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गरीब व जरूरतमंद पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करायें


रीवा : मध्यप्रदेश राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष आर.के. स्वाई की अध्यक्षता में आयोजित संभाग स्तरीय बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि गरीब व जरूरतमंद पात्र हितग्राहियों को समय पर खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित हो। अपात्र व्यक्तियों के नाम हटें व पात्र लोगों के नाम जोड़े जायें ताकि शासन की मंशानुसार वास्तविक लोगों को लाभ मिल सके। इस अवसर पर आयोग के सदस्य किशोर खण्डेलवाल, गोरलाल अहिरवार, वीरसिंह चौहान, कमिश्नर एस.के.पॉल, कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक सहित संभागांर्तगत जिलों के अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक को संबोधित करते हुये आयोग के अध्यक्ष आर.के. स्वाई ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न से संबंधित योजनाओं व कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की मानीटरिंग, मूल्यांकन व निरीक्षण हेतु यह आयोग गठित किया गया है। आयोग की मंशा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आंगनवाड़ी में पूरक पोषण आहार, मध्यान्ह भोजन व मातृत्व योजनांतर्गत गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषण आहार हेतु प्रदाय की जाने वाली राशि का पात्र व्यक्तियों को लाभ मिल सके इसलिए विभागीय अधिकारी तत्परता एवं जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करें। मैदानी अमला क्षेत्र में योजनाओं के क्रियान्वयन में सक्रियता बरतें तथा जिला स्तर से लगातार निरीक्षण हो जिससे धरातल में इन सभी योजनाओं का बेहतर संचालन सुनिश्चित हो सके।

अध्यक्ष ने कहा कि उचित मूल्य दुकानों में जिला स्तर से ग्रामस्तर तक निगरानी समितियों का गठन हो जाये तथा जनप्रतिनिधियों को खाद्यान्न आने व वितरण की पूरी जानकारी भी उपलब्ध करायी जाये। खाद्य विभाग पार्षदों की कार्यशाला आयोजित कर इस संबंध में पूर्ण जानकारी भी उपलब्ध करायें। आंगनवाड़ियों का नियमित समय पर संचालन हो, बच्चों को नास्ता व खाना मिले साथ ही विद्यालयों में मीनू अनुसार मध्यान्ह भोजन का भी समय पर नियमित वितरण सुनिश्चित कराया जाय। आयोग के सदस्यों ने आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये सुझाव और कुपोषण में कमी करने के संबंध में किये गये नवाचार की जानकारी ली। साथ ही मध्यान्ह भोजन के संबंध में किचनशेड की उपलब्धता और खाद्यान्न आवंटन और उठाव की जानकारी ली। 

इस अवसर पर कमिश्नर एस.के.पॉल ने निर्देश दिये कि संभागांर्तगत जिलों में जहां एक विक्रेता द्वारा तीन से अधिक राशन दुकानों का संचालन कराया जा रहा है उसमें तत्काल अलग-अलग विक्रेताओं की व्यवस्था करायी जाये। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्तियों से संबंधित कार्यक्रम में पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य किया जाना आवश्यक है। कमिश्नर ने आयोग को आश्वस्त किया कि संभाग के सभी जिलों में योजना के बेहतर संचालन की सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित करायी जायेंगी। बैठक में खाद्य विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मध्यान्ह भोजन एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा पावर प्वाइंट के माध्यम से प्रस्तुतिकरण दिया गया।

म.प्र.राज्य खाद्य आयोग ने जनप्रतिनिधियों के साथ की बैठक
म.प्र. राज्य खाद्य आयोग ने इससे पूर्व के सत्र में संभाग के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सुझाव प्राप्त किये। इस दौरान सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि धात्री माता व उसके घर के सदस्यों को जागरूक किये जाने की आवश्यकता है। पोषण आहार माँ को ही मिले ताकि उसका बच्चा स्वस्थ्य व तंदुरूस्त रहे । उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्राथमिक शैक्षणिक कार्य कराने व राशन दुकानों के बायोमैट्रिक मशीन  से ही खाद्यान्न वितरण कराये जाने की बात कही। उचित मूल्य दुकानों से कोदौ, कुटकी व दाल जैसे अन्न के भी वितरण की बात सांसद द्वारा कही गयी। उन्होंने स्वसहायता समूहों के सशक्त किये जाने पर बल दिया। इस दौरान विधायक मनगवां शीलात्यागी सहित विधायक प्रतिनिधि देवतालाब अवधेश तिवारी, जनपद अध्यक्ष त्यौंथर गीतामाझी, नगरपंचायत अध्यक्ष हनुमना पूनम गुप्ता, गोविंदगढ पुष्पा सोनी, मउगंज चन्द्रप्रभा गुप्ता, कोठी राजेश कुमार साहित नगरपालिका निगम रीवा के अध्यक्ष सतीश सोनी व पार्षदगणों ने भी अपने सुझाव दिये व समस्याओं की ओर आयोग का ध्यान आकृष्ट किया।

आम जनों ने बताई आयोग को समस्यायें
म.प्र. राज्य खाद्य आयोग के समझ हेमंत कुमार पाण्डेय रीवा एवं मिसिरगवां के मदन गोपाल तिवारी सहित अन्य बड़ी संख्या में आमजनों ने अपनी समस्यायें सुनाई जिन पर अध्यक्ष आर.के. स्वाई द्वारा परीक्षण कराकर कार्यवाही सुनिश्चित कराने हेतु आश्वस्त किया गया। उन्होंने कहा कि समन्वय और संवाद से ही समस्याओं का निराकरण संभव है।

इस दौरान मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा मयंक अग्रवाल, संयुक्त आयुक्त राकेश शुक्ला, आयोग के प्रशासनिक अधिकारी एम.एन.एच खान, उपसंचालक सतीश निगम, सहित खाद्य, महिला बाल विकास, सहकारिता, नागरिक आपूर्ति निगम आदि संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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