-->

Breaking News

सोने की चमक फीकी, मांग में भारी कमी

कोलकाताः हाल के सप्ताहों में सोने के दाम नीचे आने के बावजूद इस कीमती मेटल की डिमांड भारत में इस वर्ष 13 फीसदी घट सकती है। वर्ल्ड गोल्ड काऊंसिल, इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर पी आर सोमसुंदरम ने गुरुवार को बताया कि गोल्ड की डिमांड पिछले वर्ष के 974 टन से घटकर 850 टन पर आ सकती है। उनका कहना था कि अगर डिमांड में कुछ तेजी आती है तो यह अधिकतम 950 टन पर जा सकती है, लेकिन यह पिछले वर्ष से कम ही रहेगी।

भारत में गोल्ड की डिमांड घटने के बारे में उन्होंने कहा, ''लोकसभा चुनाव से पहले मार्कीट में काफी अनिश्चितता होने की वजह से डिमांड पर असर पड़ा। हमने दीवाली के दौरान डिमांड में तेजी वापस आती देखी है।''

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष दूसरे क्वॉर्टर में विशेषतौर पर बिक्री अच्छी रही थी क्योंकि अक्षय तृतीया के दौरान गोल्ड प्राइसेज 32,000 रुपए प्रति 10 ग्राम से गिरकर 25,000 रुपए पर आ गए थे। हालांकि, इम्पोर्ट पर सरकार की ओर से लगाई गई बंदिशों की वजह से बाद में डिमांड गिरी थी।

2013 के तीसरे क्वॉर्टर में गोल्ड की डिमांड 39 फीसदी बढ़कर 225.1 टन पर पहुंच गई थी। हालांकि, उस दौरान इसकी ग्लोबल डिमांड घटकर लगभग 5 वर्षों के निचले स्तर पर चली गई थी।

2014 के पहले नौ महीनों में डिमांड पिछले वर्ष की इसी अवधि में 756 टन के मुकाबले घटकर 620 टन रह गई। सोमसुंदरम ने कहा कि इस वर्ष डिमांड गिरने के बावजूद एक अच्छा संकेत जूलरी की बिक्री बढ़ना है। इससे जूलरी ट्रेड को मदद मिलेगी जिसमें बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं। उन्होंने चौथे क्वॉर्टर में आंकड़े बेहतर रहने की उम्मीद जताई।

सितंबर क्वॉर्टर में देश में जूलरी की डिमांड 60 फीसदी बढ़ी है लेकिन इनवेस्टमेंट डिमांड में 10 फीसदी की गिरावट आई है। इस वर्ष इनवेस्टमेंट डिमांड घटकर कुल डिमांड की 25 फीसदी रह सकती है, जो पिछले वर्ष 37 फीसदी की थी।

गोल्ड के ग्लोबल प्राइसेज में भारी गिरावट की वजह से एक एसेट क्लास के तौर पर गोल्ड पर इनवेस्टर्स का भरोसा कम हुआ है। हालांकि, सोमसुंदरम ने कहा कि छोटे ज्वैलर्स के लिए 20 फीसदी इम्पोर्टेड गोल्ड रिजर्व रखने के सरकार के कदम से सप्लाई बढ़ाने और प्रीमियम को कम करने में मदद मिलेगी। उनका कहना था, ''इससे ट्रेड मजबूत होगा लेकिन स्मगलिंग पर लगाम नहीं लगेगी, जो इस वर्ष लगभग 200 टन हो सकती है।''

No comments

सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com