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सीमा पर जवानों का अपमान होगा तो कौन मां अपने बेटे को सेना में भेजेगी

भोपाल। कश्मीर में सेना के जवानों के साथ स्थानीय युवाओं की टोली द्वारा मारपीट करने का वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में इस घटना की निंदा हो रही है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी कश्मीर हालात पर चिंता जताई है। एक समाचार पत्र में छपे उनके लेख में उन्होंने घटना से निपटने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाने की जरूरत बताई है। साथ ही हालातों पर सवाल उठाए हैं कि 'जब सीमा पर तैनात जवानों का अपमान हो रहा है तब कौन मां अपने बेटे को सेना में भेजने को तैयार होगी।'विजयवर्गीय ने आगे लिखा है कि 'कौन पिता अपने फौजी बेटे का अपमान सहेगा'। कश्मीर के हालात पर कैलाश ने संभावना जताई है कि केंद्रीय गृहमंत्री  सख्ती से निपटेंगे।

कैलाश विजयवर्गीय ने कश्मीर हालात पर लिखे अपने लेख के जरिए कहा है कि बेशक कश्मीर में सेना के जवानों ने अपनी सहनशीलता का परिचय दिया है, लेकिन दुनिया में जवानों की सहनशीलता को वीरता नहीं कायरता के तौर पर देखा जाता है। उन्होंने लिखा है कि कश्मीर में जवानों के साथ ऐसी अपमानजनक घटना ने देश को झकझोर के रख दिया है। इस घटना से दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष इतने व्यथित हुए कि उन्होंने रोते हुए कहा सेना के सिर पर थप्पड़ पड़ते देख ऐसा लगा कि हम मर क्यों नहीं गए। कैलाश ने लिखा है कि सीआरपीएफ के जवानों के साथ कश्मीर में हुई अपमानजनक घटना से देश गुस्से में है। विजयवर्गीय ने जवानों के साथ हुई घटना का विस्तृत ब्यौरा लिखा है। जिसमें तथाकथित देशद्रोही सैनिकों को गो इंडिया, गाली गलौज करते सुनाई पड़ रहे हैं। लात, घूसे मार रहे हैं। सैनिक हाथ में बंदूक हैं, फिर भी लाचार हैं। यह घटना उस समय की है जब सीआरपीएफ के जवान उपचुनाव कराकर ईवीएम लेकर लौट रहे थे। उन्होंने ईवीएम को सुरक्षित जमा कराया। कैलाश ने लिखा है कि इस घटना के बाद कश्मीर में देेेेशद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई तो शुरू हुई है, लेकिन जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक वीडिया शेयर किया है, जिसके जरिए वे पत्थबाजों का पक्ष लेते दिख रहे हैं। विजयवर्गीय ने अफसोस जाते हुए लिखा है कि अभी सेना द्वारा कश्मीरी युवक को गाड़ी को बोनट पर बांधकर घुमाने वाले वीडियो की सच्चाई सामने नहीं आई है, लेकिन उमर ने दूसरी कहानी गढऩा शुरू कर दिया है। विजयवर्गीय ने फारूख के उस बयान पर जांच की मांग उठाई है कि जम्मू कश्मीर की सरकार युवाओं को पत्थरबाजी करने के लिए पैसा देती है, ताकि घाटी में अशांति बनी रहेे। फारूख की बात में दम तो है आखिर पैसा कौन देता है। हालांकि मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती ने फारूख के आरोपों को बकवास करार दिया है, लेकिन हो सकता है कि अबदुल्ला सरकार में पाकिस्तानी हुक्मरानों के कहने पर कश्मीर में पत्थरबाजों को पैसा सरकारी खाते से दिया जाता हो।

राजनाथ राजधर्म का पालन करें, पीडीपी के साथ फिर विचार हो
इधर वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व राज्यसभा संासद रघुनंदन शर्मा ने भी कैलाश विजयवर्गीय का पक्ष लेते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को राजधर्म का पालन करना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है, उस पर वे खरे उतरें। शर्मा ने कहा कि भाजपा को विचार करना चाहिए कि जम्मू कश्मीर में महबूबा के साथ रहें या नहीं।

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