कांग्रेस को पहल करना है कि बासमती उत्पादकों का अहित न करें : रामेश्वर शर्मा
प्रवीण तिवारी(9111444725)
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक श्री रामेश्वर शर्मा ने कहा कि देश के कुल निर्यात में 10 प्रतिशत योगदान कृषि उत्पाद का है। इसमें मध्यप्रदेश के बासमती चावल का योगदान अहम है, क्योंकि प्रदेश में विकसित खुशबूदार चमकीले बासमती चावल का विश्वव्यापी आकर्षण है। इस पर अन्य प्रदेश जो बासमती के जनक होने का दावा करते है को मध्यप्रदेश की प्रौद्योगिकी का अनुकरण करना चाहिए लेकिन विश्व स्पर्धा के युग में पड़ौसी राज्य विशेषकर कांग्रेस शासित पंजाब से मध्यप्रदेश बासमती को जियोग्राफिकल इंडीकेशन में शामिल करने का विरोध मुखर हो रहा है।
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक श्री रामेश्वर शर्मा ने कहा कि देश के कुल निर्यात में 10 प्रतिशत योगदान कृषि उत्पाद का है। इसमें मध्यप्रदेश के बासमती चावल का योगदान अहम है, क्योंकि प्रदेश में विकसित खुशबूदार चमकीले बासमती चावल का विश्वव्यापी आकर्षण है। इस पर अन्य प्रदेश जो बासमती के जनक होने का दावा करते है को मध्यप्रदेश की प्रौद्योगिकी का अनुकरण करना चाहिए लेकिन विश्व स्पर्धा के युग में पड़ौसी राज्य विशेषकर कांग्रेस शासित पंजाब से मध्यप्रदेश बासमती को जियोग्राफिकल इंडीकेशन में शामिल करने का विरोध मुखर हो रहा है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के बासमती चावल का पहले पहल विरोध पाकिस्तान ने किया था। अब वही विरोध के स्वर पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा निकाले जाना मध्यप्रदेश के किसानों के साथ बेइन्साफी है। श्री शर्मा ने कहा कि यदि कांग्रेस को प्रदेश में कृषि उत्पादन पर गर्व और किसानों से सच्ची हमदर्दी है तो उन्हें कांग्रेसी मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह के विरोध का मुखर होकर विरोध करना चाहिए कि मध्यप्रदेश के अन्नदाता बंधुओं के प्रयासों को आघात न पहुंचाए। आर्थिक उदारीकरण के युग में जहां प्रतिस्पर्धा विश्वव्यापी बढ़ रही है। संरक्षणवाद की मानसिकता पर अंकुश लग रहा है। पंजाब अथवा अन्य किसी भी सरकार को मध्यप्रदेश के बासमती का विरोध कतई नहीं करना चाहिए। पंजाब सरकार का विरोध न तो तर्क संगत है और न न्याय संगत है।
शर्मा ने कहा कि हकीकत यह है कि आज मध्यप्रदेश के बासमती चावल का आकर्षण बढ़ने से पंजाब, हरियाणा और अन्य कृषि जिन्स निर्यातक मध्यप्रदेश का चावल ही खरीदते है और निर्यात करके अच्छा मुनाफा कमा रहे है। ऐसे में आवश्यक है कि पंजाब विरोध का झंडा उठाने के बजाए अपनी किस्म सुधारें। मध्यप्रदेश की पहल पर गर्व महसूस करें। कांग्रेस को जियो और जीने दो में भरोसा व्यक्त करना चाहिए। मध्यप्रदेश में बासमती चावल को वाणिज्य मंत्रालय जियोग्राफिकल इंडीकेशन प्रदान करें जिससे किसान को सीधे निर्यात का अवसर सुलभ हो। मध्यप्रदेश के बासमती उत्पादक किसानों के हितों पर आंच हरगिज नहीं आने दी जायेगी। इसके लिए राज्य सरकार की भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

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