 2019 तक देश के सभी जिले स्वच्छ हो जाएं। सभी घर शौचालय से लैस हो जाएं।

इंदौर को 100 में से 87 अंक

रैंकिंग तय करने के लिए कराई गई प्रतियोगिता में इंदौर को 100 में से 87 अंक मिले। वहीं नरसिंहपुर को 77.7 और सीहोर को 76.9 अंक मिले। बता दें कि इन सभी जिलों के बीच स्वच्छता की रैंकिंग का निर्धारण चार सवालों के आधार पर किया गया था। इनमें पहला सवाल 40 अंक था।

इसमें बताना था कि कितने लोगों के पास शौचालय है और कितने के पास नहीं? दूसरा सवाल 30 अंक का था। इसमें बताना था कि घरों के आसपास कूड़ा था या नहीं। तीसरा सवाल 20 अंक का था। इसमें बताना था कि सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा था या नहीं। चौथा सवाल 10 अंक का था, जिसमें यह बताना था कि घर के आसपास पानी जमा होता है या नहीं।

सबसे स्वच्छ जिलों में महाराष्ट्र का सिंधुदुर्ग शीर्ष पर

देश के 75 सबसे स्वच्छ जिलों में महाराष्ट्र का सिंधुदुर्ग पहले स्थान पर आया है। इसे 100 में से 96.8 अंक मिले। वहीं इस रैंकिंग में सबसे निचले स्थान पर राजस्थान का डूंगरपुर जिला रहा, जिसे 100 में 62.4 अंक मिले। रैंकिंग में उत्तर प्रदेश का एक भी जिला जगह नहीं बना सका।

31 राज्यों की स्टेट रैंकिंग में मप्र 24वें स्थान पर

मंत्रालय ने 31 राज्यों द्वारा स्वच्छता के क्षेत्र में किए जा रहे कामों को लेकर स्टेट रैंकिंग भी जारी की। इसमें मध्यप्रदेश 24वें स्थान पर है, जबकि शीर्ष पर सिक्किम है। मप्र का प्रदर्शन जहां 47.48 फीसदी रहा, वहीं सिक्किम का प्रदर्शन 99.90 फीसदी रहा।

कुल 26 राज्य किए शामिल

- 26 राज्यों की सूची में बिहार को राज्य रैंकिंग में 21वां स्थान मिला है।

- मैदानी राज्यों में गुजरात पहला है, जहां 13 जिलों का प्रदर्शन शानदार रहा है।

- पूर्वोत्तर व विशेष श्रेणी वाले राज्यों में सिक्किम पहले स्थान पर रहा है।

- पहाड़ी जिलों में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले को पहला तमगा प्राप्त हुआ है।

- उत्तर प्रदेश का स्थान 22 स्थान मिला है। यहां के 29.5 फीसद ग्रामीण घरों में शौचालय बने हुए हैं।

No comments

सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com