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सामाजिक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सुझाव दें शोधार्थी आईजीएनटीयू में शोधार्थियों के लिए दस दिवसीय विशेष कार्यशाला प्रारंभ देशभर के शोधार्थी ले रहे हैं भाग, एक सीरिया से प्रतिभागी

सामाजिक चुनौतियों का मुकाबला

करने के लिए सुझाव दें शोधार्थी

आईजीएनटीयू में शोधार्थियों के लिए दस दिवसीय विशेष कार्यशाला प्रारंभ

देशभर के शोधार्थी ले रहे हैं भाग, एक सीरिया से प्रतिभागी

अमरकटंक (अनूपपुर), प्रदीप मिश्रा .8770089979

शोधार्थियों को नवीन शोध प्रविधियों के बारे में प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में दस दिवसीय रिसर्च मैथडोलॉजी कार्यशाला (5-14 सितंबर) आयोजित की जा रही है। इस अवसर पर शोधार्थियों का आह्वान किया गया कि वे शोध के विभिन्न आयामों का अध्ययन कर उचित शोध विधि का प्रयोग कर समाज और नीति निर्धारकों के लिए उपयोगी तथ्यों को प्रस्तुत करें।
गुरूवार को कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के प्रो. अश्वनी कुमार ने शोधार्थियों के समक्ष आने वाले विभिन्न चुनौतियों को समझाते हुए कहा कि ज्यादातर शोधार्थी क्वालिटेटिव, क्वांटिटेटिव और पार्टिसिपेटरी मैथडोलॉजी को समझने में काफी समय निकाल देते हैं। उन्होंने कहा शोध विषय से संबंधित सभी जानकारियों को एकत्रित कर निरंतर इस जानकारी को अद्यतन करने की आवश्यकता होती है जिससे शोध को और अधिक उपयोगी बनाया जा सके। उन्होंने शोध संबंधी विभिन्न आयामों को भी विस्तार से समझाया। कुलपति प्रो. टी.वी. कटटीमनी का कहना था कि विश्वविद्यालय आदिवासी नायकों से संबंधित जानकारियों को एकत्रित कर उनका डाक्यूमेंटेशन कर रहा है जिसमें शोधार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि समाज विज्ञान शोध में कोई सीमा नहीं होती है। शोधार्थियों को चाहिए कि वे विभिन्न सामाजिक चुनौतियों के बारे में शोध कर नीति निर्धारकों को आवश्यक जानकारियां प्रदान करें जिससे इनका मुकाबला किया जा सके। इससे पूर्व विभागाध्यक्ष (अर्थशास्त्र) प्रो. नीति जैन ने कहा कि शोधार्थी विभिन्न बिंदुओं को जोड़कर एक संपूर्ण चित्र का निर्माण करते हैं। उन्होंने शोधार्थियों से अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से संबंधित शोध करने का आह्वान किया। कोर्स डायरेक्टर डॉ. आनंद सुगंधे और को-कोर्स डायरेक्टर डॉ. विनोद सेन ने बताया कि कार्यशाला के लिए देशभर से लगभग 260 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें से 30 शोधार्थियों को कार्यशाला के लिए चयनित किया गया है, इसमें एक प्रतिभागी सीरिया से हैं। दस दिवसीय कार्यशाला में शोध के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी देने के लिए देशभर के प्रमुख शिक्षाविद् आ रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजकुमार नागवंशी ने किया। अंत में प्रो. प्रदीप भार्गव ने धन्यवाद दिया। कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग और इंडियन इंस्टीट्यू ऑफ सोशल साइंस रिसर्च, नई दिल्ली के तत्वावधान में किया जा रहा है।


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