संविदाकर्मियों की हड़ताल का 18 वां दिन, महिला दिवस को मनाया शोषण दिवस के रुप में
भोपाल। आज संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के आंदोलन का 18वां दिन है। हड़ताल के चलते अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। शासकीय अस्पतालों में इन दिनों टीबी विभाग के दवा वितरण, मलेरिया विभाग, कुपोषण केंद्र, गंभीर चिकित्सा एसएनसीयू इकाई, आरसीएच शाखा, आरबीएसके , निशुल्क दवा वितरण ,टीकाकरण जैसी योजनाएं पूरी तरह ठप हो गई है। इसके साथ ही हड़ताल के चलते आज महिला दिवस के अवसर पर शुरू होने वाले महिला स्वास्थ्य शिविर की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। जिसके कारण प्रदेश भर में लाखों महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो सकेगा।आज गुरुवार को संविदाकर्मी थाली बजाकर सरकार का विरोध करेंगीं तो वहीं महिला दिवस को शोषण दिवस के रुप में मनाएंगें।
बता दे कि नियमितिकरण के साथ ही अप्रेजल प्रक्रिया बंद करने और पूर्व में निष्कासित संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने खाली पदों पर संविलियन करने की मांग की है।
बताया जा रहा है कि अगर ये हड़ताल यूं ही चलती रही तो 11 मार्च से शुरु हो रहे पल्स पोलियो अभियान के द्वितीय चरण पर काफी असर पड़ेगा।प्रदेश के हजारों बच्चे पोलियो की दवा पीने से वंचित रह जाएंगें।हालांकि 10 मार्च को कर्मचारी संघ की मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा होना है जिसके बाद कुछ बदलाव के असर हो सकते है। सरकार संविदाकर्मियों के हित में कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
कर्मचारियों का आरोप है कि संविदा कर्मचारी अधिकारी विभिन्न विभागों में करीब 15-20 साल से कार्यरत हैं और अपने नियमितीकरण एवं समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं। शासन द्वारा आश्वासन दिया जाकर कोई कार्रवाई आज तक नहीं की गई है। संविदा कर्मचारी अपने आप को शोषित और ठगा सा महसूस कर रहे हैं, जबकि शासन ने बगैर कोई परीक्षा दिए भर्ती किए गए संविदा गुरुजियों एवं शिक्षाकर्मियों को नियमित कर दिया है।हमारी मांग है कि सभी सविंदा कर्मचारियों को एनएचएम, अन्य परियोजनाओं, स्वास्थ्य में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, संविलियन किया जाए एवं सेवा से निष्कासित कर्मचारियों की बहाली की जाए। जब तक मांग पूरी नहीं होगी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल से वापस नहीं आएंगे।
बता दे कि नियमितिकरण के साथ ही अप्रेजल प्रक्रिया बंद करने और पूर्व में निष्कासित संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने खाली पदों पर संविलियन करने की मांग की है।
बताया जा रहा है कि अगर ये हड़ताल यूं ही चलती रही तो 11 मार्च से शुरु हो रहे पल्स पोलियो अभियान के द्वितीय चरण पर काफी असर पड़ेगा।प्रदेश के हजारों बच्चे पोलियो की दवा पीने से वंचित रह जाएंगें।हालांकि 10 मार्च को कर्मचारी संघ की मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा होना है जिसके बाद कुछ बदलाव के असर हो सकते है। सरकार संविदाकर्मियों के हित में कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
कर्मचारियों का आरोप है कि संविदा कर्मचारी अधिकारी विभिन्न विभागों में करीब 15-20 साल से कार्यरत हैं और अपने नियमितीकरण एवं समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं। शासन द्वारा आश्वासन दिया जाकर कोई कार्रवाई आज तक नहीं की गई है। संविदा कर्मचारी अपने आप को शोषित और ठगा सा महसूस कर रहे हैं, जबकि शासन ने बगैर कोई परीक्षा दिए भर्ती किए गए संविदा गुरुजियों एवं शिक्षाकर्मियों को नियमित कर दिया है।हमारी मांग है कि सभी सविंदा कर्मचारियों को एनएचएम, अन्य परियोजनाओं, स्वास्थ्य में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, संविलियन किया जाए एवं सेवा से निष्कासित कर्मचारियों की बहाली की जाए। जब तक मांग पूरी नहीं होगी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल से वापस नहीं आएंगे।
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