मिल बाचे अभियान में नंदु भैय्या ने बच्चो को पढ़ाया अनुशासन का पाठ, अब्दुल कलाम की दी मिसाल
बुरहानपुर। मध्यप्रदेश सरकार के मिल बाचे अभियान के अंतर्गत आज शाहपुर में शा.उ.मा विद्यालय में मिल बांचे मध्यप्रदेश् भाजपा प्रदेश अध्यक्ष क्षेत्र के सांसद नंदकुमार सिंह चौहान जी ने बच्चो को शिक्षा का पाठ पढ़ाया। पर उन्होंने कहा की हर विध्यार्थी का फर्ज हैं की पूर्ण विश्चास के साथ अपनी पढ़ाई करे
इस शाळा मे मेने भी शिक्षा ग्रहण की यहा उस समय पुरानी बिल्डिंग हुआ करती थी। तब समय बहुत अनुशाशन कडा हुआ करता था।
उन्होंने अपने पुराने शिक्षको का भी जिक्र करते हुए कहा की रामभाऊ आमोद सर,रामभाऊ सोनवणे,दाने गुरूजी ने हमे पढ़ाया नंदकुमार सिंह चौहान ने बच्चो को शाला से जुड़ा एक पुराना स्मरण सुनाते हुए कहा कि एक बार मैने शरारत की तब हमारे शिक्षक सोनवणे सर ने शाला के प्रांगण मे लगे वृक्ष से लकड़ी तोड़ने को कहा और उसी लकड़ी से मुझे सज़ा दी जब मेने घर जाकर पिता को बताया तो मेरे पिताजी ने सोनवणे सर से पूछा की इसे कितनी छड़ी मारी सर ने कहा की 5 मारी तब मेरे पिताजी ने सोनवणे सर से कहा की आपने इसे कम सज़ा दी ऐसा वातावरण था । हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति स्व.ए पी जे अब्दुल कलाम जी आज हमारे बिच नही हैं लेकिन उनके हौसलो ने उन्हें देश का सर्वश्रेष्ट विख्यात वैज्ञानिक बने साथ की देश के राष्ट्रपति भी बने जबकि उनकी आर्थिक परिस्थिति अत्यंत गरीब थी। श्री कलाम सहाब एक कुशाग्र बुद्धि वाले बालक थे शिक्षा की ललक के चलते उन्होंने रेलवे स्टेशन पर अख़बार बेच कर अपना अध्यापन किया । आप भी अपने मन मे ललक उत्तपन्न करो आज देश को अब्दुल कलाम साहब पर गर्व हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने कई ऐसी मिसाइल तैयार की है उसमें कलाम साहब का योगदान सबसे अधिक है इस कारण उन्हें मिसाइल मेन कहा गया हैं।आज अन्य देशो के पास इतने रासायनिक हथियार हैं जिससे सारा विश्व का विनाश किया जा सकता हैं हमारा देश किसी भी तरहा के हमले से बचने में लिए सक्षम है हम किसी के साथ युद्ध नही चाहते । इस अवसर श्री नन्दू भैय्याजी ने पूर्व प्रधान मंत्री स्व.श्रीमती इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए कहा की उनके कार्यकाल मे पोकरण मे पहला परीक्षण किया उसके देश के पूर्व प्रधानमन्त्री श्री अटलबिहारी बाजपेयी ने अनेको परीक्षण किये तब अमेरिका ने हमारे देश पर बन्दिशें लगा दी लेकिन देश के लिए परीक्षण तो जरूरी था।
जब कलाम सहाब का राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त हुआ जब उनकी बिदाई हो रही थी तब वे केवल एक सूटकेस मे जितना सामान आता हैं उतना ही वे लेकर गए।सेवानिवर्ती के बाद वे निशुल्क महाविद्यालय मे देश के बच्चों को पढ़ाते थे।आप भी कलाम सहाब की तरह ऊँचा सोचो उनकी जैसी उड़ान भरी वैसी आप सोचो। विश्व मे भी उनका लोहा माना गया कलाम सहाब ने अपनी अंतिम साँस तक कार्य किया असम मे एक महाविद्यालय मे पढ़ाते हुए उन्होंने अंतिम साँस ली। आप में भी कलाम सहाब जैसे बनने की क्षमता हैं अपने आप में ललक पैदा करो अपनी निष्ठा ईमानदारी और समर्पण से शिक्षा ग्रहण करो सफलता जरूर मिलेगी इस अवसर पर पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रामभाऊ सोनवणे,सुनील महाजन ,रविन्द्र चांदोड़े,वीरेंदर तिवारी, युवराज महाजन,लक्षमण महाजन,विनोद पाटिल,प्रहलाद पाटिल ,सुनील भाई,मेहमूद भाई सहित बड़ी संख्या मे साथी उपस्थित थे।
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