मीडियाकर्मियों ने दिया मानवता का परिचय News Headline बनाने की जगह उपलब्ध कराया Ambulance
रीवा : आज रीवा के मीडियाकर्मियों ने मानवता का एक बड़ा परिचय दिया। मीडियाकर्मियों द्वारा एक मृतक के परिजनों को उसका शव ले जाने हेतु एंबुलेंस की व्यवस्था कराता।
जहां देश के अन्य हिस्सों में कन्धों पर शव को ले जाते हुए मानवता को चूर-चूर करने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं एवं मीडियाकर्मी वहां पर पहुंचकर उनकी मदद करने के बजाय फोटो खींचकर हेडलाईन बनाकर न्यूज को ट्रेंड कराने में व्यवस्त हैं। वहीं रीवा शहर के मीडियाकर्मियों ने पन्ना जिले से आए परिजनों को उनके मृतक पुत्र का शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था कराई।
जानकारी के मुताबिक पन्ना अस्पताल से एक पोलियों रोगी सोनू चौधरी को रीवा के संजय गांधी अस्पताल के लिए रेफर किया गया था, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। परिजन अत्यंत गरीब थें, मृतक का शव ले जाने के लिए उनके पास उचित साधन एवं पैसे नही थे। वें अपने मृतक पुत्र को कंधों पर उठाकर जाने ही वाले थे कि वहां पर मौजूद मीडियाकर्मी इस परिस्थिति को बिना किसी न्यूज बनाए जाने की लालच में फौरन संजय गांधी अस्पताल प्रबंधन से बात की एवं एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई। परिजनों ने सभी को धन्यवाद देते दिया एवं मृतक का शव लेकर वहां से एंबुलेंस में रवाना हो गए।
यहां पर यह उल्लेख करना आवश्यक है कि न तो अस्पताल प्रशासन इतना लाचार है एवं न ही मीडियाकर्मी जो हर मामले में समाचार की हेडलाईन तलाशते रहें। मीडियाकर्मी आम जन के सहयोग के लिए हमेशा तत्पर है, इसका उदाहरण रीवा के मीडियाकर्मियों ने कई बार दे दिया है।
जहां देश के अन्य हिस्सों में कन्धों पर शव को ले जाते हुए मानवता को चूर-चूर करने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं एवं मीडियाकर्मी वहां पर पहुंचकर उनकी मदद करने के बजाय फोटो खींचकर हेडलाईन बनाकर न्यूज को ट्रेंड कराने में व्यवस्त हैं। वहीं रीवा शहर के मीडियाकर्मियों ने पन्ना जिले से आए परिजनों को उनके मृतक पुत्र का शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था कराई।
जानकारी के मुताबिक पन्ना अस्पताल से एक पोलियों रोगी सोनू चौधरी को रीवा के संजय गांधी अस्पताल के लिए रेफर किया गया था, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। परिजन अत्यंत गरीब थें, मृतक का शव ले जाने के लिए उनके पास उचित साधन एवं पैसे नही थे। वें अपने मृतक पुत्र को कंधों पर उठाकर जाने ही वाले थे कि वहां पर मौजूद मीडियाकर्मी इस परिस्थिति को बिना किसी न्यूज बनाए जाने की लालच में फौरन संजय गांधी अस्पताल प्रबंधन से बात की एवं एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई। परिजनों ने सभी को धन्यवाद देते दिया एवं मृतक का शव लेकर वहां से एंबुलेंस में रवाना हो गए।
यहां पर यह उल्लेख करना आवश्यक है कि न तो अस्पताल प्रशासन इतना लाचार है एवं न ही मीडियाकर्मी जो हर मामले में समाचार की हेडलाईन तलाशते रहें। मीडियाकर्मी आम जन के सहयोग के लिए हमेशा तत्पर है, इसका उदाहरण रीवा के मीडियाकर्मियों ने कई बार दे दिया है।
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