स्वच्छता ऐप डाउनलोड करने में इंदौर No. 1, जुटाए 400 अंक
इंदौर 311 पर रोज दर्ज हो रही 500 शिकायतें, तीन घंटे में हो रही हल
इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर को नंबर 1 बनाने के लिए नगर निगम पूरी ताकत से लगा हुआ है। स्वच्छता के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने व समस्याएं हल करने के लिए बनाया गया स्वच्छता ऐप इंदौर 311 डाउनलोड करने के मामले में शहर पांच शहरों से आगे निकल गया है। लॉन्चिंग के बाद इसे अभी तक 1.25 लाख यूजर डाउनलोड कर चुके हैं। अन्य शहरों में यह संख्या बेहद कम है।
इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर को नंबर 1 बनाने के लिए नगर निगम पूरी ताकत से लगा हुआ है। स्वच्छता के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने व समस्याएं हल करने के लिए बनाया गया स्वच्छता ऐप इंदौर 311 डाउनलोड करने के मामले में शहर पांच शहरों से आगे निकल गया है। लॉन्चिंग के बाद इसे अभी तक 1.25 लाख यूजर डाउनलोड कर चुके हैं। अन्य शहरों में यह संख्या बेहद कम है।
वहीं ऐप से संबंधित तीनों प्रश्नों में सबसे ज्यादा अंक हासिल कर स्वच्छता सर्वेक्षण के 400 अंक जुटाए हैं। यह बात अन्य शहरों में ऐप डाउनलोड की स्थिति का पता लगाने के बाद सामने आई है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 के लिए केंद्र सरकार ने 4000 नंबर का निर्धारण किया है। इसमें से सबसे अधिक अंक अर्जित करने वाला शहर ही स्वच्छता में नंबर वन आएगा। इनमें से 1400 नागरिक प्रतिक्रिया के माध्यम से हासिल होंगे। 400 नंबर ऐप से संबंधित प्रश्नों के आधार पर व बाकी 1000 नंबर फील्ड से ली गई प्रतिक्रियों पर आधारित हैं। ऐप से संबंधित नंबर प्राप्त करने के लिए 3 प्रश्नों के उत्तर देना थे। इसमें अलग-अलग नंबर निर्धारित हैं।
लीटर बिन में फल फ्रूट डालते मेयर ने पकड़ा
स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर को नंबर 1 बनाने के लिए नगर निगम पूरी ताकत से लगा हुआ है। इसके चलते महापौर मालिनी गौड़ भी शहर के दौरे पर निकलीं। सब्जी वालों को डस्टबिन रखने की हिदायत दी तो एक बस्ती में पहुंचकर महिलाओं से बात की। उनसे पूछा कि आपके घर कचरा गाड़ी नियमित आ रही है या नहीं, कर्मचारी का व्यवहार कैसा है? स्वच्छता सर्वेक्षण की जांच करने के लिए दिल्ली से आई टीम गोपनीय तौर पर जांच कर रही है। वे अपने पैमाने पर पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वास्तविक स्थिति क्या है, कहीं ये दिखावा तो नहीं है? इधर, महापौर भी आज सुबह सफाई व्यवस्था देखने निकलीं। उन्होंने राजमोहल्ला सब्जी मंडी से दौरा शुरू किया। यहां व्यापारियों से पूछा कि खराब सब्जी को क्या करते हो? उन्होंने कचरा गाड़ी में डालने और डस्टबिन रखने की बात कही। यहां से महापौर लक्ष्मीबाई नगर मंडी के पास बस्ती में पहुंची। यहां महिलाएं इकट्ठा हो गईं। महापौर ने उनसे पूछा कि यहां गाड़ी रोज आ रही है या नहीं, वाहन चालक का आपसे कैसा व्यवहार है, हेल्पर कचरा खुद डालता है या आपसे डलवाता है। महिलाओं ने सफाई व्यवस्थों से संतुष्टि जताई। महापौर ने सामुदायिक शौचालय का भी निरीक्षण किया। यहां कोई शिकायत नहीं मिलने पर वे सांवेर रोड की बस्ती में पहुंची।
टीम ने लिटरबिन खोलकर देखी कि लोग कचरा फेंकते भी हैं या नहीं
शहर में सफाई की मैदानी हकीकत का जायजा लेने आई सर्वे टीम अल सुबह से रात तक शहर के पूर्वी छोर से लेकर पश्चिमी सिरा तक छानती रही। टीम का एक सदस्य निगम अधिकारियों के साथ बाजार, रहवासी क्षेत्रों से लेकर ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंचा। जबकि बाकी सदस्य बिना कोई खबर दिए गली-मोहल्लों से लेकर सड़कों की सफाई देखते रहे। सर्वेक्षण टीम के सदस्य ने सुबह चोइथराम सब्जी मंडी पहुंचकर दुकानदारों से बात की और सफाई की स्थिति पूछी। इस दौरान जांचा गया कि मंडी में गीला-सूखा कचरा अलग रखने की व्यवस्था है या नहीं। निगम कब-कब सफाई करवा रहा है। दुकानदार सफाई बरकरार रखने में कितना योगदान दे रहे हैं। इस दौरान मंडी में आॅर्गेनिक कचरे से खाद और गैस बनाने वाले प्लांट का भी निरीक्षण किया गया। सदस्य ने द्वारकापुरी क्षेत्र के बाजारों की सड़कों की सफाई व्यवस्था देखी। सड़क किनारे लगी लिटरबिन को खोलकर देखा और जांचा कि असल में इसमें कचरा फेंका भी जाता है या नहीं। कुछ देर रुककर देखा कि रास्ता चलते लोग लिटरबिन का इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं। बाजार में दुकानदारों से बात कर पूछा कि उनके यहां कचरा अलग-अलग किया जा रहा है या नहीं? वे गीले-सूखे कचरे के बारे में जानते हैं? साथ ही दुकानों में भी दो डस्टबिन रखी गई हैं या नहीं?
