104 साल की कुंवरबाई के PM मोदी ने छुए पैर जानिए क्या था इसका कारण
कुरूभात (छत्तीसगढ़) : छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में 104 वर्षीय जिस महिला ने अपने घर में शौचालय बनाने के लिए अपनी बकरियां बेच दी थीं, उनकी तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की.
कुंवर बाई को सम्मानित किया
प्रधानमंत्री ने राज्य के नक्सल प्रभावित जिला राजनांदगांव के कुरूभात गांव में रविवार को ‘आर-अर्बन मिशन’ के शुभारंभ के दौरान कुंवर बाई को सम्मानित किया. मोदी ने मंच पर ही कुंवर बाई के पांव भी छुए.
शौचालय के लिए बेची थीं बकरियां
मोदी ने कहा, ‘104 वर्षीय एक बूढ़ी महिला जो एक दूर दराज के गांव में रहती है, टीवी नहीं देखती ना ही समाचारपत्र पढ़ती है, लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाने का संदेश किसी ना किसी तरह उन तक पहुंच गया. उन्होंने अपने घर में शौचालय बनाने के लिए अपनी बकरियां बेच दी और गांव के अन्य लोगों को भी इसे बेचने के लिए प्रेरित किया.’ कुंवर बाई ने अपने घर में दो शौचालय बनाने के लिए 8-10 बकरियां बेची थीं.
कुंवर बाई से प्रेरित हुए गांववाले
उन्होंने अपने घर में बनाए गए शौचालयों को कुछ अन्य ग्रामीणों को दिखाना शुरू किया. साथ ही उन्हें इसके महत्व के बारे में जानकारी दी. अब गांव के घर-घर में शौचालय है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं मीडिया से कहना चाहूंगा कि आप मुझे कवर नहीं करिए लेकिन इस महिला की कहानी देश भर में फैलाइए.’
मोदी ने अंबागढ़ चौकी और छुरिया ब्लॉकों के बाशिंदों की भी सराहना की जहां के सभी घर खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं. उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि एक प्रधानमंत्री को भी कर (लोगों पर) लगाने से पहले सोचना होता है लेकिन इन ब्लॉकों में लोगों ने बगैर किसी हिचकिचाहट के उन लोगों पर जुर्माना लगाने का फैसला किया जो खुले में शौच करते हैं.’ यह समाज कल्याण के लिए एक अच्छी कोशिश है.
'अक्टूबर 2019 तक घर-घर में हो शौचालय'
मोदी ने कहा कि एक क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त बनाने का सबसे अधिक लाभ और सम्मान हमारी माताओं और बहनों को मिलता है जो शौच के लिए खेतों और जंगलों में जाती हैं. मैं उनके सम्मान में अपना सिर झुकाता हूं. उन्होंने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि देश के घर-घर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत अक्टूबर 2019 तक शौचालय हो.’
फूबलसन बाई भी सम्मानित हुईं
मोदी ने फूलबसन बाई यादव को भी सम्मानित किया जो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और जिन्होंने राज्य में सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए विकास कार्य किया है. उन्हें अपने काम के लिए साल 2012 में पदमश्री से सम्मानित किया गया था.
कुंवर बाई को सम्मानित किया
प्रधानमंत्री ने राज्य के नक्सल प्रभावित जिला राजनांदगांव के कुरूभात गांव में रविवार को ‘आर-अर्बन मिशन’ के शुभारंभ के दौरान कुंवर बाई को सम्मानित किया. मोदी ने मंच पर ही कुंवर बाई के पांव भी छुए.
शौचालय के लिए बेची थीं बकरियां
मोदी ने कहा, ‘104 वर्षीय एक बूढ़ी महिला जो एक दूर दराज के गांव में रहती है, टीवी नहीं देखती ना ही समाचारपत्र पढ़ती है, लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाने का संदेश किसी ना किसी तरह उन तक पहुंच गया. उन्होंने अपने घर में शौचालय बनाने के लिए अपनी बकरियां बेच दी और गांव के अन्य लोगों को भी इसे बेचने के लिए प्रेरित किया.’ कुंवर बाई ने अपने घर में दो शौचालय बनाने के लिए 8-10 बकरियां बेची थीं.
कुंवर बाई से प्रेरित हुए गांववाले
उन्होंने अपने घर में बनाए गए शौचालयों को कुछ अन्य ग्रामीणों को दिखाना शुरू किया. साथ ही उन्हें इसके महत्व के बारे में जानकारी दी. अब गांव के घर-घर में शौचालय है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं मीडिया से कहना चाहूंगा कि आप मुझे कवर नहीं करिए लेकिन इस महिला की कहानी देश भर में फैलाइए.’
मोदी ने अंबागढ़ चौकी और छुरिया ब्लॉकों के बाशिंदों की भी सराहना की जहां के सभी घर खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं. उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि एक प्रधानमंत्री को भी कर (लोगों पर) लगाने से पहले सोचना होता है लेकिन इन ब्लॉकों में लोगों ने बगैर किसी हिचकिचाहट के उन लोगों पर जुर्माना लगाने का फैसला किया जो खुले में शौच करते हैं.’ यह समाज कल्याण के लिए एक अच्छी कोशिश है.
'अक्टूबर 2019 तक घर-घर में हो शौचालय'
मोदी ने कहा कि एक क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त बनाने का सबसे अधिक लाभ और सम्मान हमारी माताओं और बहनों को मिलता है जो शौच के लिए खेतों और जंगलों में जाती हैं. मैं उनके सम्मान में अपना सिर झुकाता हूं. उन्होंने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि देश के घर-घर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत अक्टूबर 2019 तक शौचालय हो.’
फूबलसन बाई भी सम्मानित हुईं
मोदी ने फूलबसन बाई यादव को भी सम्मानित किया जो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और जिन्होंने राज्य में सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए विकास कार्य किया है. उन्हें अपने काम के लिए साल 2012 में पदमश्री से सम्मानित किया गया था.
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