तेंदुलकर-गावस्कर से भी बेहतर टेस्ट क्रिकेट में इनका औसत
क्रिकेट ग्राउंड पर अक्सर सचिन तेंदुलकर को ही क्रिकेट प्रेमियों का भगवान बनते देखा गया है। वहीं ये बात कितनों को पता है कि क्रिकेटर विनोद कांबली इस मैदान में उनसे भी बेहतर प्लेयर थे। अब बात अगर इनके बीच की हो रही है तो भला विनोद कांबली के खेले हुए टेस्ट क्रिकेट को कैसे भूला जा सकता है। वैसे सबसे पहले ये बता दें कि 18 जनवरी 1972 को मुंबई में पैदा हुए लेफ्ट हैंड इंडियन क्रिकेटर विनोद कांबली आज 45 साल के पूरे हो गए हैं। आज इस मौके पर आइए आपको ले चलें इनके उस जन्मदिन के मौके पर, जब इन्होंने सेंचुरी मारकर अपने फैन्स को दिया था खुशी का तोहफा।
ये दिन था 18 जनवरी 1993 का
18 जनवरी 1993 को विनोद कांबली का 21वां जन्मदिन था। इस दिन वह क्रिकेट के मैदान में उतरे इंग्लैंड के खिलाफ। इंग्लैंड के खिलाफ यहां खेलकर कांबली ने सेंचुरी मारकर बड़ी उपलब्धि हासिल की। अपने जन्मदिन पर इतना बड़ा अचीवमेंट करने वाले ये ऐसे पहले क्रिकेटर बन गए। मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए इन्होंने 100 रनों की पारी खेली। हालांकि इसके बाद भी इंग्लैंड के सामने भारत को ये मैच गंवाना पड़ा था।
18 जनवरी 1993 को विनोद कांबली का 21वां जन्मदिन था। इस दिन वह क्रिकेट के मैदान में उतरे इंग्लैंड के खिलाफ। इंग्लैंड के खिलाफ यहां खेलकर कांबली ने सेंचुरी मारकर बड़ी उपलब्धि हासिल की। अपने जन्मदिन पर इतना बड़ा अचीवमेंट करने वाले ये ऐसे पहले क्रिकेटर बन गए। मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए इन्होंने 100 रनों की पारी खेली। हालांकि इसके बाद भी इंग्लैंड के सामने भारत को ये मैच गंवाना पड़ा था।
टेस्ट मैच का ऐसा रिकॉर्ड बनाया था कांबली ने
बाएं हाथ के क्लासिक बल्लेबाज कांबली ने 1993 में अपने क्रिकेट कॅरियर की जबरदस्त शुरुआत की थी। टेस्ट मैचों में इनका रिकॉर्ड सचिन और गावस्कर से भी बेहतर रहा है। अपने पहले 7 टेस्ट मैचों में ही इन्होंने डबल सेंचुरी और दो सेंचुरी का रिकॉर्ड टीम इंडिया को दिया। हालांकि दो साल में 17 टेस्ट मैच खेलने के बाद इनका टेस्ट कॅरियर खत्म हो गया। अपने दो साल के टेस्ट कॅरियर में इन्होंने 1084 रन बनाए। अब अगर औसत पर नजर डालें तो वह 54.20 रहा। वहीं वन डे में इन्होंने 104 मैचों में 2477 रन बनाए।
बाएं हाथ के क्लासिक बल्लेबाज कांबली ने 1993 में अपने क्रिकेट कॅरियर की जबरदस्त शुरुआत की थी। टेस्ट मैचों में इनका रिकॉर्ड सचिन और गावस्कर से भी बेहतर रहा है। अपने पहले 7 टेस्ट मैचों में ही इन्होंने डबल सेंचुरी और दो सेंचुरी का रिकॉर्ड टीम इंडिया को दिया। हालांकि दो साल में 17 टेस्ट मैच खेलने के बाद इनका टेस्ट कॅरियर खत्म हो गया। अपने दो साल के टेस्ट कॅरियर में इन्होंने 1084 रन बनाए। अब अगर औसत पर नजर डालें तो वह 54.20 रहा। वहीं वन डे में इन्होंने 104 मैचों में 2477 रन बनाए।
सचिन और कांबली ने यहां से की थी शुरुआत
सचिन तेंदुलकर और कांबली ने स्कूल मैच के दौरान एक साथ शुरुआत की। ये वो वक्त था जब दोनों ने 664 रनों की साझेदारी का रिकॉर्ड बनाया। अब अगर इंडियन टीम में शुरुआत की बात करें तो सचिन के कॅरियर शुरू करने के 3 साल बाद कांबली ने अपना कॅरियर शुरू किया था। सिर्फ यही नहीं कॅरियर शुरू करते ही इन्होंने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से बहुत कम समय में सभी का दिल जीत लिया।
सचिन तेंदुलकर और कांबली ने स्कूल मैच के दौरान एक साथ शुरुआत की। ये वो वक्त था जब दोनों ने 664 रनों की साझेदारी का रिकॉर्ड बनाया। अब अगर इंडियन टीम में शुरुआत की बात करें तो सचिन के कॅरियर शुरू करने के 3 साल बाद कांबली ने अपना कॅरियर शुरू किया था। सिर्फ यही नहीं कॅरियर शुरू करते ही इन्होंने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से बहुत कम समय में सभी का दिल जीत लिया।
जल्द क्रिकेट ग्राउंड को कहना पड़ा अलविदा
अपने तीसरे ही टेस्ट मैच में कांबली ने डबल सेंचुरी मारी। उसके बाद अगले ही मैच में इन्होंने फिर से दोहरा शतक जड़ा। हालांकि किन्हीं कारणों से इनका कॅरियर क्रिकेट के मैदान पर ज्यादा नहीं चला। कांबली ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 1995 में वनडे 2000 में खेला। वहीं सचिन तेंदुलकर ने अपने 24 साल के कॅरियर में 100 इंटरनेश्ानल सेंचुरी जड़ने का रिकॉर्ड बनाया।
अपने तीसरे ही टेस्ट मैच में कांबली ने डबल सेंचुरी मारी। उसके बाद अगले ही मैच में इन्होंने फिर से दोहरा शतक जड़ा। हालांकि किन्हीं कारणों से इनका कॅरियर क्रिकेट के मैदान पर ज्यादा नहीं चला। कांबली ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 1995 में वनडे 2000 में खेला। वहीं सचिन तेंदुलकर ने अपने 24 साल के कॅरियर में 100 इंटरनेश्ानल सेंचुरी जड़ने का रिकॉर्ड बनाया।
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