सबसे पहले मध्यप्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष ने छोड़ी थी लालबत्ती अब की यह मांग
भोपाल। केंद्री कैबिनेट बैठक में लालबत्ती हटाने और वीआईपी कल्चर खत्म करने का फैसला जैसे ही आया प्रदेश सरकार ने भी लालबत्ती त्यागने की घोषण कर दी। लेकिन लाल बत्ती का त्याग कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह पहले ही कर चुके हैं। इस लिहाज से उन्होंने सबसे पहले बाजी मारी थी। जबकि उस समय तक प्रदेश के मंत्री और अन्य नेताओं की राय वीआईपी कल्चर खत्म करने लेकर अगल थी।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने पीएम मोदी के इस फैसले के बाद कहा कि अब मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को सायरन के साथ ही किराए पर लिए जाने वाले विमानों को भी छोड़ने चाहिए, इससे भी फिजूलखर्ची पर रोक लगेगी। जबकि, केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने इस मामले में कहा था कि जरूरत हो, तो फ्लाईट भी रोक देनी चाहिए।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती पिछले महीने भोपाल दौरे पर आई थीं। इस दौरान पत्रकारों से चर्चा के दौरान पंजाब की अमरिंद सरकार के वीआईपी कल्चर को खत्म करने का सवाल उछाला गया था। तब उमा का कहना था कि मैं इस पक्ष में नहीं हूं, क्योंकि मंत्री जब आवश्यक कार्य पर हों, जैसे बैठक में जा रहा हो, तब लालबत्ती वाहन का इस्तेमाल किए जाने के साथ यातायात को रोका जाना चाहिए और जरूरत पड़े, तो फ्लाइट को भी रोका जाना चाहिए, क्योंकि अगर एक बैठक रद्द हो गई, तो करोड़ों का नुकसान होगा। कई फैसले छह-छह माह के लिए लटक जाएंगे। सुश्री भारती ने यह तक कहा था कि लालबत्ती का इस्तेमाल न होने से हादसे भी बढ़ेंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर बनाया था दबाव
पंजाब सरकार में मंत्रियों की लालबत्ती हटाये जाने के तुरंत बाद नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने लालबत्ती छोडक़र सरकार पर यह दबाव बनाया था कि प्रदेश के मंत्री भी अपनी लालबत्ती का त्याग करें। उन्होंने प्रदेश में वीआइपी कल्चर खत्म करने की बात करते हुए कहा था कि जब वे दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री थे, तब भी लालबत्ती नहीं लगाते थे। अब नेता प्रतिपक्ष के पद पर भी लालबत्ती की सुविधा का उपयोग नहीं करेंगे।
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