साइकिल चलाकर रीवा से मुख्यमंत्री निवास पहुंचेंगे वकील
रीवा। कोर्ट भवन के स्थानांतरण के विरोध सहित अन्य मुद्दों को लेकर जिला एवं सत्र न्यायालय के अधिवक्ता कमलेश्वर तिवारी 2 अप्रैल को शहर से मुख्यमंत्री निवास तक साइकिल चलाकर पहुंचेंगे। उन्होंने दोपहर 2 बजे कोर्ट के गेट पर चल रहे धरना स्थल से अपनी साइकिल यात्रा शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि न्यायालय का मुद्दा लम्बे समय से उठाया जा रहा है, लेकिन लिखित तौर पर अधिवक्ताओं को अभी तक इसकी जानकारी नहीं दी गई है कि भवन का काम बंद कर दिया गया है और पुराने स्थान पर ही भवन बनाया जाएगा। जिसके चलते वे साइकिल यात्रा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कलेक्टर कार्यालय, कमिश्नर कार्यालय, एसपी कार्यालय सहित ज्यादातर कार्यालय पुराने भवन के पास संचालित हैं। जबकि कोर्ट को दूसरे स्थान पर ले जाया जा रहा है। ऐसे में अधिवक्ताओं को आने-जाने में और न्यायालयीन कार्य करने में समस्या आएगी। इससे खर्च भी बढ़ेगा। ऐसे में सरकार को पुराने स्थान पर ही न्यायालय भवन के लिए जगह की व्यवस्था बनाए और नया भवन बनाया जाए। इस दौरान लगभग डेढ़ सौ दिनों से न्यायालय गेट पर धरना दे रहे अधिवक्ता विजय मिश्रा सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे और उन्होंने साइकिल यात्रा कर रहे अधिवक्ता कमलेश्वर तिवारी को माला पहनाकर और ज्ञापन पत्र की प्रतियां देकर रवाना किए।
अधिवक्ताओं की यह हैं मांगें
रीवा से भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास तक साइकिल यात्रा करने वाले अधिवक्ता कमलेश्वर तिवारी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर जिला एवं सत्र न्यायालय भवन का स्थानांतरण रोके जाने एवं नई कोर्ट बिल्डिंग का निर्माण पुराने स्थान पर कराने, बिजली की दर छत्तीसगढ़ एवं दिल्ली सरकार के बराबर दो से तीन रुपए प्रति यूनिट किए जाने, मप्र के सभी किसानों को एक से 5 हर्ष पॉवर पम्प का बिजली बिल माफ करने, व्यापमं परीक्षा फीस 800-900 रुपए के बीच ली जा रही है जिसे घटाकर 200-300 रुपए तक किए जाने, सौर ऊर्जा प्लांट गुढ़ रीवा में लगाया जा रहा है। इसमें 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार मुहैया कराने, प्रदेश के अधिवक्ताओं के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने सहित 7 सूत्रीय मांगे शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि कलेक्टर कार्यालय, कमिश्नर कार्यालय, एसपी कार्यालय सहित ज्यादातर कार्यालय पुराने भवन के पास संचालित हैं। जबकि कोर्ट को दूसरे स्थान पर ले जाया जा रहा है। ऐसे में अधिवक्ताओं को आने-जाने में और न्यायालयीन कार्य करने में समस्या आएगी। इससे खर्च भी बढ़ेगा। ऐसे में सरकार को पुराने स्थान पर ही न्यायालय भवन के लिए जगह की व्यवस्था बनाए और नया भवन बनाया जाए। इस दौरान लगभग डेढ़ सौ दिनों से न्यायालय गेट पर धरना दे रहे अधिवक्ता विजय मिश्रा सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे और उन्होंने साइकिल यात्रा कर रहे अधिवक्ता कमलेश्वर तिवारी को माला पहनाकर और ज्ञापन पत्र की प्रतियां देकर रवाना किए।
अधिवक्ताओं की यह हैं मांगें
रीवा से भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास तक साइकिल यात्रा करने वाले अधिवक्ता कमलेश्वर तिवारी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर जिला एवं सत्र न्यायालय भवन का स्थानांतरण रोके जाने एवं नई कोर्ट बिल्डिंग का निर्माण पुराने स्थान पर कराने, बिजली की दर छत्तीसगढ़ एवं दिल्ली सरकार के बराबर दो से तीन रुपए प्रति यूनिट किए जाने, मप्र के सभी किसानों को एक से 5 हर्ष पॉवर पम्प का बिजली बिल माफ करने, व्यापमं परीक्षा फीस 800-900 रुपए के बीच ली जा रही है जिसे घटाकर 200-300 रुपए तक किए जाने, सौर ऊर्जा प्लांट गुढ़ रीवा में लगाया जा रहा है। इसमें 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार मुहैया कराने, प्रदेश के अधिवक्ताओं के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने सहित 7 सूत्रीय मांगे शामिल हैं।
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