खाली मैदानों का लिया जायजा
टीम सदस्य ने स्कीम नंबर 78 स्थित रिंग रोड पर शाम को लगने वाली सब्जी मंडी में सफाई व्यवस्था देखी। दुकानदारों से पूछा कि मंडी उठने के बाद वे कचरा कहां फेकते हैं। बाद में सभी एमओजी लाइन स्थित रहवासी क्षेत्रों में पहुंचे ओर लोगों से वेस्ट सेग्रिगेशन और सफाई को लेकर फीडबैक लिया। टीम ने पूर्वी क्षेत्र में रिंग रोड के पार स्टार चौराहे के आसपास सफाई जांची, फिर खाली मैदानों का भी जायजा लिया। इस दौरान नई बसाहट वाली कॉलोनियों में पूछा गया कि वहां कचरा उठाने घरों तक गाड़ियां आ रही हैं या नहीं।
स्टेशन क्षेत्र को परखा
सरवटे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और गंगवाल स्टेशन पर भी टीम पहुंची। यहां सदस्य ने दुकानदारों के साथ कुछ यात्रियों से सफाई को लेकर सवाल किए। क्षेत्र के सार्वजनिक शौचालयों का निरीक्षण भी किया। रेलवे स्टेशन के सामने सड़क किनारे गुमटी वालों और होटल वालों से डस्टबिन के बारे में पूछताछ की।
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पौन घंटे रहे
सर्वे टीम के सदस्य ने सफाई की असली हकीकत जांचने के लिए पौन घंटे से ज्यादा समय ट्रेंचिंग ग्राउंड पर बिताया। इस दौरान वहां पहुंचने वाले कचरे की मात्रा के बारे में जानकारी ली। तौल कांटे और रजिस्टर की एंट्री से जांचा कि रोज शहर से जितना कचरा उठ रहा है, उतना ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पहुंच भी रहा है या नहीं। सेग्रिगेशन की व्यवस्था भी देखी। कचरे से खाद बनाने वाले प्लांट के निरीक्षण के साथ रैगपिकर्स से भी चर्चा की। अधिकारियों के साथ सदस्य ने ट्रेंचिंग ग्राउंड पर वेस्ट से इंटरलॉकिंग पेवर्स और ईंट बनाने का प्लांट भी देखा।
मास्क पहनकर करो सफाई
महापौर अफसरों के साथ सयाजी के सामने से गुजर रही थी कि उनकी नजर एक सफाईमित्र पर पड़ी, वह बगैर मास्क पहने सफाई कर रहा था। इस पर गाड़ी रोक कर उसे समझाइश दी कि मास्क लगाकर सफाई करें।
खाली मैदानों का लिया जायजा
टीम सदस्य ने स्कीम नंबर 78 स्थित रिंग रोड पर शाम को लगने वाली सब्जी मंडी में सफाई व्यवस्था देखी। दुकानदारों से पूछा कि मंडी उठने के बाद वे कचरा कहां फेकते हैं। बाद में सभी एमओजी लाइन स्थित रहवासी क्षेत्रों में पहुंचे ओर लोगों से वेस्ट सेग्रिगेशन और सफाई को लेकर फीडबैक लिया। टीम ने पूर्वी क्षेत्र में रिंग रोड के पार स्टार चौराहे के आसपास सफाई जांची, फिर खाली मैदानों का भी जायजा लिया। इस दौरान नई बसाहट वाली कॉलोनियों में पूछा गया कि वहां कचरा उठाने घरों तक गाड़ियां आ रही हैं या नहीं।
स्टेशन क्षेत्र को परखा
सरवटे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और गंगवाल स्टेशन पर भी टीम पहुंची। यहां सदस्य ने दुकानदारों के साथ कुछ यात्रियों से सफाई को लेकर सवाल किए। क्षेत्र के सार्वजनिक शौचालयों का निरीक्षण भी किया। रेलवे स्टेशन के सामने सड़क किनारे गुमटी वालों और होटल वालों से डस्टबिन के बारे में पूछताछ की।
No comments
सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com